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किसानों की ललकार: अब उग्र होगा आंदोलन, शाह संग कृषि मंत्री की बैठक

किसानों ने सरकार का कृषि कानून प्रस्ताव सिरे से ख़ारिज कर दिया है। किसान नेताओं ने रिलायंस जियो के उत्‍पादों का बहिष्‍कार करने का भी ऐलान किया है। बीजेपी के नेताओं का पूरे देश में घेराव होगा। 14 दिसंबर को देश भर में धरना प्रदर्शन करेंगे। 

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Published on: 9 Dec 2020 4:44 AM GMT
किसानों की ललकार: अब उग्र होगा आंदोलन, शाह संग कृषि मंत्री की बैठक
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LIVE: सरकार ने किसानों को भेजा प्रस्ताव, संशोधन पर चर्चा करेंगे किसान नेता

नई दिल्ली: कृषि कानून के विरोध में किसानों का आंदोलन का आज 14वें दिन भी जारी है। आज तय हो सकता है कि किसानों की आगे रणीनित क्या होगी।आंदोलन के बीच मंगलावर को किसान नेता ओर गृह मंत्री के अमित शाह के बीच बड़ी बैठ हुई है। इस बैठक में सरकार ने साफ कर दिया कि कृषि कानून वापस नहीं लेगी, लेकिन किसानों को प्रस्ताव देगी। सरकार के इस प्रस्ताव पर किसान बैठक में चर्चा करेंगे और आगे की रणनीति पर फैसला लेंगे।

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किसान नेताओं द्वारा प्रस्ताव खारिज होने के बाद गृह मंत्री से मिलने पहुंचे नरेंद्र सिंह तोमर

किसानों ने सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। किसान नेताओं के इस ऐलान के बाद हलचल बढ़ गई है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर गृह मंत्री अमित शाह से मिलने के लिए उनके आवास पहुंचे हैं।

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किसानों ने रिलायंस जियो के उत्‍पादों का बहिष्‍कार करने का किया ऐलान

किसान नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि दिल्‍ली और आसपास के राज्‍यों से 'दिल्‍ली चलो' की हुंकार भरी जाएगी। बाकी राज्‍यों में अनिश्चितकाल तक के लिए धरने जारी रखे जाएंगे। किसान नेता डॉ दर्शन पाल ने कहा कि 12 दिसंबर तक जयपुर-दिल्‍ली हाइवे जाम कर दिया जाएगा। किसान नेताओं ने रिलायंस जियो के उत्‍पादों का बहिष्‍कार करने का भी ऐलान किया है। किसान नेताओं ने कहा कि बीजेपी के नेताओं का पूरे देश में घेराव होगा।

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सरकार का प्रस्ताव खारिज, अब आन्दोलन होगा और तेज़

किसानों ने सरकार का किसान कानून पर दिया गया प्रस्ताव सिरे से ख़ारिज कर दिया है। किसान नेताओं ने आन्दोलन को अब और तेज़ करने का एलान कर दिया है और 14 दिसंबर को देश भर में धरना प्रदर्शन करेंगे।

प्रस्ताव पर किसानों की सहमति के आसार कम

सरकार के प्रस्ताव पर किसानों की सहमति के आसार कम हैं। अधिकतर किसान नेता तीनों कानून के वापसी से कम मानने को तैयार नहीं हैं।

किसान नेता स्पष्ट करेंगे अपना रुख

सरकार के प्रस्ताव पर किसान नेता अपना रुख स्पष्ट करेंगे। डेढ़ घंटे से चली आ रही किसानों की बैठक खत्म होने वाली है। शाम 5 बजे किसान नेता प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे।

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प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे किसान

सरकार के प्रस्ताव पर चर्चा के बाद किसान शाम पांच बजे के करीब प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे।

किसानों की चर्चा जारी

दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर इस वक्त 40 किसान संगठनों की बैठक जारी है, इनमें से 13 कल अमित शाह के साथ मीटिंग में मौजूद थे। राकेश टिकैत, मंजीत राय किसानों को बैठक की जानकारी देंगे, सरकार के प्रस्ताव पर चर्चा करेंगे। यहां योगेंद्र यादव और मेधा पाटकर भी मौजूद हैं।

सरकार के प्रस्ताव पर चर्चा

ऑल इंडिया किसान संगठन के राजा राम सिंह का कहना है कि उन्हें सरकार का प्रस्ताव मिला है। सरकार ने MSP जारी रखने, APMC को मजबूत करने, प्राइवेट कंपनियों के रजिस्ट्रेशन की बात कही है। सरकार के प्रस्ताव पर अब बैठक की जाएगी।

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किसानों को सरकार की ओर से दिए जा सकते हैं ये प्रस्ताव-

1-APMC एक्ट में बदलाव, फ्री मंडी में भी समान टैक्स, पहले फ्री मंडी में टैक्स नहीं था।

2-विवाद होने पर स्थानीय कोर्ट जाने का भरोसा, पहले सिर्फ SDM के पास जा सकते थे।

3-फ्री ट्रेडर्स के लिए रजिस्ट्रेशन सुविधा, पहले सिर्फ पैन कार्ड से काम चल सकता था।

4-कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग में बदलाव, किसान की जमीन की सुरक्षा का भरोसा।

5-MSP पर सरकार लिखित गारंटी देने को तैयार।

6-पराली जलाने के मसले पर सख्त कानून में नरमी।

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सिंघु बॉर्डर पर किसान संगठनों की बैठक

