Rwanda deal: गज़ब की है रवांडा डील! यूके इस देश में भेजेगा घुसपैठियों को

Rwanda deal: ऋषि सुनक सरकार को इस बिल को पास करवाने में खासी मशक्कत करनी पड़ी है। सुनक सरकार ने अपनी ही पार्टी में इस बिल के घोर विरोधियों पर काबू पा लिया है और उन आलोचकों को खारिज कर दिया है जिन्होंने विधेयक को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया है।

Report :  Neel Mani Lal
Update:2024-01-19 17:56 IST

ब्रिटिश PM ऋषि सुनक (Social Media)

Rwanda deal: ब्रिटिश संसद ने ब्रिटेन में आने वाले “शरणार्थियों” को पूर्वी अफ्रीके देश रवांडा में भेजने की इजाजत देने वाले एक विवादास्पद विधेयक को मंजूरी दे दी है। ऋषि सुनक सरकार को इस बिल को पास करवाने में खासी मशक्कत करनी पड़ी है। सुनक सरकार ने अपनी ही पार्टी में इस बिल के घोर विरोधियों पर काबू पा लिया है और उन आलोचकों को खारिज कर दिया है जिन्होंने विधेयक को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया है। सुनक के लिए इस बिल का पास होना एक बहुत बड़ी जीत है क्योंकि उन्हीं की पार्टी के 60 सांसदों ने बिल में संशोधनों का समर्थन करके विद्रोह कर दिया था। बहरहाल, वोटिंग में 320 के मुकाबले 276 के बहुमत से बिल पास हो गया। माना जाता है कि ‘रवांडा सिक्यूरिटी बिल’ उन कानूनी चुनौतियों को समाप्त कर देगा जो अब तक ब्रिटेन को रवांडा में शरणार्थियों को भेजने से रोकती थीं।

क्या चाहता है ब्रिटेन?

ब्रिटेन ने समंदर के रस्ते अपने देश में घुसने और शरण मांगने वालों की लगातार बढ़ती संख्या से परेशान हो कर 2022 में रवांडा से एक समझौता किया था। दरअसल, ब्रिटेन में अवैध रूप से आने वाले लोगों को रवांडा भेजना चाहता है जहां वे तब तक आराम से सरकारी इंतजाम में रखे जायेंगे जब तक उनकी शरण की अर्जी पर कोइ फैसला नहीं ले लिया जाता। यदि शरण यानी असाईलम की अर्जी ब्रिटेन द्वारा मंजूर कर ली जायेगी तो उस व्यक्ति को यूनाइटेड किंगडम में लौटने की इजाजत दी जायेगी। अगर अर्जी नामंजूर होती है तो वे रवांडा में रह सकेंगे या किसी और देश में शरण ले सकेंगे। लेकिन कोई भी शरण चाहने वाला यूके लौटने के लिए आवेदन नहीं कर पाएगा।

कितने शरणार्थी?

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में माइग्रेशन ऑब्ज़र्वेटरी के अनुसार, छोटी नावों में इंग्लिश चैनल पार करने वाले लोगों की संख्या 2021 में 28,526 से बढ़कर 2022 में 45,755 हो गई। 2023 के लिए पूरे आंकड़े अभी तक प्रकाशित नहीं हुए हैं, लेकिन इसके काफी ऊँचे होने की उम्मीद है।

सरकार ने कहा है कि 1 जनवरी 2022 के बाद "अवैध रूप से ब्रिटेन में प्रवेश करने वाले" किसी भी व्यक्ति को रवांडा भेजा जा सकता है। असीमित संख्या में लोग रवांडा भेजे जा सकेंगे। सरकार का तर्क है कि यह योजना लोगों को इंग्लिश चैनल के पार छोटी नावों पर यूके आने से रोकेगी।

रवांडा ब्रिटेन से करीब 6,500 किमी दूर पूर्व-मध्य अफ्रीका का एक छोटा सा भूमि से घिरा देश है। वहां सबसे पहली बार जून 2022 में शरणार्थियों को भेजा जाने वाला था और फ्लाइट भी तैयार थी लेकिन अंतिम समय में कोर्ट के स्टे के चलते उसे रद्द कर दिया गया। असल में कई मानवाधिकार संगठन, वाम विचार वाले गुट और विपक्षी दल इस योजना का मानवीय आधार पर विरोध कर रहे थे और कोर्ट चले गए थे।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला

रवांडा डील मामला यूके के सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और नवंबर 2023 में कोर्ट ने सर्वसम्मति से फैसला सुनाया कि रवांडा योजना गैरकानूनी थी। इसमें कहा गया कि वहां भेजे गए वास्तविक शरणार्थियों को उनके मूल देशों में लौटने का जोखिम बना रहेगा जहां उन्हें नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। कोर्ट ने यह भी कहा कि यह उओजना मानवाधिकार पर यूरोपीय कन्वेंशन (ईसीएचआर) का उल्लंघन है। यह कन्वेंशन यातना और अमानवीय व्यवहार पर रोक लगाता है। यूके इस कन्वेंशन पर हस्ताक्षर किये हुए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में रवांडा की भी बुरी की और कहा कि वहां खुद ह्यूमन राइट्स की हालत खराब है और शरणार्थियों के साथ उसका पिछला व्यवहार अच्छा नहीं रहा है।

नया रवांडा बिल

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सरकार ने सोच विचार के बाद एक नया विधेयक पेश किया कि रवांडा एक सुरक्षित देश है। इस बिल में अदालतों को मानवाधिकार अधिनियम की प्रमुख धाराओं की अनदेखी करने का भी प्रावधान है। इसके अलावा यह अदालतों को अन्य ब्रिटिश कानूनों या अंतरराष्ट्रीय नियमों की अनदेखी करने का भी आदेश देता है। यानी इस बिल में उन सबका इंतजाम कर दिया गया जो रवांडा में शरणार्थियों को भजने के रास्ते में रोड़ा थे।

रवांडा सिक्यूरिटी बिल पेश करने के साथ-साथ, यूके सरकार ने रवांडा के साथ एक नई इमिग्रेशन संधि पर भी हस्ताक्षर किए हैं। यह संधि गारंटी देती है कि शरण का दावा करने के लिए रवांडा भेजे गए किसी भी व्यक्ति को अपने गृह देशों में वापस लौटने का खतरा नहीं होगा। इसमें ब्रिटिश न्यायाधीशों को एक नई अपील प्रक्रिया में शामिल करने का भी प्रावधान किया गया है।

रवांडा योजना की लागत

ब्रिटेन सरकार का कहना है कि उसने अब तक रवांडा को 240 मिलियन पौंड का भुगतान किया है। 2024-25 वित्तीय वर्ष में 50 मिलियन पौंड का और भुगतान किया जाना है। यह धन रवांडा को वहां भेजे गए शरणार्थियों के रहने-खाने और सुरक्षा का इंतजाम करने तथा इन लोगों को वहां रखने की ‘फीस’ के तौर पर दिया गया है। रवांडा ने भी अपने देश में शरणार्थियों को रखने के लिए बिल्डिंगें बना दीं हैं और बाकी इंतजाम कर रखे हैं।

बहरहाल, समझौता होने और ब्रिटेन द्वारा रवांडा सरकार को करोड़ों डॉलर भेजने के बावजूद, अभी तक किसी भी प्रवासी को रवांडा नहीं भेजा गया है। अब देखना है कि पहली खेप कब रवांडा रवाना होती है।


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