अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड में तालिबान की एंट्री, महिला क्रिकेट टीम पर मंडराया खतरा!

Taliban terrorists have also entered the office of Afghanistan Cricket Board today...

Newstrack :  Network
Published By :  Ragini Sinha
Update:2021-08-20 10:25 IST

अफ़गानिस्तान क्रिकेट बोर्ड ऑफिस में घुसा तालिबान (social media) 

अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद अब तालिबान गुरुवार को काबुल में अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड के हेड ऑफिस में भी घुस गए। सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें तालिबान के आतंकी एके-47 लेकर क्रिकेट बोर्ड के दफ्तर में घुसे हैं और उनके साथ पूर्व स्पिनर अब्दुल्लाह मजारी भी है। अब्दुल्लाह मजारी बाएं हाथ के स्पिनर हैं और उन्होंने अफगानिस्तान के लिए 2 वनडे मैच भी खेले हैं। इसके अलावा ये खिलाड़ी 21 फर्स्ट क्लास मैच, 16 लिस्ट ए और 13 टी20 मुकाबले भी खेल चुका है।

अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड ऑफिस में घुसा तालिबान 

तालिबान को पसंद है क्रिकेट

अफगान क्रिकेट बोर्ड के सीईओ हामिद शेनवारी का दावा है कि तालिबान से अफगानी क्रिकेटरों और उनके परिवार को कोई खतरा नहीं है। शेनवारी ने कहा कि तालिबान को क्रिकेट पसंद है और टीम टी20 वर्ल्ड कप में हिस्सा लेगी। यही नहीं अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड 10 से 25 सितंबर तक शपागीजा क्रिकेट लीग को आयोजित करने का दावा भी कर रहा है।

अफगानिस्तान की महिला क्रिकेट टीम पर खतरा

तालिबान महिलाओं की आजादी के खिलाफ है। अब अफगानिस्तान में उसकी सत्ता आते ही मुल्क की महिला क्रिकेट टीम का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है। पिछले साल ही अफगानिस्तान ने 25 महिला खिलाड़ियों को पहली बार सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट दिया था। अगर अफगानिस्तान की महिला टीम तालिबान की वजह से टूटती है, तो ये देश आईसीसी का पूर्ण सदस्य नहीं रह पाएगा क्योंकि इसके लिए दोनों टीमें होनी जरूरी हैं। 

20 साल बाद अफगानिस्तान की सत्ता में लौट रहा तालिबान

अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा हो गया है। 20 साल बाद तालिबान अफगानिस्तान की सत्ता में लौट रहा है। जिस तरह से तालिबान की अफगानिस्ता में वापसी हुई है, उसकी कल्पना 2021 के शुरू में मुश्किल थी, मगर अब यह हकीकत हो गया है और अफगानिस्तान में तालिबान का राज हो गया है। लेकिन यहां समझने की जरूरत होगी कि आखिर 20 साल बाद अफगानिस्तान में तालिबान की जीत कैसे हुई और किन 10 तारीखों ने इतिहास बदल कर रख दिया। तो चलिए जानते हैं 10 तारीखों में अफगानिस्तान में तालिबान के वापसी की कहानी। 

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