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JNU छात्रों ने किया सरकार को चैलेंज, कहा- बार-बार घेरेंगे संसद
छात्रों ने ऐलान किया कि जबतक सरकार की ओर से बढ़ाई गई हॉस्टल फीस पूरी तरह से वापस नहीं होती है, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा, JNUSU की अध्यक्ष आइशी घोष ने ऐलान किया कि अगर बार-बार संसद घेरने की जरूरत हुई तो वो भी करेंगे।
नई दिल्ली: JNU के छात्रों का आज 19 नवंबर को संसद मार्च दिन भर चले बवाल के बाद खत्म हो गया। गिरफ्तार किए गए छात्रों को दिल्ली पुलिस ने रिहा कर दिया। वहीं, JNU छात्रसंघ के सदस्यों ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सचिव से मुलाकात कर अपनी मांग रखी। आधिकारिक तौर पर JNU छात्र संघ की मांगों को स्वीकार कर लिया गया है।
छात्र संघ ने दिल्ली पुलिस द्वारा लाठीचार्ज को लेकर भी मंत्रालय को जानकार कराया और दिल्ली पुलिस के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की। मंगलवार को JNU छात्र संघ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और सीधे तौर पर सरकार को चैलेंज किया कि वह झुकने वाले नहीं हैं, छात्रों ने ऐलान किया कि जबतक सरकार की ओर से बढ़ाई गई हॉस्टल फीस पूरी तरह से वापस नहीं होती है, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।
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छात्र नेता ने पुलिस पर लगाया ये आरोप
दिल्ली पुलिस ने बताया कि आज JNU धरना प्रदर्शन में कम से कम 30 पुलिसकर्मी और 15 छात्र घायल हो गए। इस बीच JNU के पूर्व अध्यक्ष एन साई बालाजी ने एक छात्र की बेरहमी से पिटाई को लेकर ट्वीट किया। उन्होंने बताया कि क्रांतिकारी गायक और जेएनयूएसयू के पार्षद शशिभूषण समद को बुरी तरह से पीटा गया है। वे नेत्रहीन हैं। वे एम्स ट्रॉमा सेंटर में एडमिट हैं और उनकी हालत गंभीर बनी हुई है।
वहीं AAP सांसद संजय सिंह ने भी ट्वीट कर नाराजगी जाहिर की। संजय सिंह ने लिखा- युवाओं छात्रों से इतनी नफरत ये हैं....
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प्रस्ताव के बाद बवाल थमा
आपको बता दें कि छात्रों के संसद मार्च को शाम में सफदरगंज मकबरे के पास पुलिस ने रोक लिया था। वैसे तो, फिर भी छात्र सड़क पर ही डटे रहे। इसके बाद पुलिस ने इलाके की स्ट्रीट लाइट बंद करते हुए छात्रों को पीछे की ओर खदेड़ना शुरू किया। बवाल की वजह से दिल्ली के कई इलाकों में जाम लगा रहा। छात्रों और पुलिस की सड़कों पर भीड़ के चलते आवाजाही पर असर पड़ा रहा। जिस वजह से दिल्ली मेट्रो के 5 स्टेशनों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया।
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दिल्ली पुलिस ने छात्रों की HRD मंत्रालय से बात कराने का प्रस्ताव रखा। दिल्ली पुलिस के प्रस्ताव को JNU छात्रों ने मान ली। फीस विवाद को लेकर देर रात छात्र, HRD मंत्रालय पहुंचे।
दिन भर ऐसा रहा घटना क्रम...
JNU छात्रों की हुंकार- बार-बार घेरेंगे संसद...
JNU हॉस्टल फीस बढ़ाने को लेकर छात्रों का विरोध प्रदर्शन अभी रूका नहीं है। मंगलवार को JNU छात्र संघ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और सीधे तौर पर सरकार को चैलेंज किया कि वह झुकने वाले नहीं हैं।
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JNUSU की अध्यक्ष ने कहा...
छात्रों ने ऐलान किया कि जबतक सरकार की ओर से बढ़ाई गई हॉस्टल फीस पूरी तरह से वापस नहीं होती है, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा, JNUSU की अध्यक्ष आइशी घोष ने ऐलान किया कि अगर बार-बार संसद घेरने की जरूरत हुई तो वो भी करेंगे।
जारी रहेगा आंदोलन...
