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ओह तेरी! पत्नी कहेगी पति से, बिस्तर पर 'ना बाबा ना'
महिलाओं में अब यह बात समझना होगा कि अगर उनके लिए पति देवता है, तो वो उसकी दासी नहीं, देवी है। इसलिए ऐसी कई परिस्थितियां सामने आती हैं जहां पर उन्हें बिना झिझक के पति को 'ना' बोल देना चाहिए।
नई दिल्ली: भारतीय समाज मे कुछ जगहों पर ऐसी धारणा है कि पत्नी के लिए पति परमेश्वर होता है। अर्थात पति को ईश्वर की ही तरह पूजा जाता है, साथ ही पतियों के लिए औरतें व्रत रखने के साथ आरती भी उतारती जाती है।
भारत की महिलायें संस्कार से परिपूर्ण होती है, ऐसा माना जाता है कि भारत की महिलायें पति को भगवान स्वरूप मानती हैं।
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इसके साथ ही महिलायें न सिर्फ उन्हें खुश करने के लिए नहीं बल्कि डर से भी पत्नियां अपने मान सम्मान को किनारे रख पति की हर जायज और नाजायज मांग पूरी करती हैं।
आपको बताते चलें कि भारतीय पत्नियों में यह डर हमेशा बना रहता है कि उनके पति से किसी तरह विवाद न हो,पति नाराज न हो जाए, साथ ही संबंध ठीक रहे।
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जबकि भारतीय महिलायें नहीं जानतीं कि मन न होने पर भी हर बार 'हां' कह देने से वो असल में अपने संबंधों को खोखला कर रही हैं, और जो कभी 'न' कह भी दे तो वो अपने साथ अपराध बोध भी लेकर चलती हैं।
महिलाओं में अब यह बात समझना होगा कि अगर उनके लिए पति देवता है, तो वो उसकी दासी नहीं, देवी है। इसलिए ऐसी कई परिस्थितियां सामने आती हैं जहां पर उन्हें बिना झिझक के पति को 'ना' बोल देना चाहिए।
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1. पति को 'ना' कहें...
कुछ पत्नियों का ऐसा सोचना है कि पति का बिस्तर पर इंतजार करने के साथ पत्नी का मन न होना। वो 'न' कहेगी तो पति नाराज होगा इसलिए मन न होते हुए भी वो खुद को समर्पित कर देती है।
लेकिन आपको बताते है कि कोई भी किसी को सेक्स के लिए मजबूर नहीं कर सकता, पति भी नहीं। नियम यह है कि सेक्स के लिए सहमति जरूरी है, और बिना सहमति से किया गया सेक्स बलात्कार होता है।
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2. अजीब सेक्सुअल मांगों पर कहें 'ना'...
कई बार व्यक्ति खुद को यौन रूप से संतुष्ट न कर पाने के बाद अक्सर नई नई फैंटसी को अपनाते हैं, वो पत्नियों से वैसा ही चाहते हैं। बहुत से पति तो ये भी चाहते हैं कि पत्नी उनके सामने किसी पोर्न स्टार की तरह आए। वो पत्नियों से अजीब अजीब डिमांड करते हैं। लेकिन अगर पत्नी अगर करने में खुद को जरा भी असहज महसूस करे, तो वो पति को अपने असहज होने का कारण बता सकती है, पति को न कहने का अधिकार रखती है।
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3. बैंक या मोबाइल के पासवर्ड बताने पर कहें 'ना'...
महिलाओं को ध्यान रखना चाहिए कि शादी के बाद कुछ चिजें पर्सनल भी रखी जाती है, लेकिन एक बात भी सच है कि हर किसी के पास उसका पर्सनल स्पेस होना ही चाहिए, चाहे वो पति हो या पत्नी। अगर अपने बैंक का पासवर्ड या एटीएम पिन आपने पति को नहीं बताना चाहतीं तो इसमें कोई बुराई नहीं है, न चाहें तो फोन का पासवर्ड भी न बताएं।
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बता दें कि शादी भरोसे और विश्वास पर ही टिकी होती है। लेकिन पति का आपसे पासवर्ड मांगना उसकी इनसिक्योरिटी और अविश्वास को ही दर्शाता है। अगर आप पति को ये डीटेल बताने में सहज हैं तो बहुत अच्छा. लेकिन अगर असहज हैं तो फिर कोई इसके लिए आपको बाध्य नहीं कर सकता।
4. माता-पिता को सपोर्ट न करने के लिए 'ना' कहें...
भारतीय परिवारों में एक चीज सभी समाज में मानी जाती है कि शादी के बाद लड़की ससुराल की हो जाती है। उनसे उम्मीद भी यही की जाती है कि वो मायके वालों से ज्यादा ससुराल वालों को अहमियत दें।
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जब सोच ऐसी हो तो फिर लड़की का मायके वालों को आर्थिक रूप से सहायता करना तो बहुत बड़ा अपराध माना जाता है। लेकिन एक बेटी भी बेटे की तरह अपने माता-पिता का ख्याल रख सकती है।
खासकर वो बेटियां जिनके भाई ही नहीं हैं वो अपने माता-पिता को किसके भरोसे छोड़ सकती हैं। इसलिए बेटी शादी के बाद भी अपने माता-पिता की आर्थिक रूप से मदद कर सकती है। पति ऐसा न चाहे तो पत्नी अपने विचार उसे बताए और उसे बेहिचक 'ना' कहे।
5. बच्चा होने के बाद नौकरी छोड़ने के लिए 'मना'...
ये तो हमेशा से ही होता आया है कि शादी को बाद जब बच्चा होता है तो नौकरी लड़की को ही छोड़नी पड़ती है। हालांकि बच्चे के लिए उसकी मां की अहमियत को नकारा नहीं जा सकता, लेकिन पिता की भी अहमियत मां से कम नहीं होती। लेकिन नौकरी पत्नी को ही छोड़नी होती है भले ही पति से बेहतर जॉब पर हो।
लेकिन अगर ऐसा है कि किसी एक को नौकरी छोड़कर घर बैठना हो तो पहले ये विचार विमर्ष करना जरूरी है कि किसकी नौकरी बेहतर है।
गौरतलब है कि ये तो एक पत्नी के अधिकार हैं जिनके लिए उसने न बोलना सीखा ही नहीं। दरअसल भारतीय औरतों को न कहना सिखाया ही नहीं जाता है। लेकिन आज और आने वाले कल के लिए ये जरूरी है कि महिलाएं 'न' की शक्ति को समझें।