हिंसा की आग में जल रहे बांग्लादेश में देखते ही गोली मारने का आदेश, हालात अभी तक बेकाबू, अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर निगाहें

Bangladesh Violence: बांग्लादेश में भड़के आंदोलन से पूरे देश में कोहराम मचा हुआ है। पूरे देश में कर्फ्यू लगाने के साथ ही सड़कों पर सेना के जवान गश्त कर रहे हैं। हालात पर काबू पाने के लिए अब उपद्रवियों को सड़क पर देखते ही गोली मारने के आदेश भी जारी कर दिए गए हैं।

Newstrack :  Network
Update: 2024-07-21 06:22 GMT

हिंसा की आग में जल रहे बांग्लादेश में देखते ही गोली मारने का आदेश 

Bangladesh Violence: बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ भड़के आंदोलन से पूरे देश में कोहराम मचा हुआ है। पूरे देश में कर्फ्यू लगाने के साथ ही सड़कों पर सेना के जवान गश्त कर रहे हैं। हालात पर काबू पाने के लिए अब उपद्रवियों को सड़क पर देखते ही गोली मारने के आदेश भी जारी कर दिए गए हैं। बांग्लादेश के विभिन्न इलाकों में भर्ती हिंसा की घटनाओं में अभी तक 130 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं जबकि सैकड़ो लोग घायल हुए हैं। इस बीच सबकी निगाहें सुप्रीम कोर्ट पर भी लगी हुई हैं। सुप्रीम कोर्ट सरकारी नौकरियों में आरक्षण से जुड़े मुद्दे पर आज महत्वपूर्ण फैसला सुनाने वाला है।

उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश

सत्तारूढ़ अवामी लीग पार्टी के महासचिव और सांसद ओबैदुल कादर ने बताया कि देश के विभिन्न हिस्सों में हो रही हिंसा की घटनाओं पर काबू पाने के लिए कड़े कदम उठाए गए हैं। उन्होंने बताया कि उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए गए हैं। कादर ने बताया कि आधी रात से शुरू हुए कर्फ्यू में दोपहर 12 बजे से 2 बजे बजे तक ढील दी गई। इसके बाद रविवार सुबह तक के लिए कर्फ्यू फिर लागू कर दिया गया। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से हालात पर काबू पाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।

देश के कई इलाकों में हालात गंभीर

सरकारी नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ भड़के छात्र आंदोलन के कारण देश के कई इलाकों में स्थिति अभी भी काफी गंभीर बनी हुई है। गुरुवार को हिंसा से जुड़ी घटनाओं में 22 लोगों की मौत हुई थी जबकि उससे पहले मंगलवार और बुधवार को भी हिंसा की घटनाओं में कई लोग मारे गए थे। राजधानी ढाका और देश के कई अन्य शहरों में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच कई इलाकों में झड़पें हुई हैं। हालात पर काबू पाने के लिए मोबाइल और इंटरनेट सेवाओं पर पाबंदी लगा दी गई है। इंटरनेट न चलने के कारण बांग्लादेश के विभिन्न समाचार पत्रों से जुड़ी वेबसाइट भी नहीं खुल पा रही है। कुछ टेलीविजन समाचार चैनलों का प्रसारण विवादित हुआ है। मंगलवार से अब तक 103 लोगों की मौत की बात कही जा रही है मगर जानकारों का कहना है कि मृतकों की संख्या 130 से अधिक है। बांग्लादेश में स्थित अमेरिकी दूतावास का कहना है कि हिंसा की घटनाओं में हजारों लोग घायल हुए हैं और देश के विभिन्न इलाकों में स्थिति काफी गंभीर बनी हुई है।

संस्थाओं को दो दिनों तक बंद रखने का आदेश

हिंसा की घटनाओं पर काबू पाने के लिए सरकार की ओर से विभिन्न संस्थाओं को दो दिनों तक बंद रखने के आदेश जारी किए गए हैं। ढाका और देश के कई अन्य प्रमुख शहरों में शनिवार को सेवा के जवानों ने सड़कों पर गश्त की। शनिवार को ढाका के कुछ इलाकों में छिटपुट झड़पों के दौरान कम से कम चार लोगों की मौत हो गई। ढाका छात्रों के विरोध प्रदर्शनों का प्रमुख केंद्र बना हुआ है और यहां सुरक्षा बलों ने छात्रों को रोकने के लिए सड़कों पर अवरोध भी लगा रखे हैं।

अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सबकी निगाहें


बांग्लादेश के छात्र पाकिस्तान से आजादी की लड़ाई लड़ने वाले सेनानियों के परिवारों को दिए जाने वाले 30 फ़ीसदी आरक्षण का विरोध कर रहे हैं। बांग्लादेश की शेख हसीना सरकार ने 2018 में कोटा खत्म कर दिया था मगर बाद में अदालती आदेश के बाद इसे फिर से लागू कर दिया गया। सरकार की ओर से अपील किए जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को निलंबित कर दिया था और अब सबकी निगाहें सुप्रीम कोर्ट पर लगी हुई हैं। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में आज बड़ा फैसला सुना सकता है।

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