Film The Lady of Heaven: क्या है पैगंबर मोहम्मद की बेटी पर बनी फिल्म, जिसका इमाम ने किया विरोध

ब्रिटेन में पैगंबर मोहम्मद की बेटी फातिमा के जीवन पर बनी एक फिल्म द लेडी ऑफ हेवेन को लेकर कोहराम मचा हुआ है। इस मामले में भी दुनिया के कई मुस्लिम बहुल देशों ने सक्रियता दिखाते हुए इसे अपने यहां बैन कर दिया है।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update: 2022-06-13 17:39 GMT

The Lady of Heaven। (Social Media)

Film The Lady of Heaven: भारत में इन दिनों इस्लाम धर्म के संस्थापक पैगंबर मोहम्मद (Islam Founder Prophet Muhammad) के कथित अपमान को लेकर बवाल मचा हुआ है तो वहीं ब्रिटेन में पैगंबर मोहम्मद की बेटी फातिमा (Prophet Muhammad Daughter Fatima) के जीवन पर बनी एक फिल्म द लेडी ऑफ हेवेन को लेकर कोहराम मचा हुआ है। इस मामले में भी दुनिया के कई मुस्लिम बहुल देशों ने सक्रियता दिखाते हुए इसे अपने यहां बैन कर दिया है। ब्रिटेन में भी इस फिल्म को बैन करने का अभियान जोर पकड़ने लगा है। भारी विरोध – प्रदर्शऩ को देखते हुए वहां के सिनेमाघरों ने फिल्म को दिखाने से इनकार कर दिया है।

ब्रिटिश सरकार ने इस मुहिम का समर्थन करने वाले एक सरकारी इमाम को नौकरी से हटा दिया है। इमाम कारी आसिम इस्लामोफोबिया (Imam Qari Asim Islamophobia) पर ब्रिटेन सरकार (UK government) के स्वतंत्र सलाहकार के रूप में कार्यरत थे मुस्लिमों के प्रति घृणा रोकने के लिए बनी वर्कफोर्स के उपाध्यक्ष भी थे। शनिवार को सरकार ने उन्हें उनके पद से बर्खास्त कर प्रदर्शन कर रहे लोगों को सख्त संदेश देने की कोशिश की है।

क्या है फिल्म की कहानी

द लेडी ऑफ हेवेन क इस्लाम धर्म के संस्थापक पैगंबर मोहम्मद की बेटी फातिमा की कहानी पर आधारित है। यह फिल्म दो अलग – अलग कहानियां दिखाती है और 14 सौ साल बाद आधुनिक समय में एक युवा इराकी बच्चे की कहानी से जुड़ हुई है। फिल्म में लेडी फातिमा के मौत को दिखाया गया है और उसे आतंकवाद का पहला शिकार बताया गया है।

फिल्म के निर्माता की प्रतिक्रिया

फिल्म के निर्माता मलिक श्लिबक (Film producer Malik Schlibak) ने बताया कि यह फिल्म यह फिल्म लेडी फातिमा के जीवन, उनके संघर्ष और जिस यात्रा से वह गुजरी हैं उसकी कहानी बयां करती है। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि लेडी फातिमा हमारे इतिहास की सबसे अच्छी शख्सियत हैं, जिससे हम सीख सकते हैं। हम उनसे सीख सकते हैं कि कैसे चरमपंथ, कट्टरता और भ्रष्टाचार जैसी चीजों से निपटा जाए। मलिक ने कहा कि हमें लगा कि इस शानदार किरदार को दुनिया के सामने लाना चाहिए।

फिल्म के लेखक पर आरोप

इस फिल्म को शिया धर्मगुरू शेख यासिर अल – हबीब ने लिखा है। उनपर आरोप है कि उन्होंने सुन्नियों के कुछ शुरूआती प्रमुख श्रद्धेय शख्सियतों का चित्रण गलत तरीके से किया है। माना जा रहा है कि उनके कार्यों की तुलना इराक में इस्लामिक स्टेट समूह से की गई है। यही वहज है कि फिल्म पर शिया और सुन्नी समुदाय के विचार अलग – अलग हैं। फिल्म के आलोचक इसे ईशनिंदा तक बता रहे हैं। मोरक्को की सुप्रीम उलेमा काउंसिल ने आरोप लगाया कि फिल्म के निर्माताओं ने लोकप्रियता पाने के लिए मुसलमानों की भावनाओँ को आहत किया है।

फिल्म की स्क्रीनिंग कई शहरों में रद्द

कुवैत के शिया धर्मगुरू शेख यासिर अल – हबीब द्वारा लिखित यह फिल्म तीन जून को ब्रिटेन के सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी। रिलीज होते ही ब्रिटेन के कई इलाकों में भारी विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया, जिसके चलते बर्मिंघम, बोल्टन, ब्रैडफोर्ड और शेफील्ड के सिनेमाघरों में फिल्म की स्क्रीनिंग रद्द कर दी गई थी।

कहीं फिल्म पर बैन तो कहीं देखऩे वाले पर फतवा

इसके अलावा फिल्म द लेडी ऑफ हेवेन को लेकर कई देशों में घमासान भी मचा हुआ है। मिस्त्र, मोरक्को और पाकिस्तान में इस फिल्म को प्रतिबंधित कर दिया गया है। जबकि ईरान में मौलवियों ने इसे देखने वालों के खिलाफ फतवा जारी कर दिया है। फिल्म पर इस्लाम को लेकर गलत जानकारियां फैलाने का आरोप लग रहा है।

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