Russia Ukraine War: यूक्रेन के ड्रोन हमले में दो रूसी पेट्रोलिंग बोट तबाह, कई सैनिकों के मारे जाने की खबर
Russia Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध में यूक्रेन ने ब्लैक सी में दो रूसी पेट्रोलिंग बोटों को तबाह (Two Russian patrol boats destroyed) करने का दावा किया है।
Kyiv: रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध (russia ukraine war) के दो माह से अधिक हो चुके हैं। दोनों देशों के बीच जंग का आज अपने 68वें दिन में प्रवेश कर चुका है। लेकिन अब तक कोई शांति वार्ता पटरी पर नहीं आ सकी है। दोनों देशों के बीच भीषण संघर्ष जारी है। इस बीच यूक्रेन ने ब्लैक सी में दो रूसी पेट्रोलिंग बोटों को तबाह (Two Russian patrol boats destroyed) करने का दावा किया है। यूक्रेनी सेना की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया कि उसके एक ड्रोन ने ब्लैक सी में रूस की दो रैप्टर क्लास बोट को निशाना बनाया और उन्हें तबाह कर दिया।
इस हमले में रूसी सैनिकों के मरने की वास्तिविक संख्या नहीं बताई गई है। लेकिन माना जा रहा है कि कई रूसी सैनिक इस ड्रोन हमले में हताहत हुए हैं। बता दें कि इससे पहले भी यूक्रेन ने एक बड़ा दावा करते हुए कहा था कि उसने खार्किव क्षेत्र के चार गांवों पर वापस अपना नियंत्रण पा लिया है। एक रिपोर्ट के अनुसार, इस जंग में अब तक 24 हजार रूसी सैनिक मारे जा चुके हैं।
यूएस ने यूक्रेन को मदद का दिया आश्वासन
बीते दिनों अचानक यूक्रेन की राजधानी कीव (Ukraine capital Kyiv) पहुंची अमेरिका की हाउस स्पीकर नैंसी पेलोसी ने राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से तीन घंटे लंबी मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति जेलेंस्की को भरोसा दिया कि अगर युद्ध लंबा खींचता है तो अमेरिका यूक्रेन के साथ जंग के खत्म होने तक रहेगा। बता दें कि नैंसी यूक्रेन जाने वाली अमेरिका की सबसे बड़ी लीडर है।
यूक्रेन पर हो सकता है बड़ा हमला
यूक्रेन के खिलाफ कठिन जंग लड़ रही रूसी सेना के टूटते मनोबल को देखते हुए राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन (Russian President Vladimir Putin) कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं। खुफिया अधिकारियों के मुताबिक, राष्ट्रपति पुतिन कीव पर कब्जा करने में असफल रहने के कारण हुई शर्मिंदगी का बदला लेने के लिए यूक्रेन पर चौतरफा हमला कर सकते हैं। माना जा रहा है कि 9 मई को पुतिन यूक्रेन के खिलाफ बड़ी जंग का ऐलान कर सकते हैं। बता दें कि 9 मई को रूस में विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन सोवियत सेना ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हिटलर की जर्मन सेना को हराया था।