Zaroorat Ki Khabar: मिनट मिनट में बदलती दुनिया, इस भागदौड़ में समय का ख्याल रखना भी बेहद जरूरी

Time Value: एक मिनट कितना महत्वपूर्ण हो सकता है, इसे जानने की ज़रूरत है। क्योंकि एक मिनट में कई बार पूरी की पूरी ज़िंदगी और कई बार पूरी की पूरी दुनिया भी बदल जाती है।

Written By :  Yogesh Mishra
Update:2023-01-17 10:51 IST

मिनट मिनट में बदलती दुनिया (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Time Value: हम- आप आम तौर पर किसी को भी यह कह कर चल निकलते हैं कि बस पाँच मिनट इंतज़ार कीजिये। यह भी कहने के आदि हैं कि बस थोड़ी देर। यह पाँच मिनट और थोड़ी देर आपका कितना लंबा खिंचता होगा, यह आपके कामकाज और उस आदमी से मिलने की ललक, इसके साथ ही साथ आपके आदत पर निर्भर करता है। हम पाँच मिनट और थोड़ी देर को बिल्कुल तवज्जो नहीं देते हैं। लेकिन आज की तारीख़ में जब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का जमाना है। जब नैनों टेक्नॉलजी चल रही हो। जब इंटरनेट है। जब सोशल मीडिया आपकी ज़िंदगी को चारों तरफ़ से घेरकर खड़ा है। तब एक मिनट भी कितना महत्वपूर्ण हो सकता है, इसे जानने की ज़रूरत है। क्योंकि एक मिनट में कई बार पूरी की पूरी ज़िंदगी और कई बार पूरी की पूरी दुनिया भी बदल जाती है।

सेकंडों में बदल जाता है इतना कुछ

इंटरनेट की दुनिया में एक मिनट यानी 60 सेकेंड में तो बहुत कुछ बदल जाता है। यह साठ सेकंड एक बहुत बड़ा समय होता है। जानते हैं रियल टाइम में इंटरनेट पर क्या क्या होता है। हर मिनट सिर्फ अमेरिका में 380 लोग नई वेबसाइट बनाते हैं। लोग फेसबुक, मैसेंजर और व्हाट्सएप पर 71.6 मिलियन संदेश भेजते हैं। हर मिनट ट्विटर खाते पर 87,500 ट्वीट जेनरेट होते हैं। यूजर्स यूट्यूब पर 500 घंटे की नई वीडियो सामग्री हर मिनट अपलोड करते हैं। इंस्टाग्राम पर हर मिनट 6,95,000 स्टोरी साझा की जाती है।

सेकंड में इंटरनेट पर बदलाव (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

हर मिनट गूगल पर 3.8 मिलियन सर्च किए जाते हैं। हर मिनट सबसे ज्यादा सर्च किया गया शब्द या कीवर्ड 'फेसबुक','यूट्यूब' और 'अमेज़ॅन' होता है। गूगल केवल एक मिनट में 1,28,234 डॉलर कमाता है। ईमेल सेवाओं के जरिए सिर्फ एक मिनट में 232.4 मिलियन से भी ज्यादा ईमेल भेजे जाते हैं।

याहू और बिंग जैसे सर्च इंजन पर एक मिनट में क्रमशः 352134 तथा 574026 सर्च किये जाते हैं। याहू एक मिनट में 9452 डॉलर में कमा रहा है। जबकि बिंग की कमाई 7812 डॉलर प्रति मिनट है। 2021 में नेटफ्लिक्स पर हर मिनट 28,000 ग्राहक उसके ऐप पर कुछ न कुछ देख ही रहे थे। एक मिनट में डेटिंग ऐप टिंडर पर 20 लाख प्रोफाइल पर स्वाइप किया गया। लोगों ने सिर्फ मनोरंजन और सोशल नेटवर्किंग पर ही समय नहीं बिताया बल्कि प्रोफेशनल नेटवर्किंग भी की। लिंक्डइन पर हर मिनट में 9,132 कनेक्शन बने।

इंटरनेट पर कितनी शॉपिंग होती है इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि 2021 में हर एक मिनट में इंटरनेट पर 16 लाख डॉलर खर्च किए गए। शायद आप को नहीं पता होगा आपकी आंखें एक मिनट में 20 बार झपकती हैं। हर मिनट आप 30,000 से अधिक मृत त्वचा कोशिकाओं को बहाते हैं। सामान्य लोगों के लिए एक मिनट बिना अभ्यास के साँस रोकना बहुत मुश्किल होता है। यदि आप किसी एक्सप्रेस वे पर यात्रा कर रहे हो तो एक मिनट में एक से दो किलोमीटर की दूरी आप तय करते हैं। और जहाज़ से अगर आप यात्रा कर रहे हों तो हर मिनट दस से बीस किलोमीटर की यात्रा तय करते हैं। भारत की गोल्डन गर्ल कही जाने वाली पीटी उषा सेकेंड के सौ वें हिस्से से 1984 में ओलंपिक में पदक पाने से वंचित रह गयी थीं।

