ट्रंप की धमकी बेअसर ! ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी ईरानी परमाणु समझौते पर कायम
ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी ने साल 2015 में ईरान के साथ हुए परमाणु समझौते के प्रति अपनी बचनबद्धता दोहराई है।
लंदन : ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी ने साल 2015 में ईरान के साथ हुए परमाणु समझौते के प्रति अपनी बचनबद्धता दोहराई है। तीनों देशों के नेताओं ने यह बात अमोरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान के संदर्भ में कही है, जिसमें उन्होंने इस समझौते को छोड़ने की धमकी दी है।
संयुक्त व्यापक कार्य योजना (जेसीपीओए) के तहत अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस, ब्रिटेन और जर्मनी ईरान के खिलाफ लागू प्रतिबंधों को उसके (ईरान) द्वारा परमाणु कार्यक्रम संबंधी नियंत्रण को स्वीकारने पर हटाने के लिए सहमत हुए थे।
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समाचार एजेंसी एफे के मुताबिक, ट्रंप का बयान आने के कुछ घंटे बाद ही शुक्रवार को ब्रिटिश प्रधानमंत्री थेरेसा मे, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने एक संयुक्त बयान में कहा, "हम सभी पक्षों द्वारा जेसीपीओए और इसके पूर्ण कार्यान्वयन के लिए बचनबद्ध हैं।"
तीनों प्रमुखों ने कहा, "जेसीपीओए को संरक्षित करना हमारी साझा राष्ट्रीय सुरक्षा हित में है।" तीनों नेताओं ने कहा कि वे अमेरिकी प्रशासन और कांग्रेस से कोई भी कदम उठाने से पहले सुरक्षा के संबंध में इस मुद्दे पर विचार करने का आग्रह करते हैं।
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ब्रसेल्स (बेल्जियम) में यूरोपीय संघ की विदेश नीति की प्रमुख फेडेरिका मोघरिनी ने ऐसा ही संदेश दिया, लेकिन उन्होंने अपना संदेश बेहद प्रभावी तरीके से दिया।
उन्होंने कहा कि यह एक द्विपक्षीय समझौता है और यह किसी एक देश से संबंधित नहीं है और इसे रद्द करना किसी एक देश के हाथ में नहीं है। यह एक बहुपक्षीय समझौता है, जिसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा सर्वसम्मति से समर्थन मिला हुआ था।
--आईएएनएस
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