वैक्सीन पर लगाई रोक: दक्षिण अफ्रीका ने लिया बड़ा फैसला, ये है बड़ी वजह

जहा दुनियाभर में कोरोना वैक्सीन लगाई जा रही है, वही दक्षिण अफ्रीका ने ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की कोरोना वैक्सीन के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है।

Update:2021-02-08 12:30 IST
दक्षिण अफ्रीका ने अपने इस कोरोना वैक्सीन पर लगाई रोक, ये है बड़ी वजह

प्रिटोरिया: जहा दुनियाभर में कोरोना वैक्सीन लगाई जा रही है, वही दक्षिण अफ्रीका ने ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की कोरोना वैक्सीन के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। वहा के एक वैज्ञानिकों का कहा कहना है कि ये वैक्सीन कोरोना के नए स्ट्रेन के खिलाफ ज्यादा प्रभावी नहीं दिख रही। जिसके चलते ये कदम उठाया गया है।

2020 में मिले नए स्ट्रेन

आपको बता दें, कि पिछले साल नवंबर 2020 में दक्षिण अफ्रीका में नए स्ट्रेन की पुष्टि की गई थी। कोरोना वैक्सीन बनाने वाली लगभाग सभी कंपनियों ने यह दवा किया था कि उनकी वक्सीन नए और पुराने दोनों स्ट्रेन के खिलाफ लड़ने में कारगर है। लेकिन अब ऐसा नहीं लगता।

वैक्सीन पर लगी रोक

वही दक्षिण अफ्रीका के स्वास्थ्य मंत्री ज्वेली मखिजे का इस मामले पर कहना है कि वैक्सीन पर फिलहाल रोक लगा दी गई है। वहां के डॉक्टर फिलहाल डेटा का फिर से अध्ययन कर रहे है। उन्होंने बताया कि पिछले हफ्ते ही यहां वैक्सीन की 10 लाख डोज पहुंची थी। पहले फेज में वहां के हेल्थ वर्कर्स को वैक्सीन की डोज दी जानी थी। लेकिन वैक्सीन की शुरुआत कब होगी इसको लेकर फिलहाल तस्वीर साफ नहीं है।

20 में से 19 लोगों पर दिखा असर

रविवार को वैक्सीन के डेटा पेश हुए जिसके मुताबिक पिछले साल नवंबर में कोरोना का स्ट्रेन दक्षिण अफ्रीका में दिखा था। इसके बाद से जिस किसी को भी ट्रायल के तहत वैक्सीन की डोज़ दी गई उन पर इस वैक्सीन का कोई खास असर नहीं दिखा। वैक्सीन लगने के बाद भी 20 में से 19 लोगों में कोरोना के नए स्ट्रेन का असर दिखा।

नए स्ट्रेन से सभी परेशान

फ्रेड हचिंसन कैंसर रिसर्च सेंटर के एक वायरोलॉजिस्ट लैरी कोरी ने कहा, वैक्सीन स्पष्ट रूप से हल्की और मध्यम बीमारी के लिए इस वैरिएंट के खिलाफ काम नहीं करता है।

दक्षिण अफ्रीका में नए वैरिएंट को B.1.351 का नाम दिया है। ये काफी तेजी से फैल रहा है। ये नया वैरिएंट अमेरिका के तीन राज्यों के अलावा 30 और देशों में मिले हैं। ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन नवंबर के महीने में काफी असरदार थी। लेकिन इस नए स्ट्रेन के आने के बाद इसके नतीजे बेहद खराब आने लगे।

ये भी पढ़ें : इस देश में जल्द तख्तापलट! दिखे म्यांमार जैसे हालात, हो सकती है राष्ट्रपति की हत्या

Tags:    

Similar News