तिब्बत के मुद्दे पर अमेरिका और चीन में तनातनी बढ़ी, ड्रैगन ने भी किया ये एलान

अमेरिका और चीन के बीच विभिन्न मुद्दों पर लगातार बढ़ रही तनातनी में अब एक नया मुद्दा तिब्बत का जुड़ गया है। हांगकांग के बाद तिब्बत में मानवाधिकारों के...

Update:2020-07-08 23:36 IST

अंशुमान तिवारी

नई दिल्ली: अमेरिका और चीन के बीच विभिन्न मुद्दों पर लगातार बढ़ रही तनातनी में अब एक नया मुद्दा तिब्बत का जुड़ गया है। हांगकांग के बाद तिब्बत में मानवाधिकारों के उल्लंघन को लेकर दोनों देशों के बीच तनातनी काफी बढ़ गई है। अमेरिका ने तिब्बत में मानवाधिकार उल्लंघन का आरोप लगाते हुए चीन के अधिकारियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके जवाब में चीन ने भी अमेरिका को कड़ी चेतावनी दी है। चीन ने कहा है कि तिब्बत को लेकर अमेरिका का व्यवहार पूरी तरह अहंकारी है और इस अहंकारी व्यवहार के खिलाफ चीन अमेरिकी नागरिकों के वीजा पर बैन लगाएगा।

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अमेरिकी नागरिकों के वीजा पर बैन

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने अमेरिकी रुख पर कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए अमेरिकी नागरिकों के वीजा पर बैन लगाने का एलान किया। उन्होंने कहा कि चीन किसी भी सूरत में तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में किसी विदेशी ताकत को हस्तक्षेप की इजाजत नहीं देगा। तिब्बत की सीमाएं भारत से लगी हुई हैं और यह इलाका दुनिया में सबसे ज्यादा प्रतिबंधित और सेंसर्ड क्षेत्र माना जाता रहा है।

चीन ने पर तिब्बत में पहले ही विदेशियों के आने पर प्रतिबंध लगा रखा है। यह प्रतिबंध केवल अमेरिका पर ही नहीं बल्कि खास तौर पर राजनयिकों और पत्रकारों पर लगाया गया है। चीन की ओर से सीमित संख्या में विदेशी पर्यटकों को ही तिब्बत में आने की अनुमति है और आने वालों के साथ हमेशा चीनी सरकार के प्रतिनिधि लगे रहते हैं।

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अमेरिका के फैसले पर कड़ी आपत्ति

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका की तरफ से उठाए गए कदमों पर चीन को कड़ी आपत्ति है। प्रवक्ता झाओ ने कहा कि अमेरिका की तरफ से गलत कदम उठाए गए हैं और अमेरिकी कार्रवाई का जवाब देने के लिए चीन ने भी अमेरिकी लोगों के वीजा पर बैन लगाने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि चीन को अमेरिका की कार्रवाई स्वीकार नहीं है क्योंकि यह गलत तथ्यों के आधार पर की गई है और अमेरिका सबको दिग्भ्रमित करने की कोशिश कर रहा है।

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अमेरिका ने भी लगाया था बैन

इससे पहले अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने तिब्बत में चीनी सरकार की तरफ से मानवाधिकारों के उल्लंघन का गंभीर आरोप लगाया था। उनका कहना था कि चीन की ओर से तिब्बत में तमाम तरीके की बंदिशें लागू की गई हैं और वहां मानवाधिकारों का हनन किया जा रहा है। उन्होंने इस मुद्दे पर चीनी अधिकारियों के वीजा पर रोक लगाने का भी एलान किया था। उनका कहना था कि चीन की ओर से अमेरिकी राजनयिकों, पत्रकारों और पर्यटकों को यात्रा करने से रोका जाता है और इसलिए अमेरिका भी चीन के खिलाफ कदम उठाएगा।

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हांगकांग के मुद्दे पर भी दोनों देशों में टकराव

तिब्बत के मुद्दे से पहले हांगकांग के मुद्दे पर भी दोनों देशों में जबर्दस्त टकराव हो चुका है। अमेरिका ने आरोप लगाया था हांगकांग में सख्त सुरक्षा कानून लागू करने के बहाने हांगकांग के लोगों की आवाज दबाने की साजिश रची गई है। अमेरिका ने हांगकांग के मुद्दे पर भी चीन के खिलाफ तमाम प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी। दरअसल कोरोना का संक्रमण फैलने के बाद से ही दोनों देशों के बीच लगातार तनातनी बढ़ती जा रही है। कोरोना का संक्रमण फैलने के बाद अमेरिका ने इसके लिए चीन को जिम्मेदार बताया था। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप समय-समय पर आरोप लगाते रहे हैं कि चीन ने इस वायरस के संबंध में पूरी दुनिया को अंधेरे में रखा जिस कारण पूरी दुनिया इस वायरस के संकट में फंस गई।

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