आतंकी ग्रुप्स नहीं दुनिया के इन 4 देशों ने भी तैयार किए थे आत्मघाती दस्ते
आप सभी ने आत्मघाती आतंकियों के बारे में तो अक्सर सुना होगा। लेकिन आज हम आपको बताएंगे कि कई देशों ने अपनी आर्मी में भी आत्मघाती दस्ते तैयार किए थे। दूसरे विश्व युद्ध के दौरान इन्हें इस्तेमाल किया गया। कैसे ये आत्मघाती दस्ते हमला करते थे... यही आज हम आपको बता रहे हैं।
लखनऊ : आप सभी ने आत्मघाती आतंकियों के बारे में तो अक्सर सुना होगा। लेकिन आज हम आपको बताएंगे कि कई देशों ने अपनी आर्मी में भी आत्मघाती दस्ते तैयार किए थे। दूसरे विश्व युद्ध के दौरान इन्हें इस्तेमाल किया गया। कैसे ये आत्मघाती दस्ते हमला करते थे... यही आज हम आपको बता रहे हैं।
ये भी देखें : मर्द कहलाने लायक नहीं! ATM में युवती को दिखाया प्राइवेट पार्ट, हुआ गिरफ्तार
केतन, जापान
दूसरे विश्व युद्ध में मित्र देशों के लड़ाकू विमानों को गिराने के लिए जापान ने कमीकाजी पायलट और युद्धपोतों पर हमला करने के लिए जापान ने केतन नाम से आत्मघाती दस्ते बनाए। केतन दस्ते में पनडुब्बी शामिल थी। इसके पायलट को निर्देश थे कि दुश्मन के जहाज से अपनी पनडुब्बी को लड़ा दे। फरवरी 1944 में इस पर काम शुरू हुआ।
फिसलर एफआई 103आर, जर्मनी
दूसरे विश्व युद्ध के समय जर्मनी ने ब्रिटेन की आर्मी पर वी-1 बम का इस्तेमाल किया था। वी-1 एक मानवरहित क्रूज मिसाइल थी। 1944 में जर्मनी जब हार की कगार पर था। तब हिटलर ने इस मिसाइल को सैनिकों द्वारा चालित करने का प्लान बनाया। लेकिन इसका इस्तेमाल हो सके उसे ऐसा मौका नहीं मिला।
ये भी देखें : वाराणसी के रण से एक और योद्धा हुआ बाहर, क्या पीएम मोदी की राह होगी आसान?
आयरिश रिपब्लिकन आर्मी
आयरिश रिपब्लिकन आर्मी (आईआरए) ने ब्रिटेन से बदला लेने के लिए उन लोगों के परिवार को निशाना बनाया जिनका ब्रिटिश सरकार से था। इन परिजनों को बम से लदी गाड़ी को चलाकर टारगेट तक ले जाने को मजबूर किया जाता।
मायाले, इटली
दूसरे विश्व युद्ध के दौरान इटली ने मायाले नाम का टारपीडो बनाया। इसका प्रयोग ब्रिटेन और फ्रांस की सेना के पर किया गया। टारपीडो दुश्मन के जहाज पर सटीक निशाना लगाए इसके लिए दो क्रूमैन को तैनात किया गया। क्रूमैन का काम था कि वो टारपीडो को वारहेड को डिटैच करें और विस्फोट से पहले भाग निकलें। लेकिन इस विस्फोट में कोई भी क्रूमैन बचता नहीं था।
ये भी देखें : हुआ तो हुआ: अमित शाह ने पित्रोदा के बयान पर राहुल से जवाब मांगा है