डब्लूएचओ के डीजी टेड्रोस एडहानॉम पर संकट के बादल
2017 में इस पद पर आसीन हुए टेड्रोस अब तक के सबसे विवादास्पद महानिदेशक बन गये है। 17 मई को होने वाली बैठक में कोरोना वायरस को लेकर चीन पर होने वाले हमले के बचाव में टेड्रोस की भूमिका उनका आगामी भविष्य तय करेगी।
योगेश मिश्र
लखनऊ। विश्वव्यापी कोरोना संकट से उपजी स्थितियों की चपेट में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लएचओ) के महानिदेशक टेड्रोस एडहानॉम जल्द आने वाले हैं। उनके लिए पद पर बना रहना मुश्किल होने वाला है।जिस चीन की मेहरबानी के चलते वह इस पद पर बैठने में कामयाब हुए उसी चीन के चलते उनकी इस पद से रूखसती का रास्ता भी तैयार हो रहा है।
उन पर आरोप है कि कोरोना वायरस को वैश्विक महामारी घोषित करने के मामले में उन्होंने चीन की सूचनाओं पर आँख बंद करके भरोसा किया। नतीजतन, १११ देशों में कोरोना का संक्रमण फैलने के बाद यह संगठन इसे वैश्विक महामारी घोषित कर पाया।
उन पर इस्तीफ़े के दबाव को लेकर ऑन लाइन याचिका भी दायर की गई है। जिस पर दस लाख लोगों के हस्ताक्षर हैं।उनके डब्ल्यूएसचओ का मुखिया चुने जाने में ही तमाम झोल है। वह इस महत्वपूर्ण संगठन के पहले मुखिया हैं जो फ़िज़िशियन नहीं वरन माइक्रोबायोलॉजिस्ट तथा मलेरिया रिसर्चर भी रहे।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की नीति निर्धारक संस्था वर्ड हेल्थ असेंम्बली की बैठक आगामी 17 मई को होने वाली है ।इस बैठक में ही टेड्रोस के भाग्य का फ़ैसला होगा।उन्हें हटाने में यदि कोई बड़ी दिक़्क़त पेश आई तो उनके अधिकारों में कटौती करने के लिए कुछ नये समूहों का गठन किये जाने पर भी विचार हो रहा है।
इथोपिया के स्वास्थ्य और विदेश मंत्री रह चुके टेड्रोस पर तीन महामारियों पर पर्दा डालने का आरोप लगा। कहा जा रहा है कि आज वही काम वह चीन के लिए कर रहे हैं। टेड्रोस का रिश्ता इथोपिया की मॉओवादी सत्ता से है। इस पद के लिए टेड्रोस एडहानॉम को इथोपिया की सरकार ने नोमिनेट किया था।
चीन ने किया था समर्थन
चीन ने उनके मनोनयन का समर्थन किया था। जब टेड्रोस एडहानॉम का नाम डब्लूएचओ के डीजी के लिए पेश किया गया था तो इसके विरोध में इथोपिया के दो सबसे बड़े जनजातीय समूहों ने जीनीवा में डब्लूएचओ मुख्यालय के सामने प्रदर्शन भी किया था।
उन पर इथोपिया सरकार की दमनकारी नीतियों का समर्थन करने, देश में मलेरिया के भीषण प्रकोप की खबरें दबाने और अपनी खास एनजीओ को मलेरिया उन्मूलन का काम देने के तमाम आरोप भी लगे हैं।
इसकी भी हुई थी निंदा
टेड्रोस एडहानॉम ने ज़िम्बाब्वे के तानाशाह रोबर्ट मुगाबे को डब्लूएचओ के ‘गुडविल एम्बेस्डर’ का खिताब से नवाजा था। इसकी भी खूब निंदा हुई थी। विश्व के नेताओं की कड़ी आलोचना के चलते टेड्रोस को मुगाबे की नियुक्ति रद करनी पड़ी थी।
2017 में इस पद पर आसीन हुए टेड्रोस अब तक के सबसे विवादास्पद महानिदेशक बन गये है। 17 मई को होने वाली बैठक में कोरोना वायरस को लेकर चीन पर होने वाले हमले के बचाव में टेड्रोस की भूमिका उनका आगामी भविष्य तय करेगी।