टेंशन में इमरान कर रहे ये हरकतें, जानें कैसे पाक और इकोनॉमी को बर्बाद कर रही सेना

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। आए दिन वह भारत के खिलाफ नई साजिश रच रहा है। गिर रही अर्थव्यवस्था से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए पाक सेना और इमरान आए दिन भारत के खिलाफ जहर उगल रहे हैं और साजिस रच रहे हैं।

Update: 2023-07-01 11:21 GMT

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। आए दिन वह भारत के खिलाफ नई साजिश रच रहा है। गिर रही अर्थव्यवस्था से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए पाक सेना और इमरान आए दिन भारत के खिलाफ जहर उगल रहे हैं और साजिस रच रहे हैं। इन सबमें पाकिस्तान की खुख्यात खुफिया एजेंसी आईएसआई शामिल है।

पाकिस्तान की सेना ही देश की अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने में लगी है। अब लोगों को लगने लगा है असली सत्ता पाक सेना के पास है और इमरान सिर्फ कठपुटली है।

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इमरान खान ने पिछले साल अगस्त में पाकिस्तान की सत्ता पर काबिज हुए थे। उसके बाद लगातार पड़ोसी देश की अर्थव्यवस्था गिरती जा रही है। वहां की जनता लगातार महंगाई से कराह रही है। सत्ता संभालने के बाद इमरान खान ने लोगों से नया पाकिस्तान बनाने का वादा किया था। लेकिन इमरान के नए पाकिस्तान में लोगों को सेना का अत्याचार, महंगाई का बोझ और भूखमरी मिल रही है।

पड़ोसी देश की जीडीपी अगस्त 2018 में 5.5 फीसदी थी, जो अब 3.3 फीसदी हो गई है। पाकिस्तानी रुपया लगातार रसातल में जा रहा है जिससे एक-पांचवा हिस्सा खो चुका है।

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महंगाई दर के अगले एक साल में 13 फीसदी के पार जाने की संभावना है, जो कि दस साल का उच्चतम स्तर है। राजकोषीय घाटा जीडीपी का 7.1 फीसदी है, जो सात साल का उच्चतम स्तर है।

पाकिस्तान ऋण को चुकाने के लिए और अधिक ऋण ले रहा है। आईएमएफ, चीन और सऊदी अरब से लोन मिलने के बाद भी स्थिति में कोई सुधार नहीं आया। इसके अलावा सरकारी कंपनियों को भी लगातार घाटा हो रहा है। पाकिस्तान में केवल एक फीसदी लोग ही टैक्स जमा करते हैं। यह पूरी दुनिया में सबसे कम टैक्स और जीडीपी (11 फीसदी) का अनुपात है।

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पाकिस्तानी सेना का देश की अर्थव्यवस्था में भी दखल है। देश के बजट में से 22 फीसदी हिस्सा रक्षा पर खर्च होता है। इसके अलावा सेना के पास बैंकिंग, सीमेंट और रियलस्टेट सेक्टर में भी कई कंपनियां हैं, जिसके जरिए उसे 10 हजार करोड़ डॉलर की कमाई होती है।

पाकिस्तान में फौजी फाउंडेशन के पास ज्यादातर बिजनेस हैं। फौजी फाउंडेशन के पास सीमेंट, फर्टिलाइजर, बिजली और खाद्य उत्पादन करने वाली फैक्ट्रियों का नियंत्रण हैं। इसके अलावा 15 प्रोजेक्ट का भी इसके पास नियंत्रण है।

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पाकिस्तानी सेना को देश की अर्थव्यवस्था और वहां के नागरिकों की दयनीय हालत से कोई फर्क नहीं पड़ता है। वो चाहती है कि प्रत्येक पाकिस्तानी रुपये को केवल भारत विरोध में लगाया जाए, ताकि उसका एजेंडा चलता रहे।

पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था बुरी तरह लड़खड़ा गई है। देश कर्ज के बोझ से दिवालिया होने के कगार पर है। सरकार को अपने पहले साल में 19 अरब का कर्ज चुकाना है। सूद की शक्ल में प्रतिदिन छह अरब रुपये अदा करने पड़ रहे हैं। चालू घाटा बढ़कर नौ अरब रुपये हो गया है। कर्ज चुकाने के लिए सरकार ने सरकारी संपत्तियों को बेच रही है।

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