Turkey-Syria Earthquake: तुर्किये और सीरिया में मरने वालों की तादाद 9500 के पार, 55 हजार से अधिक कर्मी रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे

Turkey-Syria Earthquake: अब तक तुर्किये और सीरिया में शक्तिशाली भूकंप की चपेट में आए 9500 से लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें तुर्किये में 5894 लोगों ने और सीरिया में 2100 लोगों ने अपनी जान गंवाई है।

Update:2023-02-08 14:00 IST

Turkey-Syria Earthquake (Pic: Social Media)

Turkey-Syria Earthquake: सोमवार को आए भूकंप ने तुर्किये और सीरिया में जबरदस्त तबाही मचाई है। दोनों देशों में लाशों का अंबार लग चुका है। शहरों की इमारतें मलबे के ढ़ेर में तब्दील हो चुकी है। घटना के तीन दिन बाद भी मलबे में दबे लोगों को निकालने का सिलसिला जारी है। दोनों देशों से मन को विचलित करने वाली तस्वीरें और वीडियो सामने आ रहे हैं। इस कड़ाके की सर्दी में बारिश और बर्फ के बीच बचाव कर्मियों के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन को जारी रखना काफी मुश्किल साबित हो रहा है।

मृतकों का आंकड़ा पहुंचा 9 हजार के पार

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब तक तुर्किये और सीरिया में शक्तिशाली भूकंप की चपेट में आए 9500 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें तुर्किये में 5894 लोगों ने और सीरिया में 2100 लोगों ने अपनी जान गंवाई है। वहीं, घायलों की संख्या 35 हजार के करीब पहुंच गई है। तुर्किये में 8 हजार लोगों को रेस्क्यू किया गया है। दोनों देशों में 11 हजार के करीब इमारतें तबाह हो गई हैं। इन मलबों से लोगों को निकालने की कोशिश जारी है।

ऐतिहासिक इमारतों को पहुंचा काफी नुकसान

ऑटोमन साम्राज्य का केंद्र रहे तुर्किये मे कई ऐतिहासिक इमारतें मौजूद हैं, जिन्हें इस जोरदार भूकंप में काफी नुकसान पहुंचा है। मालाटया शहर में स्थित 100 साल से अधिक पुरानी एक मस्जिद पूरी तरह से ढह गई। इसी के साथ 100 साल पुराना इतिहास मलबे के ढ़ेर में तब्दील हो गया। 

70 से अधिक देश मदद को आगे आए

तुर्किये और सीरिया में आए इस विनाशकारी भूकंप का केंद्र तुर्किये ही था। इसलिए सबसे अधिक तबाही यहीं मची है। इस भूकंप के कारण तुर्किये 10 फीट अपनी जगह से खिसक गया। नाटो मेंबर तुर्किये की मदद के लिए दुनिया के 70 से अधिक देश और 14 अंतरराष्ट्रीय संगठन आगे आए हैं। इनमें वो यूरोपीय देश भी हैं, जिनका तुर्किये से छत्तीस का आंकड़ा चल रहा है।

तुर्किये में तीन महीने के लिए इमरजेंसी का ऐलान किया गया है। सभी स्कूलों को 13 फरवरी तक बंद कर दिया गया है। सभी सरकारी इमारतों को अस्थायी शेल्टर होम में बदल दिया गया है। इसके अलावा 10 हजार कंटनेर में भूकंप पीड़ितों के लिए शेल्टर बनाने की तैयारी की गई है। दोनों देशों में भूकंप प्रभावितों की सहायता के लिए 55 हजार से अधिक बचाव कर्मी रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे हुए हैं।

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