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चीन का खतरनाक प्लान: यहां भारत का रोका था रास्ता, अब चप्पे-चप्पे पर तैनात हुई सेना
चीन ने अपनी दो ब्रिगेड्स डेप्सांग के मैदानी इलाके में तैनात की हुई हैं, जिससे भारत का संपर्क ट्रैडिनशनल पेट्रोलिंग प्वाइंट पीपी 10 से लेकर पीपी 13 तक कट गया।
नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में LAC के पास मई महीने से ही तनाव बरकरार है। इसके बाद दोनों पक्षों के बीच तनातनी में सुधार होने के बजाय केवल स्थिति खराब ही हुई है। चीन की ओर से की गई घुसपैठ और फायरिंग ने सीमा पर माहौल और खराब कर दिया है। इस बीच हम आपको लद्दाख के एक ऐसे हिस्से के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां पर भारतीय सेना 15 सालों से नहीं जा सकी है।
डेप्सांग के इलाकों में भारतीय सेना का रास्ता रोकती है चीनी सेना
हम बात कर रहे हैं डेप्सांग के मैदानों के बारे में, यहां भारत का कोई भी क्षेत्र चीन के कब्जे में नहीं है, लेकिन यहां पर बीते 15 सालों से सेना नहीं जा सकी है। चीनी सैनिकों ने डेप्सांग के कुछ इलाके में जाने वाला रास्ता भारतीय सेना के लिए रोक रखा है। संसद में भले ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा हो कि पेट्रोलिंग पैटर्न पारंपरिक और सही तरीके से परिभाषित हैं, हमारे जवानों को कोई भी ताकत पेट्रोलिंग से नहीं रोक सकती और पेट्रोलिंग पैटर्न में भी कोई बदलाव नहीं होगा।
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एक महीने पहले ही शुरू हो गया था गतिरोध
लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उत्तरी लद्दाख के डेपसांग में यह स्थिति काफी अलग है। क्योंकि मई से एक महीने पहले ही पैंगोंग त्सो के उत्तरी तट पर गतिरोध शुरू हो गया था। जहां भारतीय सेना को फिंगर 4 से 8 तक जाने की इजाजत नहीं दी जा रही थी। चीन ने भारतीय सैनिकों को डेपसांग में 5 पारंपरिक पेट्रोलिंग पॉइंट्स (पीपी) पर जाने से रोक रखा था।
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पेट्रोलिंग पॉइंट पर चीनी सैनिकों ने रोका था रास्ता (फोटो- सोशल मीडिया)
इन पेट्रोलिंग पॉइंट पर चीनी सैनिकों ने रोका था रास्ता
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने अपनी दो ब्रिगेड्स डेप्सांग के मैदानी इलाके में तैनात की हुई हैं, जिससे भारत का संपर्क ट्रैडिनशनल पेट्रोलिंग प्वाइंट पीपी 10 से लेकर पीपी 13 तक कट गया। चीन ने इस साल मार्च-अप्रैल में पेट्रोलिंग पॉइंट 10, 11, 11ए, 12 और 13 पर भारतीय सैनियों को जाने से रोक दिया था। इसे लेकर एक अधिकारी ने बताया कि मौजूदा गतिरोध से कुछ हफ्ते पहले ही चीन ने हमारे ही इलाके से हमारा ही संपर्क काटने की कोशिश की थी।
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डेप्सांग तक पहुंच मुहैया कराते हैं ये पेट्रोलिंग पॉइंट्स
ये पांच पेट्रोलिंग पॉइंट्स एलएसी के करीब हैं, लेकिन एलएसी पर नहीं हैं। हालांकि ये भारतीय क्षेत्र के अंदर ही आते हैं। ये पेट्रोलिंग पॉइंट्स डेप्सांग तक पहुंच मुहैया कराते हैं। ये बर्ट्से से सात किलोमीटर पूर्व में है, जो डीएसडीबीओ रोड पर पड़ता है। साथ ही यह भारतीय सेना का बेस है। यह रोड आगे जाकर दो पार्ट्स में बंट जाती है, जिसके चलते इसे वाई जंक्शन के नाम से जाना जाता है।
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इन पेट्रोलिंग पॉइंट्स में बसे नहीं हैं चीनी सैनिक, लेकिन...
भारतीय सीमा में होने के बाद भी चीनी सैनिकों ने इस इलाके में जाने वाला रास्ता भारतीय सैनिकों के लिए रोक रखा है। अधिकारी का कहना है कि डेप्सांग के मैदानों में भारत का कोई भी क्षेत्र चीन के कब्जे में नहीं है, लेकिन यहां पर बीते 15 सालों से सेना नहीं जा सकी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी सैनिक इन पेट्रोलिंग पॉइंट्स में बसे नहीं हैं, लेकिन वो आते हैं और भारतीय सेना का रास्ता रोकते हैं।
चीन का खतरनाक प्लान: यहां भारत का रोका था रास्ता (फोटो- सोशल मीडिया)
अगर भारत चाहे तो पहुंच सकता है इन पॉइंट्स पर
सूत्र कहते हैं कि अगर भारत चाहते तो अभी भी इन पेट्रोलिंग पॉइंट्स तक पहुंच सकता है, लेकिन ऐसा करने का मतलब एक और फ्लैश प्वाइंट बनाना होगा। रिपोर्ट के मुताबिक, 972 वर्ग किलोमीटर के इलाके पर 15 साल से कोई भी गश्त नहीं हुई है। अधिकारी के मुताबिक, पहले हम उन पैट्रोलिंग पॉइंट्स तक जाया करते थे लेकिन अब चीनी सेना हमें रोकती है।
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क्यों जरूरी है डेप्सांग
डेप्सांग मैदान का इलाका भारत के लिए बेहद जरूरी इलाका है। कूटनीतिक तौर पर चह भारत के लिए काफी ज्यादा अहम माना जाता है। साथ ही लद्दाख की रक्षा के लिए डेपसांग मैदानों पर नियंत्रण जरूरी है, क्योंकि यह हाल ही में पूरी की गई डीएसडीबीओ सड़क का विस्तार करता है। यह हर मौसम में लेह से दौलत बेग ओल्डी पर आखिरी आउटपोस्ट तक चालू रहने वाली सप्लाई लाइन है। इसके अलावा यह काराकोरम पास के बेस के नजदीक है, जो चीन के शिंजियांग स्वायत्त क्षेत्र को लद्दाख से अलग करता है।
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