शुरू हुई युद्ध की तैयारी: इन घातक मिसाइलों से होगा हमला, अब नहीं बचेगा चीन
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस बिक्री से क्षेत्र में सैन्य संतुलन नहीं खराब होगा। अमेरिका की हार्पून मिसाइल बेहद खतरनाक मानी जाती हैं। जमीनी लक्ष्यों तथा युद्धपोतों को तबाह कर सकती हैं।
लखनऊ: चीन और ताइवान के बीच तनाव चरम है। चीन लगातार ताइवान को युद्ध की धमकी दे रहा है। ताइवान को हथियार दे रहे अमेरिका को भी ड्रैगन ने सख्त चेतावनी दी है। अब इस बीच ट्रंप की सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। ताइवान को अमेरिका अब घातक हार्पून मिसाइलें देने जा रहा है। इसके लिए ट्रंप सरकार ने 2.37 अरब डॉलर की डील को अनुमति दे दी है।
चीन ने अमेरिका की हथियार निर्माता कंपनियों पर बैन लगा दिया है। इस ऐलान के तुरंत बाद अमेरिका ने यह निर्णय लिया है। चीन ने जिन अमेरिकी कंपनियों पर बैन लगाया है, उनमें बोइंग भी शामिल है। बोइंग ही इस खतरनाक मिसाइल का निर्माण करती है।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस बिक्री से क्षेत्र में सैन्य संतुलन नहीं खराब होगा। अमेरिका की हार्पून मिसाइल बेहद खतरनाक मानी जाती हैं। जमीनी लक्ष्यों तथा युद्धपोतों को तबाह कर सकती हैं। अब अमेरिका के इस कदम का चीन ने विरोध किया है। अमेरिका को धमकी दी है।
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मिसाइलों पर हुई यह बड़ी डील
अमेरिका ताइवान को हार्पून के 100 सिस्टम बेचेगा। इस डील में 400 हार्पून ब्लॉक-2 मिसाइलें को शामिल किया गया है। यह मिसाइल करीब 125 किलोमीटर तक मार करने में सक्षम है। मिसाइल में जीपीएस लगा गया है। इसके कारण यह सटीक हमला करता है और 500 पाउंड का बम गिराता है।
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ताइवान और चीन कभी भी हो सकता है युद्ध
ताइवान और चीन के बीच तनाव चरम पर है। दोनों देशों ने युद्ध की तैयारी शुरू कर दी है। सीमा पर ताइवान खतरनाक हथियार तैनात किए हैं। ताइवान मिसाइलों से लेकर फाइटर जेट तक तैनात किए हैं। ताइवान को अमेरिका का पूरा साथ मिल रहा है। चीन की धमकी से बेखबर अमेरिका ताइवान को घातक हथियार दे रहा है। इसके लिए अमेरिका को चीन कई बार गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दे चुका है।
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चीन ने भी ताइवान से सटी सीमाओं पर DF-17 हाइपरसोनिक मिसाइल और S-400 एयर डिफेंस सिस्टम को तैनात कर दिया है। इस डिफेंस सिस्टम में शक्तिशाली रडार लगा हुआ है जो 600 किलोमीटर दूरी से ही ताइवानी सेना के मिसाइलों, ड्रोन और लड़ाकू विमानों का पता लगाने में सक्षम है। S-400 का रडार सिस्टम पूरे ताइवान को कवर कर सकता है। ताइवान सीमा पर चीन की तरफ बढ़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती की गई है। इसके साथ j-20 फाइटर जेट भी तैनात किया है।
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