पैरेंटिंग टिप्स: क्या आपका बच्चा है इसका शिकार तो माता-पिता हो जाइए सावधान
स्पेशल फील कराना ज़रूरी है।उनकी पसंद-नापसंद को महत्व दें। जैसे, उनसे पूछें कि वो पहले खाना पसंद करेंगे या खेलना? ऐसे सवाल पूछने से बच्चों को लगता है कि घर में उनकी राय की भी अहमियत है।
कहीं आपका बच्चा बोलने लगा है ऐसी बातें तो हो जाइए सतर्क, जानें अंजाम
ये चीजें उनके माता-पिता की परवरिश पर निशाने पर आ जाता है। इसलिए बच्चों को सही राह दिखाई जाए। इसके कुछ टिप्स बताने जा रहे हैं। तो जानते हैं इसके बारे में।
Kids Care Tips: ऐसे दूर करें अकेलापन , जी लें बच्चों के साथ बचपन
बच्चे आप के लिए वे महत्त्वपूर्ण हैं क्योंकि बच्चों को आप के तोहफों से ज्यादा आप की मौजूदगी की जरूरत है। इसलिए कुछ ऐसे उपाय बताने जा रहे हैं जिनसे प्यार के साथ दूर करें बच्चों का अकेलापन।
पैरेंटिंग टिप्स : चुलबुले बच्चों पर ऐसे लगाएं लगाम, तभी मिलेगा आपको विराम
हाइपर ऐक्टिव यानी अत्यधिक सक्रिय बच्चों का घर में होना किसी छोटे तूफ़ान से निपटने से कम नहीं होता, क्योंकि वे काफ़ी चुलबुले होते हैं। उनका दिमाग़ स्थिर नहीं होता और न ही वे एक जगह पर कुछ मिनट से ज़्यादा नहीं टिक पाते हैं। ऐसे में माँ बहुत परेशान हो जाती है
पैरेंट्स के लिए पैरेंटिंग नहीं आसान! ऐसे करें विकास कि बच्चे का ना हो कम आत्मविश्वास
कुछ बच्चे बचपन से ही मस्त व सबसे घुलने मिलने वाले होते है तो कुछ बच्चा किसी से भी मिलने पर हिचकिचाता है, उसे अकेले रहना अच्छा लगता है और पैरेंट्स को भी लगता है कि बच्चा, बड़े होने पर समझ जाएगा, लेकिन समय बदलने के साथ ही बच्चे पर उसके भावी जीवन के बारे में तय करने और एक ऊंचाई छूने के लिए दौड़-भाग का दवाब बनने लगता है।
बचपन में सिखाएं बच्चों को ये सब, बड़े होकर करेंगे ऐसा काम
जब उन्हें मारेगें या डांटेगी तो अगली बार से वह अपनी बात या गलती को ईमानदारी के साथ शेयर नही करेगें। अगर उनसे गलती हो जाती है तो उनके मन में जो भी है उन्हें वह बेझिझक बोलने दें। उनके अंदर के मासूम बच्चे को कभी भी मरने न दें।
कैसे और कब से दें मम्मियां अपने बच्चे को टॉयलेट ट्रेनिंग, इससे होता है बच्चों का सही ग्रोथ
यह ट्रेनिंग 1 साल से अधिक उम्र के बच्चों को देना जरूरी है ताकि वे धीरे-धीरे इसे अपनी आदत बना ले। कुछ ऐसे टिप्स जिनकी मदद से अपने बच्चों को खुद टॉयलेट का इस्तेमाल करना सिखाएंगे।
बच्चे को अकेला छोड़ने से पहले भूल से भी न करें ये नादानियां
आस पड़ोस और इमरजेंसी नंबर की जानकारी उन्हें पहले ही दे दें। उन्हें वो नंबर याद करा दें या फिर फ्रिज या किसी कमरे के दरवाजे पर पेपर पर लिखकर लगा दें। उन्हें समझाएं कि अकेले रहने पर उन्हें स्थिति को कैसे संभालना है।
बच्चों की इस हरकत का इन तरीकों से करें निदान, नहीं तो हो जाएंगे जिद्दीपन का शिकार
बच्चे में किस वजह से विकास संबंधी विकार (इसमें अटेंशन डेफिसिट- हाइपर एक्टिविटी डिस्ऑर्डर, अपोजीशनल डिफायंट डिस्ऑर्डर या व्यवहार संबंधी विकार शामिल है) आ रहे हैं, जिससे समय पर उचित ढंग से इसे ठीक किया जा सके।
माता-पिता की परवरिश तय करती है उनके बच्चे की सफलता व असफलता
बच्चों को एक जरूरी बात जरूर सिखाएं, कि जो व्यक्ति आपको इज्जत व सम्मान देता हो आप भी उसे इज्जत व सम्मान दें। जिंदगीं में वो काम करें, जिसमें आपको खुशी मिले क्योंकि खुशी से बढ़कर कुछ नहीं है।