एक तानाशाह जिसकी हत्या की 6 बार कोशिशें हुईं, उसका बाल भी नहीं उखड़ा
मिस्र में अपने 30 वर्ष के शासन के दौरान हुस्नी मुबारक की हत्या की छह बार कोशिशें हुईं जिसमें वो बचते रहे। लेकिन उन्हीं के अपने लोगों ने उन्हें सत्ता से हटने के लिए दबाव बनाया और उन्हें हटना भी पड़ा सिर्फ इतना ही नहीं उन्हें जेल भी जाना पड़ा था।
मुंबई : मिस्र में अपने 30 वर्ष के शासन के दौरान हुस्नी मुबारक की हत्या की छह बार कोशिशें हुईं जिसमें वो बचते रहे। लेकिन उन्हीं के अपने लोगों ने उन्हें सत्ता से हटने के लिए दबाव बनाया और उन्हें हटना भी पड़ा सिर्फ इतना ही नहीं उन्हें जेल भी जाना पड़ा था। आज बड्डे हैं 91 साल के इस नेता का जिसने आधुनिक मिस्र में सबसे अधिक समय तक राज किया 25 जनवरी 2011, को से शुरू हुए राष्ट्रपति हुस्नी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन ने उन्हें सत्ता से दूर कर दिया।
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आपको बता दें, 1981 में अनवर सआदत की हत्या के बाद उन्होंने राष्ट्रपति पद संभाला तब काफी कम लोगों को उम्मीद थी कि उप राष्ट्रपति मुबारक इतने लंबे समय तक सत्ता संभालेंगे।
काहिरा में सैन्य परेड के दौरान इस्लामी चरमपंथियों के हमले में जब सआदत की हत्या हुई तो मुबारक खुशकिस्मती से उसमें बाल-बाल बच गये। तब से अब तक उनकी जान लेने की छह बार कोशिशें हो चुकी हैं। मुबारक ने सआदत की हत्या के आठ दिन बाद 18 अक्तूबर 1981 को राष्ट्रपति पद की शपथ ली।
1995 में अदिस अबाबा में मुबारक अफ्रीकी शिखर सम्मेलन में भाग लेने गये थे। उनके वहां पहुंचने के तुरंत बाद हुए हमले में वह बाल-बाल बच निकले। यह उन पर हुआ सबसे घातक हमला था।
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मिस्र की वायुसेना के कमांडर रहे मुबारक तीन दशक तक सत्ता संभालने में कामयाब रहे। मुबारक ने अपने शासनकाल में इस्राइल और पश्चिमी देशों को साध कर रखा।
मुबारक ने जब से सत्ता संभाली, उन्होंने देश को आपातकाल संबंधी कानून के तहत रखा, ज्सिके बाद उन्हें असीम शक्तियां मिल गईं।
मुबारक वर्ष 1981 के बाद से तीन चुनावों में निर्विरोध निर्वाचित हुए। उन्होंने वर्ष 2005 में चौथी बार लड़े चुनाव में प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवारों को खड़ा होने की अनुमति देने के लिये व्यवस्था में बदलाव कर दिया।
मुबारक का दिन जिम में कसरत करने या स्क्वॉश खेलने से शुरू होता था।
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उन्होंने अपने पुत्र गमाल मुबारक को अगला नेता बनाने के लिये तैयार किया और एनडीपी में उनका ओहदा बढ़ाया गया। लेकिन सफल नहीं हुए ।
उन्होंने मिस्र के घरेलू स्थिरता और आर्थिक विकास वाले दौर का नेतृत्व किया। इसके नतीजतन उनके देश के अधिकतर नागरिकों ने मिस्र में उनकी एकाधिकार वाली सत्ता को स्वीकार किया।