अमेरिका राष्ट्रपति चुनाव: जोर दार चल रही चुनाव में टक्कर, ट्रम्प चल रहे आगे
अमेरिका का राष्ट्रपति कौन बनेगा ये 12 राज्य तय करेंगे। इन 12 राज्यों को ‘बैटलग्राउंड स्टेट्स’ कहा जाता है क्योंकि असली लड़ाई यहीं लड़ी जाती है।
नई दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में रिजल्ट आ रहे हैं और अभी तक का ट्रेंड दिखाता है कि जो बिडेन और डोनाल्ड ट्रम्प में कांटे की टक्कर है। वर्मांट, मेरीलैंड, डेलावेर, न्यूयॉर्क, न्यूजर्सी, मासचुसेट्स, कनेक्टिकट, न्यू हैम्पशायर, कोलोराडो, न्यू मेक्सिको, वाशिंगटन डीसी राज्यों में डेमोक्रेट प्रत्याशी की जो बिडेन की जीत हुई है। केन्टकी, ओकलाहोमा, टेनेसी, वेस्ट वर्जिनिया, नेब्रास्का, साउथ डकोटा, नार्थ डकोटा, साउथ कैरोलिना, कन्सास, अरकंसास, लुइसियाना, इन्डियाना, अलाबामा, मिसूरी – इन राज्यों में रिपब्लिकन डोनाल्ड ट्रम्प जीते हैं।
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वैसे , अमेरिका का राष्ट्रपति कौन बनेगा ये 12 राज्य तय करेंगे। इन 12 राज्यों को ‘बैटलग्राउंड स्टेट्स’ कहा जाता है क्योंकि असली लड़ाई यहीं लड़ी जाती है। ये हैं फ्लोरिडा, विस्कॉन्सिन, आयोवा, एरिज़ोना, नार्थ कैरोलिना, पेनसिलवेनिया, मिशिगन, नेवाडा, जॉर्जिया, ओहायो, न्यू हैम्पशायर और टेक्सास। इन 12 राज्यों में सबसे ज्यादा एल्क्टोरल वोट हैं और इलेक्टोरल वोट से ही प्रेसिडेंट का चयन होता है। बैटलग्राउंड राज्यों में से सिर्फ न्यू हैम्पशायर की स्थिति साफ़ हुई है जहाँ जो बिडेन जेट रहे हैं लेकिन फ्लोरिडा और नार्थ कैरोलिना जैसे ज्यादा एलेक्टोरल वोट वाले राज्यों में डोनाल्ड ट्रम्प की स्थिति ज्यादा मजबूत है और फ्लोरिडा में उनका जीतना तय हो चुका है।
पोपुलर वोट की बात करें तो डोनाल्ड ट्रम्प इस वक्त साफ़ विजेता हैं। पोपुलर वोट में वो बिडेन से कम से कम 30 फीसदी आगे दिख रहे हैं।
लाल और नीला
अमेरिका के चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी को लाल और डेमोक्रेटिक पार्टी को नीले रंग से पहचाना जाता है। ऐसा क्यों है, इसका भी एक रोचक किस्सा है। दरअसल, लाल और नीले रंग अमेरिका के एक मीडिया हाउस की देन हैं। वर्ष 2000 के पहले रिपब्लिकन्स और डेमोक्रेट्स को किसी खास रंग से नहीं पहचाना जाता था। लेकिन 2001 के चुनाव में जब रिपब्लिकन जॉर्ज डब्लू बुश और डेमोक्रेट अल गोर के बीच चुनावी टक्कर हुई तो चुनाव में रंग का समावेश हो गया। इसी साल ‘यूएसए टुडे’ और ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ ने अपने फुल कलर एडिशन निकाले।
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उस वक्त यूएसए टुडे के डेटाबेस एडिटर थे पॉल ओवरबर्ग जिन्होंने यूएसए टुडे के चुनावी मैप को डिज़ाइन किया। पॉल के अनुसार उन्होंने इस मैप में ख़ास कलर का चुनाव इसलिए किया क्योंकि हर कोई ऐसा कर रहा था। लाल और नीले रंग का चयन इत्तेफाकन कर लिया गया। उस वक्त न्यूयॉर्क टाइम्स के सीनियर ग्राफ़िक्स एडिटर थे आर्ची त्से। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि ‘आर’ से रिपब्लिकन होता है और रेड भी होता है सो रिपब्लिकन्स के लिए लाल रंग चुनना स्वाभाविक था। बहरहाल, 2001 के बाद से लाल और नीले रंग रिपब्लिकन्स और डेमोक्रेट्स के पर्याय बन चुके हैं। इन रंगों का किसी विचारधारा से कोई लेना देना नहीं है।
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