क्या होगा तुम्हारा: जब दुनिया से खत्म हो जाएगी चॉकलेट्स
चॉकलेट की पॉपुरैलिटी दुनिया भर में मशहूर है और लोग चॉकलेट्स को बहुत ही चाव से खाते हैं। लेकिन क्या हो अगर दुनिया से चॉकलेट्स खत्म हो जाए।
चॉकलेट की पॉपुरैलिटी दुनिया भर में मशहूर है और लोग चॉकलेट्स को बहुत ही चाव से खाते हैं। लेकिन क्या हो अगर दुनिया से चॉकलेट्स खत्म हो जाए। जी हां, एक अनुमान के अनुसार, अगले 30 सालों में चॉकलेटों के उत्पादन के लिए अनुकूल पर्यावरण नहीं बचेगा। क्योंकि आज के परिस्थियों को देखकर ये अनुमान लगाया जा रहा है कि, चॉकलेट के उत्पादन वाले मुख्य इलाकों में 30 सालों में आवश्यक तापमान से अधिक तापमान हो जाएगा। जो चॉकलेट के पैदावर के अनुकूल नहीं रहेगा और उन इलाकों में सूखा भी पड़ सकता है।
30 वर्षों में चॉकलेट के उत्पादन के लिए पर्यावरण अनुकूल नहीं-
कोकाओ पेड़ केवल ह्यूमिड वर्षा वनों में ही उगाए जाते हैं। लेकिन बताया जा रहा है कि आने वाले 30 वर्षों में चॉकलेट के उत्पादन के लिए पर्यावरण अनुकूल नहीं बचेगा। वहीं तेजी से बदलते पर्यावरण की वजह से मिट्टी में नमी होने के कारण इनका उत्पादन लगभग नामुमकिन है। दुनिया का आधे से ज्यादा केकाओ दक्षिण अफ्रीका के दो देश आइवरी कोस्ट और घाना उगाते हैं। लेकिन बताये जा रहे अनुमान के अनुसार, इन देशों को सूखे का सामना करना पड़ सकता है। दुनिया में लगातार चॉकलेट की मांग बढ़ रही है, जिसको पूरा करने में मुश्किल हो रही है।
हर साल हो सकती है पैदावर में 100 हजार टन की कमी-
यूरोप, दक्षिण और उत्तरी अमेरिका के साथ-साथ एशिया में भी चॉकलेट्स की मांग बढ़ा रही है। हार्डमैन एग्रिबिजनेस के प्रमुख डग हॉकिंग्स का कहना है कि ज्यादातर कोकओ का उत्पादन ऐसो किसान करते हैं, जो खाद और कीटनाशक खरीदने में सक्षम नहीं हैं। ऐसे में ये भी अनुमान है कि हर साल केकाओ की 100 हजार टन की कमी हो सकती है।
अब ऐसा कहा जा रहा है कि चॉकलेट की खेती को केवल आधुनिक तकनिकों से ही बचाया जा सकता है और ये भी कितनी कारगर होंगी इसका समय के साथ ही पता लगाया जा सकता है। चॉकलेट की बड़ी कमपनी मार्स ने वैज्ञानिकों को इसका समाधान निकालने के लिए बड़ी धनराशि दी है। इन वैज्ञानिकों ने केकाओ का एक जेनेटिक खोज निकाला है, एक ऐसे जेनेटिकली मोडिफाइड कृत्रिम को हाईब्रिड को बनाने में जुटे हैं जो अनुकूल परिस्थितियों में भी अच्छी क्वालिटी की केकाओ का उत्पादन कर सके।
अगर भारत की बात करें तो भारत में चॉकलेट की खपत काफी तेज से बढ़ी है। एक शोध में पता चला है कि पूरे विश्व में भारत में चॉकलेट की खपत सबसे तेजी से बढ़ी है। साल 2016 में चॉकलेट की खरीद में 13 फीसदी बढ़ेत्तरी हुई थी। एक शोध में पता चला है कि जहां विश्व के अन्य देशों में चॉकलेट की बिक्रा में कमी हुई है, वहीं भारत में इसकी मांग तेजी से बढ़ी है। 2016 में भारत में कुल 228 हजार टन की खपत हुई थी। साल 2018 में भारत 13 प्रतिशत और पोलैंड 2 प्रतिशत के साथ पूरे विश्व में दो ऐसे देश थे जहां चॉकलेट की खरीद में बढ़ोत्तरी हुई थी।