पाक में दो हिंदू नाबालिग लड़कियों का अपहरण, सांसद के भाई पर शक

पाकिस्तान में कोरोना संकट के दौरान हिंदुओं और ईसाइयों को खाना ना देने की शिकायतों के बाद अब सिंध एक हिंदू परिवार को निशाना बनाया गया है।

Update: 2020-04-25 03:30 GMT

अंशुमान तिवारी

इस्लामाबाद। पाकिस्तान में कोरोना संकट के दिनों में भी अल्पसंख्यक हिंदू परिवारों पर जुल्म-ज्यादती का दौर जारी है। पाकिस्तान में कोरोना संकट के दौरान हिंदुओं और ईसाइयों को खाना ना देने की शिकायतों के बाद अब सिंध एक हिंदू परिवार को निशाना बनाया गया है। सिंध के अल्पसंख्यक हिंदू परिवार की दो नाबालिग लड़कियों का अपहरण करने के बाद परिवार को धमकियां दी जा रही हैं। इस घटना में इलाके के एक प्रभावशाली नेता के भाई का हाथ बताया जा रहा है। कोरोना संकट के दिनों में हुई इस घटना से हिंदू परिवारों में दहशत फैल गई है।

परिजनों ने लगाया सांसद के भाई पर आरोप

घटना के संबंध में पीड़ित परिवार के परिजनों ने एक वीडियो जारी किया है। परिजनों ने इस घटना में पाकिस्तान की नेशनल असेंबली के सदस्य पीर फैसल शाह जिलानी के भाई का हाथ बताया है। पीड़ित परिवार का कहना है कि शिकायत करने के बाद पुलिस से सहायता मिलना तो दूर उल्टे परिवार को धमकियां दी जा रही हैं। पीड़ित परिवार ने मांग की है कि जल्द से जल्द उनकी बेटियों की तलाश कर उन्हें परिजनों को सौंपा जाए।

पीड़ित परिवार को सता रहा इस बात का डर

अपहरण का शिकार हुए परिवार का कहना है कि उन्हें इस बात का डर है कि अगर पुलिस ने इस मामले में उचित कार्रवाई नहीं की तो दोनों अगवा बहनों का जबरन धर्मांतरण कर उनकी शादी करवा दी जाएगी। सिंध प्रांत में पहले भी ऐसी घटनाएं होती रही हैं। वहां की विधानसभा में ऐसी घटनाएं रोकने के लिए कानून बनाने की मांग भी उठ चुकी है। कई अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने भी पाकिस्तान से ऐसी घटनाओं पर रोक लगाने को कहा है। पाकिस्तान में कट्टरपंथी सांसदों के दबाव के कारण नेशनल असेंबली में इस बाबत कोई कड़ा कानूनी प्रावधान नहीं हो पा रहा है।

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हिंदू लड़कियों की करा रहे जबरन शादी

पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदुओं और ईसाइयों के साथ उत्पीड़न की घटनाएं कोई नई नहीं है। वहां समय-समय पर अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जाता रहा है और पुलिस में शिकायत के बावजूद ऐसे मामलों में कोई कार्रवाई नहीं की जाती। मूवमेंट फॉर सॉलिडेरिटी एंड पीस ने भी इस मुद्दे को उठाया है। संगठन का कहना है कि हर साल पाकिस्तान में हिंदू और ईसाई परिवारों के एक लड़कियों को निशाना बनाया जाता है और जबरन उनकी शादी मुस्लिम युवकों से करा दी जाती है। सरकार की ओर से ऐसी घटनाओं को रोकने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाए जाते।

हिंदू परिवारों को नहीं दिया जा रहा भोजन

पाकिस्तान में कोरोना संकट के दिनों में भी हिंदू और ईसाई परिवारों के साथ सौतेला व्यवहार करने का मामला सामने आया है। एक अमेरिकी संगठन का भी करना है कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यक गरीब परिवारों को संकट के इन दिनों में भी सरकार की ओर से भोजन नहीं मुहैया कराया जा रहा है। संगठन ने पाकिस्तान से अल्पसंख्यकों के साथ ऐसा सौतेला व्यवहार बंद करने की मांग की है।

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