सबसे कीमती है समय

पदार्थ का अस्तित्व तीन आयाम में है। थ्री डायमेंशनल यानी लंबाई, चैड़ाई, ऊंचाई। पर आत्मा का चैथा आयाम है। फोर्थ डायमेंशन है। लंबाई, चैड़ाई ,ऊंचाई ये तो तीन दिशाएं हैं जिनमें सभी वस्तुएं आ जाती हैं। लेकिन आत्मा की एक और दिशा है जो वस्तुओं में नहीं है, जो चेतना की दिशा है। वह है टाइम, वह है समय। समय अस्तित्व का चैथा आयाम है। इस तरह वस्तु तो तीन आयम में हो सकती है। लेकिन चेतना कभी भी तीन आयाम में नहीं होती। वह चौथे आयाम में होती है। जैसे अगर हम चेतना को अलग कर लें तो दुनिया में सब कुछ होगा, सिर्फ समय, टाइम नहीं होगा। क्योंकि समय का बोध ही चेतना है। आइंस्टीन ने बहुत अदभुत काम किया। उसने इन चारों आयाम जोड़ कर अस्तित्व की परिभाषा कर दी है। सदा से स्पेस और टाइम, काल और क्षेत्र दो अलग चीजें समझी जाती रही हैं। समय अलग है, क्षेत्र अलग है। आइंस्टीन ने कहा, ये अलग चीजें नहीं हैं, ये दोनों इकट्ठी हैं और एक ही चीज के हिस्से हैं। तो उसने एक नया शब्द बनायाः स्पेसियोटाइम। टाइम और स्पेस दोनों को; काल और क्षेत्र को, जोड़ दिया। हालाँकि ये अलग चीजें नहीं हैं।

समय सबसे कीमती है। इसकी तुलना किसी से नहीं है।सब कुछ समय पर निर्भर रहता है। कहा गया है कि समय से पहले कुछ नहीं होता है। सब कुछ समय के अनुसार बदलता रहता है। समय का प्रवाह एकदिशीय है। हमें अपनी दैनिक गतिविधियों को करने के लिए समय चाहिए। हमें बीमारी से उबरने के लिए, हमें स्थिति से आगे बढ़ने के लिए, जीवन में प्रगति के लिए, हमें अपने माता-पिता को गौरवान्वित करने के लिए, हमें अपनी योग्यता बढ़ाने आदि के लिए समय चाहिए ।सभी को एक दिन में 24 घंटे समान मिलते हैं । लेकिन उपयोग करने का तरीका हर व्यक्ति में अलग-अलग होता है। समय का सदुपयोग आपके हाथ में है। हमने कई कहानियाँ सुनी हैं, कुछ लोगों ने समय के खेल का अनुभव भी किया है। इसलिए समय रहते ही हमें इसका महत्व समझ लेना चाहिए। सम्मान करना चाहिए। बौद्ध दर्शन में सब से महत्वपूर्ण क्षणिकवाद है। क्षणवाद का है। इसके अनुसार, इस ब्रह्मांड में सब कुछ क्षणिक और नश्वर है। कुछ भी स्थायी नहीं। सब कुछ परिवर्तनशील है। कोई भी वस्तु या पदार्थ स्थायी नहीं है। वह क्षण प्रति-क्षण परिवर्तित होती रहती है। क्षण भंगुर शब्द का भी ख़ासा उपयोग हुआ है।

समय का ख्याल रखना भी बेहद जरूरी

अब आप टाइम के छोटे छोटे फ़्रीक्शंन में बड़ी बड़ी उपलब्धियों को देख कर के समझ सकते हैं कि थोड़ी देर और पाँच मिनट का जो आप टाइम लेते हैं। आप के लिए कितना भारी पड़ता है। हमको, आपको, सबको समय का ख़्याल रखना चाहिए। देखना चाहिए, महसूस करना चाहिए कि एक मिनट में दुनिया कितनी बदल रही है। इस बदलती हुई दुनिया के साथ हम चल सकें। यह दुनिया हमें छोड़ कर पीछे न निकल जाये इस बात का ख़्याल रखना होगा। इसके लिए अगर दस बजे का समय किसी को आप किसी को देते हैं, तो वह समय नौ बजकर साठ मिनट का होना चाहिए ।उम्मीद है एक मिनट में होने वाले इन बदलावों से आप सबक़ लेंगे और निश्चित तौर से समय के साथ चलेंगे। समय को हम उसे देख नहीं सकते । लेकिन समय के सामने उपस्थित परिस्थितियाँ हमें बहुत कुछ देखने पर मजबूर कर देती हैं।

( दैनिक पूर्वोदय से साभार।)

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