US-Pakistan-China: अमेरिका ने बढ़ाई पाकिस्तान के दिल की धड़कन, चीन को बताया सबसे बड़ा खतरा

US-Pakistan-China: अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति के दस्तावेज ने चीन और पाकिस्तान की चिंता बढ़ा दी है। दस्तावेज में चीन को अमेरिका और विश्व के लिए बड़ा खतरा बताया गया है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update: 2022-10-15 07:35 GMT

अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति के दस्तावेज ने चीन और पाकिस्तान की चिंता बढ़ा दी: Photo- Social Media

New Delhi: अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति के दस्तावेज ने चीन और पाकिस्तान की चिंता बढ़ा दी है। दोनों देशों की चिंताएं बढ़ाने के अलग-अलग कारण हैं। इस दस्तावेज के जरिए चीन और पाकिस्तान के प्रति अमेरिकी नजरिए का खुलासा होता है। इस महत्वपूर्ण दस्तावेज में चीन को अमेरिका और विश्व के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया गया है। अमेरिका और चीन के रिश्ते पहले से ही काफी तनावपूर्ण चल रहे हैं। माना जा रहा है कि इस दस्तावेज के जारी होने के बाद दोनों देशों के रिश्तों में और खटास आएगी।

इसके साथ ही अमेरिका ने 2022 के लिए अपने सुरक्षा सहयोगी देशों की सूची में पाकिस्तान और सऊदी अरब का कोई उल्लेख नहीं किया है। हाल के दिनों में पाकिस्तान की ओर से अमेरिका से संबंध सुधरने का दावा किया जाता रहा है मगर इस दस्तावेज से साफ हो गया है कि दोनों देशों के रिश्तों में अभी भी दूरियां बनी हुई हैं। पाकिस्तान और सऊदी अरब एक समय अमेरिका की सुरक्षा रणनीति में प्रमुख सहयोगी देश माने जाते थे मगर अब इन दोनों देशों से अमेरिका के रिश्ते पहले जैसे सहज नहीं रह गए हैं।

चीन के साथ टकराव बढ़ना तय

48 पेजों के इस दस्तावेज में चीन को सबसे बड़ी भू-राजनीतिक चुनौती बताया गया है। अमेरिका ने चीन को सबसे बड़ा खतरा जरूर बताया है मगर वह चीन के खिलाफ क्या कदम उठाएगा, दस्तावेज में इस बात का जिक्र नहीं किया गया है। दोनों देशों के बीच पहले ही विभिन्न मुद्दों को लेकर भारी टकराव दिखता रहा है और अमेरिका की ओर से चीन के खिलाफ कई प्रतिबंध लगाए जा चुके हैं।

अमेरिका की ओर से जारी दस्तावेज से साफ हो गया है कि निकट भविष्य में दोनों देशों के संबंध सुधरने की उम्मीद काफी कम है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ना तय है। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में दोनों देशों का टकराव चरम पर पहुंच गया था। ट्रंप के हटने के बाद बाइडेन के कार्यकाल में भी दोनों देशों के रिश्ते सुधर नहीं सके हैं।

पाकिस्तान को नहीं माना सहयोगी देश

इस दस्तावेज ने पाकिस्तान की भी चिंता बढ़ा दी है क्योंकि अमेरिका ने सुरक्षा सहयोगी के रुप में पाकिस्तान का कोई जिक्र नहीं किया है। पिछले दिनों दोनों देशों के रिश्ते के बीच गरमाहट आने के बाद माना जा रहा था कि अब पाकिस्तान और अमेरिका के रिश्ते सुधर चुके हैं मगर इस दस्तावेज से साफ हो गया है कि दोनों देशों के रिश्तो में पहले जैसी गरमाहट अभी तक नहीं आ सकी है।

हाल में पाकिस्तान की ओर से जारी बयान में अमेरिका का प्रमुख सहयोगी देश होने का दावा किया गया था। वैसे अमेरिका की ओर से जारी ताजा दस्तावेजों से साफ हो गया है कि पाकिस्तान के दावों में कोई दम नहीं है। अमेरिका की ओर से जारी दस्तावेज ने पाकिस्तान की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। पाकिस्तान को अमेरिका से बड़ी आर्थिक मदद की दरकार है मगर अमेरिका की ओर से इस दिशा में कदम उठाया जाना संभव नहीं माना जा रहा है।

रूस को बताया दूसरा सबसे बड़ा खतरा

इस दस्तावेज में चीन के साथ ही रूस का भी जिक्र किया गया है। यूक्रेन पर हमला करने के बाद अमेरिका ने वैश्विक स्तर पर उसके खिलाफ जबर्दस्त अभियान छेड़ रखा है। अमेरिकी दस्तावेज में रूस को चीन के बाद अमेरिका और पूरी दुनिया के लिए दूसरा सबसे बड़ा खतरा बताया गया है।

माना जा रहा है कि यूक्रेन के खिलाफ रूस की सैन्य कार्रवाई से दोनों देशों के रिश्ते काफी बिगड़ चुके हैं। अमेरिका रूस को पहले ही वैश्विक शांति के लिए खतरा बताता रहा है। अब अमेरिकी दस्तावेज से भी साफ हो गया है कि आने वाले दिनों में दोनों देशों के रिश्ते और तनावपूर्ण हो सकते हैं।

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