संयुक्त राष्ट्र- घूसखोरी में पकड़े जा चुके हैं महासभा के अध्यक्ष

2014 का वाकया ऐसे ही घोटाले से जुड़ा हुआ था। जब एंटिगा-बारबुडा के जॉन ऐश को एफबीआई ने घूसखोरी और टैक्स चोरी के मामले में गिरफ्तार किया था। जॉन ऐश संयुक्त राष्ट्र महासभा के 68 वें सत्र के अध्यक्ष थे।

Update:2020-10-19 13:37 IST
संयुक्त राष्ट्र- घूसखोरी में पकड़े जा चुके हैं महासभा के अध्यक्ष (Photo by social media)

नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र महासभा का अध्यक्ष पद एक साल के लिए होता है और ये सदस्य देशों के बीच क्षेत्रीय आधार पर रोटेट किया जाता है। वैसे तो अध्यक्ष के पास कम ही अधिकार होते हैं लेकिन गड़बड़-घोटाला के मौके काफी रहते हैं। संयुक्त राष्ट्र महासभा के कई अध्यक्ष तमाम घोटालों, गड़बड़ियों में फंस चुके हैं। घूसखोरी के मामले में संयुक्त राष्ट्र महासभा अध्यक्ष गिरफ्तार तक किये जा चुके हैं।

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वैश्विक संस्थान को बेच दिया

2014 का वाकया ऐसे ही घोटाले से जुड़ा हुआ था। जब एंटिगा-बारबुडा के जॉन ऐश को एफबीआई ने घूसखोरी और टैक्स चोरी के मामले में गिरफ्तार किया था। जॉन ऐश संयुक्त राष्ट्र महासभा के 68 वें सत्र के अध्यक्ष थे। इसके अलावा ऐश 2012 में यूनिसेफ के एग्जीक्यूटिव बोर्ड के भी अध्यक्ष रह चुके थे।

यूएन के पू्र्व अध्यक्ष पर आरोप है कि उन्होंने 2013-15 के बीच चीन से 45 लाख डॉलर अमेरिका लाने का झूठा दावा किया था। इसका असली मकसद लग्जरी चीजें खरीदना और रियल एस्टेट में पैसा लगाना था। शिकायत के मुताबिक, एनजी लांग नामक एक रियल स्टेट एजेंट ने बिचौलियों के जरिए ऐश को 5 लाख डॉलर की घूस देकर मकाऊ में यूएन का कॉन्फ्रेंस सेंटर बनवाने संबंधी डॉक्युमेंट्स यूएन महासचिव के सामने पेश करने को कहा था। चीन के कई अन्य नागरिकों ने एंटीगुआ में अपना बिजनेस चमकाने के लिए जॉन ऐश को करोड़ों डॉलर की रिश्वत दी थी।

अमेरिका के फ़ेडरल अटार्नी प्रीत भरारा ने संयुक्त राष्ट्र में चल रहे भ्रष्टाचार पर जांच शुरू की थी

अमेरिका के फ़ेडरल अटार्नी प्रीत भरारा ने संयुक्त राष्ट्र में चल रहे भ्रष्टाचार पर जांच शुरू की थी और उनकी जांच के आधार पर न्यूयॉर्क पुलिस ने जॉन ऐश समेत अन्य पांच लोगों को भी गिरफ्तार किया, इसमें चीनी बिजनेसमैन एनजी भी शामिल था। 68 साल के एनजी व उसके 29 साल के सहयोगी जेफ यीन को 19 सितंबर 2016 को गिरफ्तार किया गया।

प्रीत भरारा ने कहा था कि - ऐश ने अपने फायदे के लिए यूएन के मंच का इस्तेमाल किया है और ऐश ने ने खुद को और अपने वैश्विक संस्थान को बेच दिया था। भरारा, अगर आरोप साबित होते हैं तो वैश्विक संस्थान के सिर से लेकर पांव तक भ्रष्टाचार में डूबे होने की पुष्टि हो जाएगी। भरारा ने कहा कि लालच में ऐश ने यूएन में भ्रष्ट सरकारों और कारोबारियों का गुट बना लिया था। मुक़दमे की सुनवाई शुरू होने से कुछ दिन पहले ही ऐश की अपने घर में रहस्यमय ढंग से मौत हो गयी। चूँकि इस मामले में बहुत से लोग शामिल थे सो ऐसी अटकलें लगाईं गयीं कि सबूत मिटाने के लिए ऐश को ख़त्म कर दिया गया।

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कैसे कैसे अध्यक्ष

- सर्बिया के वुक जेरेमिक भी महासभा के अध्यक्ष रह चुके हैं। वुक ने अपने कार्यकाल में पूरी कोशिश की बाल्कन युद्ध में अपने देश की भूमिका को वैध रूप दे दिया जाए। बाल्कन युद्ध में सर्बिया में हजारों लोगों का नस्लीय संहार हुआ था। वुक जेरेमिक ने 2012 में महासभा में पूरी गोलबंदी की कि सर्बिया के कारनामों पर लीपापोती कर दी जाए।

- कतर के नासिर अब्दुलअज़ीज़ अल नासेर 2011-12 में संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष रहे। फीफा को कतर में 2022 में फुटबाल विश्व कप के आयोजन की अनुमति मिलने के बाद ही अब्दुल अज़ीज़ को महासभा की अध्यक्षी मिली थी। कार्यकाल समाप्त होने के तुरंत बाद ही अब्दुल अज़ीज़ यूएन अलायंज ऑफ़ सिविलाईजेशंस के प्रतिनिधि बन गए थे। इसी दौरान उन्होंने 16.20 मिलियन डालर का एक सुपर लक्जरी अपार्टमेंट खरीदा था।

- यूगांडा के सैम कुटेसा 2014 में महासभा के अध्यक्ष बनाये गए। कुटेसा के व्यापारिक इंटरेस्ट अफ्रिका में हथियारों के कारोबार से जुड़े थे। यही नहीं, कुटेसा ने अपने बेटे को संयुक्त राष्ट्र का सलाहकार नियुक्त कर लिया था। कुटेसा की पत्नी के एक एनजीओ पर हथियार की डील में 5 लाख डालर लेने का केस भी चला था। इसके अलावा आयरलैंड की एक तेल कंपनी से घूस लेने का भी आरोप कुटेसा पर लगा था।

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