देश में होगा रक्तपात: सांसद ने चेताया, श्रीलंका में लगातार बढ़ रहा संकट
Sri Lanka Economic Crisis: श्रीलंका में नेता नई सरकार के गठन को लेकर आपस में ही उलझे हुए हैं। इस बीच सत्ताधारी गठबंधन में शामिल एक दल के सांसद ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि यदि जल्द से जल्द अंतरिम सरकार का गठन नहीं हुआ तो पूरे देश में हिंसा और अराजकता का आलम होगा।
Sri Lanka Economic Crisis: भीषण आर्थिक संकट में धंसे श्रीलंका (Sri Lanka Economic Crisis) में जहां जनता दैनिक जरूरत की चीजों के लिए तरस रही है। वहीं, संसद में सरकार और विपक्ष के बीच घमासान छिड़ा हुआ है। देश को इस गंभीर संकट से जल्द से जल्द निकालने के बजाय श्रीलंकाई नेता नई सरकार के गठन को लेकर आपस में ही उलझे हुए हैं। इस बीच सत्ताधारी गठबंधन में शामिल एक दल के सांसद ने मौजूदा हालात पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि यदि जल्द से जल्द अंतरिम सरकार का गठन नहीं हुआ तो पूरे देश में हिंसा और अराजकता का आलम होगा।
अंतरिम सरकार के गठन की कवायद
श्रीलंका को दशकों के सबसे खराब आर्थिक संकट से बाहर निकालने के लिए अंतरिम सरकार के गठन की मांग की जा रही है। श्रीलंकाई सांसदों के एक समूह ने संसद के अध्यक्ष से सभी दलों के साथ चर्चा करने का आग्रह किया है, ताकि अधिकांश संसद सदस्य के समर्थन से देश में एक बहुमत समर्थिक अंतरिम प्रधानमंत्री की नियुक्ति हो सके। पूर्व कैबिनेट मंत्री विमल वीरावांसा (Former cabinet minister Vimal Veeravansa) ने मौजूदा राजपक्षे सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि मौजूदा समस्या का हल करने के लिए पहली शर्त है ये कि राजपक्षे सरकार को सत्ता छोड़नी होगी औऱ इसके स्थान पर एक अंतरिम सरकार का गठन हो।
दरअसल इससे पहले श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे (Sri Lankan President Gotabaya Rajapaksa) ने पद छोड़ने की मांग को ठुकराते हुए कहा था कि वो किसी भी कीमत पर राष्ट्रपति का पद नहीं छोड़ेंगे। विपक्ष ने राजपक्षे परिवार के खिलाफ जनता में पनपे आक्रोश को देखते हुए उन्हें तुरंत सत्ता त्यागने की मांग की है। राजपक्षे विपक्ष को मंत्रिमंडल में शामिल होने का न्यौता भी दे चुके हैं। लेकिन विपक्ष उनके साथ काम करने से साफ मना कर चुका है और उन्हें पद छोड़ने के लिए कह रहा है।
श्रीलंका में होगा रक्तपात
श्रीलंका में सत्तारूढ गठबंधन के एक सांसद विजयादाश राजपक्षे (MP Vijayadasha Rajapakse) ने विपक्ष औऱ सरकार के बीच जारी टकराव को लेकर गंभीर चेतावनी दी है। राजपक्षे ने कहा कि सरकार और विपक्ष के सदस्यों के रूप में हमारी जिम्मेदारी है। अगर जल्द से जल्द अंतरिम सरकार का गठन नहीं हुआ तो पूरे देश में हिंसा और अराजकता का फैल जाएगा। अगर ऐसा होता है तो इस रक्तपात के लिए हम और आप दोनों जवाबदेह होंगे।
बता दें कि राजपक्षे परिवार के प्रति जनता में पनपे आक्रोश को देखते हुए मंगलवार को 41 सांसदों ने सत्तारूढ गढबंधन से अपना समर्थन वापस खींच लिया है। ऐसे में राजपक्षे सरकार पर अल्पमत में आने का खतरा मंडरा लगा है। वहीं राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे चाहते हैं कि उनकी कुर्सी जाए बगैर देश में अंतरिम सरकार का गठन हो, जिसे विपक्ष मानने के लिए बिल्कूल तैयार नहीं है।
कोलंबो में तेज होता विरोध प्रदर्शन
राजधानी कोलंबो में जनता का धैर्य़ अब जवाब दे रहा है। एकबार फिर हजारों की संख्या में छात्र प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे (Prime Minister Mahinda Rajapakse) के आवास के बाहर जमा हो गए हैं। भारी बारिश के बीच ये छात्र सरकारी विरोधी प्रदर्शन कर रहे हैं। बता दें कि प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे (Prime Minister Mahinda Rajapakse) श्रीलंका की राजनीति में राजपक्षे परिवार को स्थापित करने वाले शख्स हैं। श्रीलंकाई सरकार के महत्वपूर्ण पद और अर्थव्यवस्था के बड़े हिस्से पर परिवार का कब्जा है।
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