मेहंदी के ये डिजाइन हरियाली तीज पर लगाएं, बढ़ जाएगी हाथों की खूबसूरती
सेहत के नजरिये से भी सावन महीने में मेहंदी का उपयोग बहुत फायदेमंद होता है। सावन बारिश का महीना होता है, इस महीने में कई तरह की बीमारियां फैलने का भी डर रहता है। आयुर्वेद में हरा रंग कई बीमारियों की रोक-थाम में कारगर माना गया है। मेहंदी की खुशबू और ठंडक स्ट्रेस को भी कम करती है
सोमवती अमावस्या पर विशेष संयोग: करें ये आसान उपाय, नहीं होगा संकटों से सामना
इस सावन मास 6 जुलाई सोमवार से शुरू होकर सोमवार को ही खत्म हो रहा है। 3 अगस्त तक चलने वाले सावन मास में पांच सोमवार का विशिष्ट योग बना है। सावन मास में दो सोमवार को विशेष रूप से अमावस्या और पूर्णिमा पड़ रहे है।
बनेंगे हर बिगड़े काम, धन की आएगी बाढ़, सावन में करें वास्तु का ये उपाय
सावन मास हरियाली और नवचेतन का माह है जो भगवान शिव को अतिप्रिय है। इस माह समस्त वातावरण भगवान शिव की भक्ति में भक्तिमय रहता है। हर तरफ सकारात्मक शक्ति का प्रवाह होता है। वास्तु में कुछ उपाय भी बताए गए हैं।
सोमवार का खास महत्व: कन्याओं को मिलेगा मनचाहा वर, सावन में ऐसे करें पूजा व व्रत
शिवपर्व शुरू हो चुका है। शिव दिवस से ही शुरू और शिव दिवस को ही समाप्त हो रहा यह सावन बहुत ही महत्वपूर्ण है। इस बार भगवान शिव का प्रिय मास सावन में विशेष संयोग बन रहा है। खास यह कि सोमवार से इस माह की शुरुआत हो रही और समापन भी सोमवार को ही होगा।
सावन स्पेशल : 12 ज्योतिर्लिंग की 12 कहानियां, कुछ सुनी, कुछ अनसुनी
सावन का पवित्र मास चल रहा है। इसमें अगर देवो के देव महादेव जो कि अजन्मे है, अनंत है। उनके बारे में न जाने, न सुने तो सब बेकार है। इस एक माह तक शिव कथा और उनकी महिमा का गुणगान न करें तो जीवन का कोई मूल्य नहीं है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, महादेव शिवशंकर स्वयं प्रगट हुए है।
Newstrack के साथ कीजिये 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन: जानें, इन शिवालयों में क्या है ख़ास
शिवरात्रि के मौके पर NewsTrack.Com आपको भारत के 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन कराने के साथ ही इनसे जुडी ख़ास बातें भी बता रहा है।
शिव व पार्वती का प्रतीक है शिवलिंग, तो भी कुवांरी कन्या का इनके पूजन पर है रोक,जानिए रहस्य
देवों के देव महादेव देवताओं में सबसे श्रेष्ठ हैं। जब भगवान शिव की पूजा की जाती है तो विधि-विधान का बहुत ख्याल रखना पड़ता है। समस्त जगत के प्राणी शिव की पूजा सावधानी के साथ करते हैं, लेकिन क्या अविवाहित लड़कियों को शिव की पूजा करनी चाहिए।
कहीं खो गया मेरा सावन, न दिखी झूलों की झलक, ना रही मेहंदी की महक
सावन का महीना पवन करे शोर',कभी ये गाना सावन आते ही लोगों की जुबान पर खुद-ब-खुद आ जाता था। आज वक्त ने ऐसी करवट ली है कि सावन तो आता है पर अपने रंग नहीं बिखेर पाता। जिस सावन के आते ही नववधु के पैर ससुराल से मायके की दहलीज तक पहुंचते थे।