EL Nino: सावधान! असली गर्मी तो 2024 में पड़ेगी

El Nino: नासा के वैज्ञानिकों ने कहा है कि जीवाश्म ईंधन यानी कोयला, लकड़ी, तेल जलाने से होने वाला जलवायु परिवर्तन पृथ्वी के तापमान को बढ़ा रहा है।

Update: 2023-07-22 05:42 GMT
El Nino (photo: social media )

El Nino: दुनियाभर में करोड़ों लोग भीषण गर्मी से त्रस्त हैं और यही दुआ कर रहे हैं कि मौसम जल्दी से जल्दी बदले। लेकिन सभी कुदरत का कहर खत्म नहीं हुआ है और आने वाला साल 2024 और भी प्रचंड गर्म हो सकता है।

नासा के वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि अल नीनो का सबसे बुरा दौर अभी भी नहीं देखा गया है और अगला साल संभवतः पृथ्वी के लिए और भी ज्यादा गर्म होगा। नासा के वैज्ञानिकों ने कहा है कि जीवाश्म ईंधन यानी कोयला, लकड़ी, तेल जलाने से होने वाला जलवायु परिवर्तन पृथ्वी के तापमान को बढ़ा रहा है।

अल नीनो

अल नीनो, उष्णकटिबंधीय प्रशांत क्षेत्र में प्राकृतिक जलवायु पैटर्न है। ये समुद्र की सतह के तापमान को औसत से अधिक गर्म करता है और मौसम को प्रभावित करता है। जलवायु विज्ञानी और नासा गोडार्ड इंस्टीट्यूट फॉर स्पेस स्टडीज के निदेशक गेविन श्मिट ने कहा है कि अल नीनो हाल के महीनों में ही शुरू हुआ है और इसलिए दुनिया भर में पड़ रही अत्यधिक गर्मी पर अभी तक कोई बड़ा प्रभाव नहीं पड़ रहा है। यानी अल नीनो का पूरा इम्पैक्ट पड़ना बाकी है। श्मिट ने कहा, यह वास्तव में अभी-अभी सामने आया है, और इसलिए हम जो देख रहे हैं वह वास्तव में अल नीनो के कारण नहीं है। हम जो देख रहे हैं उसका कारण यह है कि हम वायुमंडल में ग्रीनहाउस गैसें डालना जारी रख रहे हैं। जब तक हम ऐसा करना बंद नहीं करेंगे, तापमान बढ़ता रहेगा।उन्होंने कहा - हमारा अनुमान है कि 2024 और भी अधिक गर्म वर्ष होने जा रहा है क्योंकि अल नीनो घटना की शुरुआत हुई है। यह इस वर्ष के अंत में चरम पर होगा, और यह कितना बड़ा होगा इसका अगले वर्ष के आँकड़ों पर बड़ा प्रभाव पड़ने वाला है।

श्मिट ने कहा कि बढ़ता तापमान वैज्ञानिकों की भविष्यवाणी के अनुरूप है क्योंकि मनुष्य अधिक जीवाश्म ईंधन जलाते चले जा रहे हैं और अधिक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को वायुमंडल में पंप हो रहा है। इसलिएजो चीजें अभूतपूर्व हैं वे भी आश्चर्यजनक नहीं हैं।

यूरोपीय संघ की कोपरनिकस जलवायु परिवर्तन सेवा ने इस महीने की शुरुआत में रिपोर्ट दी थी कि पिछला महीना पृथ्वी के लिए रिकॉर्ड पर सबसे गर्म जून था। अमेरिका और यूरोप की दो जलवायु एजेंसियों द्वारा रखे गए आधुनिक रिकॉर्ड में जुलाई के कई दिन ग्रह के सबसे गर्म दिन पाए गए हैं।

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