चीन से जुड़े इस देश में नहीं बरपा कोरोना का कहर, ऐसे दी इस महामारी को मात
पूरी दुनिया को खौफ में कोरोना वायरस ने जकड़ लिया है, वहीं कई देशों ने इससे लड़ाई में कामयाबी भी पाई। छोटा सा देश सिंगापुर भी इसका उदाहरण है। चीन के करीब और अंतरराष्ट्रीय परिवहन का केंद्र होने की वजह से सिंगापुर में वायरस फैलने का खतरा बहुत ज्यादा था। ऐसे में सिंगापुर की सरकार ने कोरोना के खौफ से निपटने के लिए सख्त कदम उठाए।
नई दिल्ली पूरी दुनिया को खौफ में कोरोना वायरस ने जकड़ लिया है, वहीं कई देशों ने इससे लड़ाई में कामयाबी भी पाई। छोटा सा देश सिंगापुर भी इसका उदाहरण है। चीन के करीब और अंतरराष्ट्रीय परिवहन का केंद्र होने की वजह से सिंगापुर में वायरस फैलने का खतरा बहुत ज्यादा था। ऐसे में सिंगापुर की सरकार ने कोरोना के खौफ से निपटने के लिए सख्त कदम उठाए।
सिंगापुर में कोरोना वायरस
सरकार काफी हद तक वायरस को रोकने में कामयाब भी रही। शुरुआत से अब तक सिंगापुर में कुल 313 मामले सामने आए और यहां इस संक्रमण की वजह से एक भी मौत नहीं हुई है। सिंगापुर में कोरोना वायरस से संक्रमित 117 मरीज ठीक हो चुके हैं, जबकि 196 का अभी इलाज चल रहा है। इनमें 14 की हालत गंभीर है।
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चीन से जब कोरोना वायरस ने पांव पसारने शुरू किए थे, सबसे अधिक खतरा सिंगापुर पर था। फरवरी के मध्य तक चीन के बाहर जिस देश में सबसे अधिक मामले सामने आए थे, उन देशों की सूची में सिंगापुर पहले स्थान पर था। सिंगापुर में तब 80 मामले सामने आ चुके थे। सरकार ने इस खतरे को भांपा और तुरंत ही सख्त कदम उठाए।
सिंगापुर में रह रहे भारतीय मूल के रजनीकांत गांगियान ने कहा,यहां हालात अभी काफी सामान्य हो गए हैं। शुरुआत में जब लोगों को कोरोना वायरस का पता चला था और सरकार ने इसे ऑरेंज लेवल का खतरा बताया था, तब लोगों में डर पैदा हो गया था।
सरकार ने शुरुआती दिनों में ही सख्त यात्रा प्रतिबंध लागू कर दिए थे। चीन, दक्षिण कोरिया या अन्य प्रभावित देशों से आए लोगों से अपने बारे में प्रशासन को जानकारी देने के लिए कहा गया। लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग बढ़ाने को कहा था।
सिंगापुर ही नहीं, इन देशों में लॉकडाउन
सिंगापुर में सरकार ने लोगों से सीधे जुड़ने के लिए वॉट्सऐप ग्रुप शुरू किया और इससे जुड़ी ताजा जानकारी लोगों को दी गई। प्रत्येक उस इलाके को सैनिटाइज्ड किया गया, जहां से कोरोना वायरस के मामले सामने आए। सिंगापुर में लोग नियमों का सख्ती से पालन करते हैं। क्वारनटीन के नियमों का उल्लंघन करने पर सरकार ने एक व्यक्ति की यहां नागरिकता ही ले ली। यात्रा के बारे में गलत जानकारी देने पर एक दंपति पर मुकदमा दर्ज हुआ। वहीं, दूसरी तरफ अमेरिका में भी कोरोना वायरस के मामले मामले बढ़ते जा रहे हैं। अमेरिका में अब तक नौ हजार से अधिक मामलों की पुष्टि हो चुकी है और डेढ़ सौ से अधिक की मौत हो चुकी है। वहां पूरी तरह से सरकार ने लॉक डाउन कर दिया है।
कोरोना वायरस अमेरिका के सभी 50 प्रांत में फैल चुका है। वहां सरकार ने इमारतों के बाहर और भीतर सैनिटाइजर लगा दिए गए हैं. रेस्त्रां खाली हैं. सभी तरह के आयोजन रद्द कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा बहुत कम लोग ही घर से निकल रहे हैं।ऑस्ट्रेलिया में भी पर दिन कोरोना वायरस के नए मामले सामने आ रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया में अब तक 6सौ से अधिक लोगों में संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है और छह लोगों की मौत हुई है। मेलबर्न में रहने वाले लोगों ने फोन पर बताया कि बाजार में टॉयलेट पेपर, सैनिटाइजर और पास्ता जैसी कई चीजें नहीं मिल पा रहीं। लोग चाहते हैं कि दो-तीन सप्ताह के लिए पूरे देश को लॉकडाउन कर दिया जाए।
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बचाव
पूरी दुनिया इस समय कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए कदम उठा रही है। अभी इसका कोई इलाज नहीं है। दुनियाभर से आई ये आवाजें बताती हैं कि किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए. तैयारी और बचाव ही सबसे बेहतर विकल्प है।