Global Food Crisis: दुनिया के लिए संकट बना रूस-यूक्रेन युद्ध, UN महासचिव ने दिए संकेत

Russia-Ukraine: बीते तीन माह से अधिक दिनों से जारी रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध ने दोनों देशों के अलावा वैश्विक हालतों पर भी गहरा असर डाला है।

Report :  Rajat Verma
Update:2022-06-02 09:20 IST

रूस-यूक्रेन संघर्ष खाद्य संकट (फोटो-सोशल मीडिया)

Russia-Ukraine: रूस-यूक्रेन के बीच फरवरी के अंतिम सप्ताह से लेकर अभीतक जारी युद्ध (russia-ukraine conflict) ने दोनों देशों के अलावा वैश्विक हालतों पर भी गहरा असर डाला है। इस दौरान जहां यूक्रेन जैसा खूबसूरत और पर्यटकों की पसंद रहा देश पूरी तरह तहस-नहस हो गया व बड़ी संख्या में यूक्रेनी नागरिक और सैनिक मारे गए वहीं दूसरी ओर रूसी सेना (Russian army) के भी कई जवानों (Ukrainian civilians) और लड़ाकू वाहनों को भारी नुकसान पहुंचा। इस बीच दोनों देशों में जारी युद्ध के मद्देनज़र संयुक्त राष्ट्र ने अपनी एक बैठक में आने वाले संकट की ओर इशारा किया है।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस (António Guterres) ने हाल ही में स्टॉकहोम में आयोजित एक बैठक के दौरान रूस-यूक्रेन युद्ध (russia-ukraine crisis) के बीच वैश्विक चेतावनी देते हुए कहा कि यदि दोनों देशों के बीच जारी यह हिंसक संघर्ष खत्म नहीं हुआ तो यह ज़ल्द ही वैश्विक खाद्य संकट का रूप धर सकता है।

साथ ही यदि ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है तो यह खाद्य संकट विकासशील देशों को सबसे ज्यादा प्रभावित करेगा। आपको बता दें कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने यह बयान स्वीडिश प्रधानमंत्री मैग्डेलेना एंडरसन के साथ यूरोप में सुरक्षा स्थिति, महामारी से उबरने और हरित संक्रमण पर चर्चा करने के दौरान कही।

अबतक जारी इस हिंसक संघर्ष में हज़ारों की संख्या में आम नागरिकों की जानें चली गई हैं वहीं कई परिवार अपना घर छोड़कर राहत शिविरों में रहने के लिए मजबूर हैं। उन्हें बगैर किसी गलती के अपना घर छोड़ना पड़ा।

समाप्त को संघर्ष- एंटोनियो गुटेरेस

इस दौरान संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने बैठक के बाद एक स्वीडिश प्रधानमंत्री से बैठक के बाद वैश्विक स्थिति और संकट का हवाला देते हुए रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने की अपील की। इसी के साथ एंटोनियो गुटेरेस ने यह भी कहा कि इस युद्ध (russia-ukraine conflict) के चलते विकासशील देशों के लिए सर्वाधिक मुश्किल भरा समय उत्पन्न हो रहा है, और दोनों देशों के युद्ध के चलते ज़ल्द ही वैश्विक खाद्य संकट पैदा हो सकता है क्योंकि अनाज का आयात बुरी तरह से बाधित है।

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