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बता दें कि हॉस्टल फीस बढ़ोतरी के मसले पर JNU छात्रों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की, छात्रों की ओर से कहा गया कि हम पिछले 23 दिनों से मांग कर रहे हैं लेकिन कोई भी हमारी बात नहीं सुन रहा है।
इसके साथ ही छात्रों ने कहा कि दिल्ली पुलिस के द्वारा जो लाठीचार्ज किया गया, वह बर्बरता है। छात्रों ने कहा कि कई छात्र जो घायल हैं, वह प्रेस कॉन्फ्रेंस का हिस्सा नहीं बन पाए।
इसके साथ ही प्रेस कॉन्फ्रेंस में छात्रा ने आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस के पुरुष जवानों के द्वारा छात्राओं को पकड़ा जा रहा था, जो कि पूरी तरह से गलत है।
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छात्रों ने कहा कि पिछले 23 दिनों से हमारी बात कोई नहीं सुन रहा था, इसी वजह से हमने संसद सत्र के पहले दिन को चुना ताकि हम अपनी आवाज़ पहुंचा सकें, प्रेस कॉन्फ्रेंस में JNU छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष ने आरोप लगाया कि जिस बस में उन्हें पुलिस पकड़ कर ले गई, वो सीधा पुलिस स्टेशन नहीं ले गए बल्कि यूं ही घुमाते रहे।
उन्होंने आरोप लगाया कि मंत्रालय की ओर से जिस कमेटी का गठन किया गया, उसने छात्रों से मिलने से इनकार कर दिया।
आइशी घोष ने कहा कि जब VC हमसे बात करने के लिए तैयार नहीं हैं, तो हम अपना प्रदर्शन क्यों रोकें। छात्रों का कहना है कि VC को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए, पुलिस के दमपर हम डरने वाले नहीं हैं और अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे।
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बता दें कि सोमवार को एक तरफ जहां संसद के शीतकालीन सत्र का पहला दिन था, दूसरी ओर बाहर सड़कों पर JNU के छात्र प्रदर्शन कर रहे थे, इस दौरान दिल्ली पुलिस के साथ छात्रों की झड़प हुई, कई छात्र घायल भी हुए. अब इसी मामले में दिल्ली पुलिस ने अज्ञात छात्रों के खिलाफ FIR दर्ज की है।
दिल्ली पुलिस ने दर्ज की FIR...
JNU छात्रों के द्वारा सोमवार को किए गए प्रदर्शन पर दिल्ली पुलिस ने FIR दर्ज की है, सोमवार को धारा 144 होने के बावजूद सैकड़ों की संख्या में छात्र सड़कों पर उतरे थे। इस दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज किया था, जिसमें कई छात्र घायल भी हो गए थे, कानून का उल्लंघन करने के आरोप में किशनगढ़ थाने में ये मुकदमा दर्ज किया गया है।
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मंगलवार को JNU छात्र संघ, JNU प्रशासन और हॉस्टल प्रेसिडेंट के लोग केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा बनाई गई तीन सदस्य कमेटी से एक बार फिर मुलाकात कर सकते हैं और अपनी मांग को रख सकते हैं। सोमवार देर शाम को भी छात्रों ने केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय के अधिकारियों से मुलाकात की, हालांकि, आश्वासन से JNU छात्र संतुष्ट नहीं दिखे।
प्रदर्शन से रूका दिल्ली...
सोमवार को जब छात्र दिल्ली की सड़कों पर उतरे तो राजधानी थम गई थी, हजारों की संख्या में छात्र सड़क पर उतरे तो पुलिस ने लाठीचार्ज किया, इस दौरान सैकड़ों छात्रों को हिरासत में भी लिया गया। कई छात्र घायल हुए, कुछ खून से लथपथ भी हो गए थे। सभी छात्र संसद की ओर जाने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन दिल्ली पुलिस ने बीच में ही उन्हें रोक दिया।
छात्रों की मांग...
JNU में हॉस्टल फीस में हुई बढ़ोतरी के कारण छात्र सड़कों पर उतरे और अपनी मांग को सरकार के सामने रखा, अभी भी छात्रों की मांग हैं जिसपर वह अड़े हुए हैं...
1. इनमें हॉस्टल फीस, नए नियमों के आदेश को वापस लेना और फिर पहले की तरह बहाल करने वाला था।
2. JNU प्रशासन और छात्रों के बीच बातचीत का सिलसिला शुरू किया जाए।
3. हॉस्टल के पुराने नियमों को बहाल किया जाए।