अमेरिका ने एयरक्राफ्ट कैरियर का किया सफल परीक्षण, चीन को दिया बड़ा जवाब
अमेरिका ने अपने नए और सबसे आधुनिक न्यूक्लियर कैरियर (Nuclear Carrier) का तीसरा और आखिरी फुल शिप शॉक ट्रायल (Full Ship Shock Trial) रविवार को पूरा कर लिया है।
US Navy Successful Trial Of Aircraft Carrier: कोरोना वायरस महामारी के बाद से अमेरिका और चीन के रिश्ते में घटास सी आ गई है। दोनों देशों के बीच आधुनिकता के मामले में भी जंग जारी है। इस बीच अमेरिका ने अपने नए और सबसे आधुनिक न्यूक्लियर कैरियर (Nuclear Carrier) का तीसरा और आखिरी फुल शिप शॉक ट्रायल (Full Ship Shock Trial) रविवार को पूरा कर लिया है। अमेरिकी नौसेना (US Navy) ने फ्लोरिडा के तट पर कैरियर का ट्रायल किया, जो कि सफल रहा।
बता दें कि इससे पहले अमेरिका (America) ने दो और ट्रायल किए थे, जो कि 16 और 18 जुलाई को हुए थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस आखिरी फुल शिप शॉक ट्रायल में अमेरिकी नौसेना के एयरक्राफ्ट कैरियर जेराल्ड आर फोर्ड ने जहाज और उसके सिस्टम के परीक्षण के लिए समुद्र में 40 हजार पाउंड विस्फोटक डेटोनेट किए। इस दौरान कोई असामान्य घटना दर्ज नहीं की गई। ट्रायल के दौरान सब सामान्य रहा और कोई भी गंभीर नुकसान नहीं हुआ।
चीन की किलर मिसाइलों का खतरा हुआ कम
ऐसा कहा जा रहा है कि अमेरिकी के इस ट्रायल पर चीन भी अपनी निगाहें टिका कर बैठा हुआ था। दरअसल, चीन अपने किलर मिसाइलों यानी डीएफ-21डी और डीएफ-26 के दम पर साल 2015 से अपनी ताकत का प्रदर्शन कर रहा है। इन मिसाइलों की दिलचस्प बात यह है कि ये एक गतिशील एयरक्राफ्ट कैरियर को 5 हजार किमी की दूरी से निशाना बना सकती हैं। अब अमेरिका द्वारा न्यूक्लियर कैरियर का सफल परीक्षण हो जाने पर किलर मिसाइलों का खतरा भी कम हो गया है।
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