विस्फोट में भूतिया जहाज: ज्वालामुखी विस्फोट के बाद दिखा ऐसा नजारा, समुद्र से निकले डरावने जहाज

प्रशांत महासागर में ज्वालामुखी विस्फोट होने के साथ ही भूकंप से झटके महसूस हुए। लेकिन उसके बाद समुद्र के अंदर से जब द्वितीय विश्वयुद्ध के समय के लगभग दो दर्जन के करीब डरावने जहाज बाहर निकले।

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Published By :  Vidushi Mishra
Update: 2021-10-28 11:58 GMT

समुद्र की किनारे डरावने जहाज (फोटो- सोशल मीडिया) 

Bhutiya Jahah :  ज्वालामुखी फटने की खबरें आना तो आम बात है। हैरानी तो तब होती है जब इतिहास के छिपे हुए रहस्यों का पता चलता है। जीं हां जापान की राजधानी टोक्यो के नजदीक प्रशांत महासागर के भीतर एक ज्वालामुखी विस्फोट हुआ। इस दौरान कुछ भूकंप भी आए, जिनसे धरती धर्रा गई। लेकिन आश्चर्य तो तब हुआ, जब समुद्र के अंदर से द्वितीय विश्वयुद्ध के समय के डूबे हुए दो दर्जन के करीब डरावने किस्म के जहाज खुद-ब-खुद बाहर आने लगे। 

प्रशांत महासागर में ज्वालामुखी विस्फोट होने के साथ ही भूकंप से झटके महसूस हुए। लेकिन उसके बाद समुद्र के अंदर से जब द्वितीय विश्वयुद्ध के समय के लगभग दो दर्जन के करीब डरावने जहाज बाहर निकलने लगे तो लोगों ने इस दृश्य की फोटोज और वीडियो बनाना शुरू किया।

भूतिया जहाज तटों के किनारों पर इकट्ठा

राजधानी टोक्यो से करीब 1200 किलोमीटर दूर दक्षिण दिशा में प्रशांत महासागर पर इयो जीमा (Iwo Jima) द्वीप के नजदीक द्वितीय विश्वयुद्ध के 24 युद्धपोत, जोकि समुद्र के अंदर से निकले उनको देखा गया।

सालों से ये जहाज समुद्र के अंदर ही समाए हुए थे। लेकिन अचानक फुकुतोकू-ओकानोबा ज्वालामुखी (Fukutoku-Okanoba) फटने और भूकंप आने से अपने आप बाहर की तरफ निकल आए। जिनमें से कुछ भूतिया जहाज तो तटों के किनारों पर आकर लग गए।

इन भूतिया जहाजों के बारे में द्वितीय विश्वयुद्ध के समय की रहस्यमयी कहानी है। चलिए जानते हैं कि इस समुद्री इलाके में द्वितीय विश्व युद्ध के समय की कहानी के बारे में।

जिस जगह पर समुद्र में ज्वालामुखी विस्फोट हुआ, उस स्थान पर हुई लड़ाई को बैटल ऑफ इयो जीमा (Battle of Iwo Jima) कहते हैं। सन् 1945 में जब भयानक युद्ध हुआ था, जिसमें अमेरिकी सेना ने यहां कई जहाजों को डुबा दिया था। उस समय युद्ध के दौरान यहां करीब 70 हजार अमेरिकी मरीन्स जापान के 20 हजार सैनिकों से जंग लड़ रहे थे। तभी इस युद्ध के अंत तक 20 हजार अमेरिकी मरीन्स घायल हुए थे। जिसमें लगभग 7000 मरीन्स मारे गए थे। वहीं जापानी सैनिकों में से केवल 216 सैनिक ही बचे थे।

इस बारे में जापान सरकार के सेंटर फॉर इंटीग्रेटेड वॉल्कैनो रिसर्च के डायरेक्टर सेतसुया नाकाडा ने बताया कि फुकुतोकू-ओकानोबा (Fukutoku-Okanoba) ज्वालामुखी इस साल अगस्त से लगातार समुद्र के अंदर विस्फोट कर रहा है। जहां विस्फोट की वजह से लगातार भूकंप आ रहे हैं।  

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