सिंघु बॉर्डर पर किसान संगठनों की बैठक हो रही है। अभी पंजाब के 32 किसान संगठन सिंघु बॉर्डर पर मीटिंग कर रहे हैं। इसके बाद आठ अन्य संगठन भी आएंगे, जिसके बाद राष्ट्रीय स्तर के आंदोलन की बैठक होगी। हालांकि, किसान नेता जगजीत सिंह दलेवाल ने बताया कि अभी हमारे पास सरकार का कोई प्रपोजल नहीं आया है, जैसे ही वो मिलेगा किसान नेता चर्चा करेंगे। किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि ये किसानों के सम्मान की बात है, ऐसे में किसान अपनी बात से पीछे नहीं हटेंगे। सरकार ने सिर्फ संशोधन का प्रस्ताव भेजा है, जो किसानों को मंजूर नहीं है।

2 बजे बीजेपी करेगी प्रेस कांफ्रेंस

किसानों के आंदोलन के बीच दोपहर दो बजे बीजेपी की प्रेस कॉन्फ्रेंस है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और नेता भूपेंद्र यादव इस प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करेंगे।

सरकार ने किसानों को लिखित प्रस्ताव भेज दिया है

कृषि कानून वापस लेने की मांग पर अड़े किसानों को सरकार ने अपना प्रस्ताव भेज दिया है। जिसमें मौजूदा कानूनों में संशोधन शामिल हैं, इनमें किसानों की मांग को भी शामिल किया जा रहा है।

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चर्चा की तैयारियों में किसान

संयुक्त किसान मोर्चा के संयोजक अक्षय कुमार ने कृषि कानून के मसले पर पीएम मोदी को चिट्ठी लिखी है। दूसरी ओर आज किसान नेताओं की मीटिंग हिंदुस्तान टाइम्स गैलरी हॉल सिंघु बॉर्डर पर होगी। इसमें वह तमाम 40 किसान नेता इस बैठक में शामिल होंगे जो सरकार के साथ बातचीत कर रहे हैं।

सुखबीर बादल और शरद पवार की मुलाकात

किसानों के आंदोलन के बीच विपक्ष अपनी रणनीति बनाने में जुटा है। सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली में बुधवार को एनसीपी नेता शरद पवार और अकाली दल के सुखबीर बादल की बैठक चल रही है। इससे पहले अकाली दल नेता प्रेम चंदूमाजरा शरद पवार से मिलने उनके घर आए थे। चंदूमाजरा ने कहा है कि शरद पवार भी चाहते हैं कि मुद्दे का हाल बातचीत से निकले। अगर सरकार ने किसानों की बात नहीं मानी तो तो आगे उसी के हिसाब से रणनीति बनेगी। बता दें कि आज शाम को विपक्ष को इस मसले पर राष्ट्रपति से मिलना है।

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केंद्रीय कैबिनेट की बैठक शुरू

किसानों को सरकार की ओर से आज लिखित प्रस्ताव दिया जाना है, इस बीच केंद्रीय कैबिनेट की बैठक शुरू हो गई है। उधर, दिल्ली पुलिस ने राजधानी में एंट्री वाली जगह पर बैरिकेडिंग की है, जिसके कारण जाम की स्थिति बन गई है।

किसानों को सुबह 11 बजे तक सरकार लिखित प्रस्ताव देगी। इसके बाद सिंघु बॉर्डर पर ही किसानों की दोपहर 12 बजे बैठक होगी। इस बैठक में किसान प्रस्ताव पर चर्चा करेंगे। चर्चा में आगे की रणनीति तय करेंगे।

अमित शाह का किसानों को भरोसा

भारत बंद के बाद गृह मंत्री अमित शाह और 13 किसान नेताओं के बीच बैठक हुई। इस बैठक से बाहर आए किसानों ने बताया कि सरकार कृषि कानूनों को वापस नहीं लेगी, लेकिन सरकार प्रस्ताव देगी। इसके बाद किसान नेताओं और सरकार के बीच बुधवार को होने वाली बैठक स्थगित हो गई।

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इस संशोधना पर राजी दिख रही सरकार

-कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के कानून में अभी किसान के पास कोर्ट जाने का अधिकार नहीं है, ऐसे में सरकार इसमें संशोधन कर कोर्ट जाने के अधिकार को शामिल कर सकती है।

-प्राइवेट प्लेयर अभी पैन कार्ड की मदद से काम कर सकते हैं, लेकिन किसानों ने पंजीकरण व्यवस्था की बात कही। सरकार इस शर्त को मान सकती है।

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-इसके अलावा प्राइवेट प्लेयर्स पर कुछ टैक्स की बात भी सरकार मानती दिख रही है।

-किसान नेताओं के मुताबिक, अमित शाह ने MSP सिस्टम और मंडी सिस्टम में किसानों की सहूलियत के मुताबिक कुछ बदलाव की बात कही है।

अमित शाह की इन किसान नेताओं के साथ हुई बैठक

गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को किसान नेता राकेश टिकैत, गुरनाम सिंह चढूनी, हनन मुला, शिव कुमार कक्का जी, बलवीर सिंह राजेवाल, रुलदू सिंह मानसा, मंजीत सिंह राय,बूटा सिंह, हरिंदर सिंह लखोवाल, दर्शन पाल, कुलवंत सिंह संधू, बोध सिंह मानसा और जगजीत सिंह ढलेवाल मुलाकात की।

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बता दें कि बुधवार को कृषि कानूनों पर चर्चा के लिए सरकार और किसान संगठनों के बीच बातचीत होनी थी, लेकिन अब सरकार और किसान नेताओं के बीच होने वाली छठे दौर की बैठक स्थगित हो गई है। कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब और अन्य राज्यों के किसानों का दिल्ली की सीमाओं पर पिछले 14 दिनों से धरना प्रदर्शन चल रहा है। किसान संगठनों द्वारा लगातार कृषि कानून वापस लेने की मांग की जा रही है।

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