सेना पर आसमानी आग: शुरू भयानक युद्ध, तबाही ही कगार पर दोनों देश
दुनियाभर में जंग का आगाज होता दिखाई दे रहा है। अजरबैजान और आर्मेनिया के बीच चल रहा युद्ध अब भी जारी है। ऐसे में अभी तक 3000 से ज्यादा सैनिकों की जान चली गई। साथ ही इस जंग के दौरान दोनों तरफ के 200 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
नई दिल्ली: दुनियाभर में जंग का आगाज होता दिखाई दे रहा है। अजरबैजान और आर्मेनिया के बीच चल रहा युद्ध अब भी जारी है। ऐसे में अभी तक 3000 से ज्यादा सैनिकों की जान चली गई। साथ ही इस जंग के दौरान दोनों तरफ के 200 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।इन हालातों में अजरबैजान की फोर्स ने दावा किया है कि उनकी सेना ने आर्मेनिया के कई सैन्य ठिकानों और टैंकों पर भीषण बमबारी की है। अपने दावे को पुख्ता करने के लिए अजरबैजान के रक्षा मंत्रालय ने ड्रोन से लिए गए कई वीडियो भी जारी किए हैं। इस वीडियो में मिसाइलों और बमों से आर्मेनियाई ठिकानों को निशाना बनाते हुए दिखाया गया है।
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मिलिट्री प्लेन को मार गिराया
ऐसे में आर्मेनिया के रक्षा मंत्रालय का दावा है कि उसकी सेना नागोर्नो-काराबाख के कई इलाकों में अपनी मजबूत पकड़ बनाए हुए हैं। साथ ही रक्षा मंत्रालय ने यह भी दावा किया है कि उन्होंने अजरबैजान के एक मिलिट्री प्लेन को मार गिराया है।
इसके साथ ही दोनों ही पक्ष एक दूसरे को लड़ाई के दौरान भारी नुकसान पहुंचाने का दावा कर रहे हैं। हालाकिं अभी तक इसकी स्वतंत्र पुष्टि नहीं हो सकी है कि किसके दावे में कितनी सच्चाई है।
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दूसरी तरफ रूस-अमेरिका और फ्रांस सहित दुनियाभर के तमाम देश लगातार दोनों देशों से युद्धविराम की अपील कर रहे हैं। लेकिन, उनकी अपील का इन दोनों देशों पर कोई असर दिखाती नजर नहीं आ रही है। नागोर्नो-काराबाख इलाके पर कब्जे को लेकर शुरू हुई लड़ाई अब भी जारी है और लगातार दोनों पक्ष एक दूसरे के सिविलियन इलाकों को भी निशाना बना रहे हैं।
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अबतक की सबसे भीषण लड़ाई
कई विशेषज्ञ इसे सन् 1990 के बाद दोनों देशों के बीच अबतक की सबसे भीषण लड़ाई बता रहे हैं। आर्मीनिया और अजरबैजान में बढ़ती जंग से रूस और तुर्की के इसमें कूदने का खतरा पैदा हो गया है।
ऐसे में रूस जहां आर्मीनिया का समर्थन कर रहा है, वहीं अजरबैजान के साथ नाटो देश तुर्की और इजरायल है। सामने आई रिपोर्ट के अनुसार, आर्मेनिया और रूस में रक्षा संधि है और अगर अजरबैजान के ये हमले आर्मेनिया की सरजमीं पर होते हैं तो रूस को मोर्चा संभालने के लिए आना पड़ सकता है। वहीं अजरबैजान के साथ तुर्की और इजरायल खड़े हैं।
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