वॉशिंगटन : आर्थिक क्षेत्र सहित दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों में अपना दबदबा कायम रखने वाले अमेरिका ने स्पेस की दुनिया में भी सबको पीछे छोडऩे की तैयारी कर ली है। इसके लिए अमेरिका ने स्पेस फोर्स का गठन करने का फैसला किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पेंटागन को स्पेस फोर्स तैयार करने का आदेश भी जारी कर दिया है। उनका कहना है कि यह फैसला अमेरिका की निजी सुरक्षा को देखते हुए लिया गया है। ट्रंप का कहना है कि वे अमेरिकी सेना की छठी शाखा बनाना चाहते हैं जो अंतरिक्ष सेना यानी स्पेस फोर्स होगी। अभी तक दुनिया के किसी देश ने ऐसी फोर्स का गठन नहीं किया है। इसलिए अमेरिका इस तरह की फोर्स बनाने वाला पहला देश होगा।
अंतरिक्ष में अमेरिका की दमदार मौजूदगी जरूरी
डोनाल्ड ट्रम्प ने राष्ट्रीय अंतरिक्ष परिषद की बैठक से पहले कहा कि जब अमेरिका की रक्षा करने की बात आती है तो अंतरिक्ष में केवल हमारी मौजूदगी ही काफी नहीं है। अंतरिक्ष में भी अमेरिका की दमदार व प्रभावी मौजूदगी होनी चाहिए। इसलिए मैंने पेंटागन को स्पेस फोर्स तैयार करने का आदेश दिया है। अमेरिका की एयरफोर्स की तरह ही स्पेस फोर्स होगा, लेकिन यह उससे अलग होगा। पूरी दुनिया की नजरें हम पर हैं, अमेरिका फिर से सम्मानित हो रहा है। उन्होंने कहा कि यह्र एक अलग सेना होगी और इससे न केवल देश की सुरक्षा बढ़ेगी बल्कि नई नौकरियां बनेंगी और अर्थव्यवस्था में भी सुधार आएगा। ट्रंप ने घोषणा की कि ये बेहद अहम है। मैं रक्षा विभाग और पेंटागन को अमेरिकी सेना की छठी शाखा के रूप में स्पेस सेना तैयार करने के मद्देनजर तुरंत काम शुरू करने का निर्देश देता हूं। अंतरिक्ष सेना वायुसेना से अलग होगी, लेकिन वायुसेना के समान होगी। ट्रंप ने चीन व रूस का नाम लेते हुए कहा कि वे इन जैसे किसी अन्य देश को अमेरिका से आगे नहीं देखना चाहते।
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मंगल ग्रह का मिशन भी जल्द शुरू होगा
ट्रंप ने कहा कि मैंने दिसंबर में एक ऐतिहासिक आदेश पर हस्ताक्षर किया था। मैंने कहा था कि 1972 के बाद मैं अमेरीकियों को दोबारा चांद पर लेकर जाऊंगा। इस बार हम चांद पर न सिर्फ अपना झंडा और अपने कदमों के निशान छोड़ेंगे बल्कि लंबे समय के लिए वहां अपनी मौजूदगी भी बनाएंगे। अमेरिका फिर से चांद पर जाएगा और लोगों को मंगल ग्रह पर भेजने की भी तैयारी करेगा। हम अपनी अर्थव्यवस्था का विस्तार करेंगे और फिर मंगल ग्रह पर जाने के लिए अपना मिशन शुरू करेंगे। यह सबकुछ बहुत जल्द होगा और इसमें ज्यादा समय नहीं लगेगा। ट्रंप ने यह संकेत भी दिया कि यह तेजी से उभर रही कॉमर्शियल स्पेस इंडस्ट्री के साथ कदम से कदम मिलाकर काम करेंगे।
स्पेस फोर्स के स्वरूप का खुलासा नहीं
वैसे अभी यह खुलासा नहीं हो सका है कि स्पेस फोर्स का रूप क्या होगा और वो कैसे काम करेगा। अभी तक इस बाबत कोई जानकारी नहीं दी गयी है। ट्रंप की प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद संवाददाताओं के मुताबिक जैसे ही ट्रंप ने स्पेस आर्मी के गठन की बात की तो उनकी बात सुनकर सभी लोग हैरत में पड़ गए।
यहां तक कि कुछ लोग तो हंसने भी लगे। वैसे अमेरिकी कांग्रेस को इस बाबत कानून भी पारित करना होगा जो अमेरिकी राष्ट्रपति के इस फैसले को वैध करार दे। हालांकि ट्रंप का यह प्रस्ताव नया नहीं है। अमेरिका में पहले भी इस तरह का प्रस्ताव रखा जा चुका है। अमेरिका के पूर्व रक्षामंत्री डोनल्ड रम्सफील्ड ने भी साल 2000 में एक अलग स्पेस फोर्स तैयार करने का प्रस्ताव रखा था मगर बाद में रम्सफील्ड के इस प्रस्ताव का कोई नतीजा नहीं निकला।