ट्रंप पर महाभियोगः US उपराष्ट्रपति पेंस का समर्थन, पद से हटाने से किया इनकार

डेमोक्रेट्स की मांग थी कि ट्रंप को हटाकर शपथ ग्रहण तक पेंस कार्यकारी राष्ट्रपति बनाकर जिम्मेदारी संभाले। पेंस ने स्पष्ट कहा कि ट्रंप के कार्यकाल में अब सिर्फ 8 दिन बचे हैं

Update: 2021-01-13 05:28 GMT
होम » न्यूज » दुनिया NEWS उपराष्ट्रपति पेंस ने ट्रंप को हटाने से किया इनकार, अमेरिकी संसद में महाभियोग पर बहस शुरू

वाशिंगटन: अमेरिका के निवर्तमान उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने देश के निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को कार्यालय से हटाने के लिए संविधान के 25वें संशोधन को लागू करने से इनकार कर दिया। पेंस ने प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी को लिखे पत्र में कहा, ‘हमारे संविधान के तहत, 25वां संशोधन सजा देने या अधिकार छीनने का जरिया नहीं है इस प्रकार से 25वां संशोधन लागू करना खराब उदाहरण रहेगा। पेलोसी और प्रतिनिधि सभा पेंस और कैबिनेट पर दबाव बना रहे थे कि वे राष्ट्रपति के हजारों समर्थकों द्वारा यूएस कैपिटल(संसद भवन) में छह जनवरी को हमला किए जाने के मद्देनजर ट्रंप को पद से हटाने की कार्रवाई करें।

महाभियोग के प्रस्ताव पर बहस शुरू

उधर अमेरिकी संसद में ट्रंप के खिलाफ महाभियोग के प्रस्ताव पर बहस शुरू हो गयी है। रिपब्लिकन सीनेटर्स ने भी ट्रंप को हटाने के समर्थन में वोट करने का ऐलान कर दिया है। ट्रंप को 25वें संशोधन के जरिए हटाने का प्रस्ताव मैरीलेंड के डेमोक्रेट रिप्रेजेंटेटिव जेमी रस्किन ने पेश किया था। प्रस्ताव के अनुसार पेंस और अन्य कैबिनेट मेम्बर्स को सेक्शन 4 और 25वें अमेडमेंट का इस्तेमाल कर तुरंत ट्रंप को हटा देना चाहिए।

पेंस ने ख़त में लिखा कि ये किसी भी देश के लिए सबसे शर्म की बात है कि कोई चुना हुआ राष्ट्रपति अपना कार्यकाल न पूरा कर पाए और उसे निकाल दिया जाए। डेमोक्रेट्स की मांग थी कि ट्रंप को हटाकर शपथ ग्रहण तक पेंस कार्यकारी राष्ट्रपति बनाकर जिम्मेदारी संभाले। पेंस ने स्पष्ट कहा कि ट्रंप के कार्यकाल में अब सिर्फ 8 दिन बचे हैं और आप डेमोक्रेट्स चाहते हैं कि मैं राष्ट्रपति को हटाने के लिए 25वें संशोधन का इस्तेमाल करूं।

 

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ट्रंप को हटाने वाली प्रस्‍ताव में कहा गया है कि ट्रंप ने अपने समर्थकों को कैपिटल बिल्डिंग (संसद परिसर) की घेराबंदी के लिए तब उकसाया, जब वहां इलेक्टोरल कॉलेज के मतों की गिनती चल रही थी और लोगों के धावा बोलने की वजह से यह प्रक्रिया बाधित हुई। इस घटना में एक पुलिस अधिकारी समेत पांच लोगों की मौत हो गई।

ट्रंप ने कहा-हिंसा नहीं चाहते

अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संवाददाताओं से कहा कि महाभियोग की संभावनाओं की वजह से देश में खासा गुस्सा पैदा हो रहा है लेकिन वह ‘हिंसा नहीं चाहते हैं। टैक्सास में मेक्सिको से लगती सीमा पर दीवार के मुआयने के लिए जाने से पहले राष्ट्रपति ने संवाददाताओं से बात की थी। ट्रंप का सीधा इशारा हाल में ही एफबीआई और यूएस नेशनल गार्ड की हिंसा के आशंका वाले बयान के तरफ है।

अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैन्सी पेलोसी के नेतृत्व में डेमोक्रेटिक सांसद पहले ही विद्रोह को उकसावा देने के लिए ट्रंप के खिलाफ महाभियोग के प्रस्ताव को पेश कर चुके हैं। जिसके बाद कार्यवाही को आगे बढ़ने के लिए डेमोक्रेटिक सांसदों ने ट्रंप की पार्टी रिपब्लिकन के सांसदों का सहयोग भी मांगा है डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के पहले ऐसे राष्ट्रपति बन गए हैं जिनके एक कार्यकाल में दो बार महाभियोग प्रस्ताव लाया गया है।

 

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अवैध आव्रजन के खिलाफ अपने अभियान

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को पिछले सप्ताह कैपिटल बिल्डिंग (अमेरिकी संसद भवन) में उनके कथित उकसावे के चलते हिंसक भीड़ के घुसने संबंधी घटना की जिम्मेदार लेने से इंकार किया। ट्रंप ने कहा, ‘ लोग सोचते हैं कि जो भी मैंने कहा था वो पूरी तरह सही था।’ कैपिटल में हुई हिंसा के बाद पहली बार सार्वजनिक रूप से सामने आए ट्रंप ने यह टिप्पणी की।

वह अवैध आव्रजन के खिलाफ अपने अभियान के लिए मंगलवार को टेक्सास के लिए रवाना होने वाले थे। हालांकि, उनके कार्यकाल के केवल आठ दिन शेष हैं और दूसरी तरफ संसद में उनके खिलाफ दूसरी बार महाभियोग प्रस्ताव लाने की कवायद जारी रही थी। ट्रंप ने मंगलवार को कहा कि ‘असली समस्या’ उनकी बयानबाजी नहीं थी, बल्कि डेमोक्रेट्स द्वारा ‘ब्लैक लाइव मैटर’ के प्रदर्शनों और सिएटल एवं पोर्टलैंड में इस गर्मी में हुई हिंसा के संबंध में किया गया वर्णन, बयानबाजी थी।

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