×

अवैध खनन व परिवहन पर लगेगा अंकुश, इंटीग्रेटेड माइनिंग सर्विलांस सिस्टम प्रभावी

प्रदेश में अवैध खनन और परिवहन पर नियंत्रण के लिए भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग ने इंटीग्रेटेड माइनिंग सर्विलांस सिस्टम को प्रभावी बनाया है। सिस्टम को सुचारू रूप से क्रियान्वयन के लिए खनिकर्म निदेशालय में स्थायी कमाण्ड सेंटर स्थापित किया गया है। इस सेंटर के माध्यम से आर्टिफिशियल

Harsh Pandey
Published on: 18 Aug 2023 10:20 AM GMT
अवैध खनन व परिवहन पर लगेगा अंकुश, इंटीग्रेटेड माइनिंग सर्विलांस सिस्टम प्रभावी
X

लखनऊ: प्रदेश में अवैध खनन और परिवहन पर नियंत्रण के लिए भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग ने इंटीग्रेटेड माइनिंग सर्विलांस सिस्टम को प्रभावी बनाया है। सिस्टम को सुचारू रूप से क्रियान्वयन के लिए खनिकर्म निदेशालय में स्थायी कमाण्ड सेंटर स्थापित किया गया है। इस सेंटर के माध्यम से आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस युक्त सॉफ्टवेयर द्वारा खनन प्रक्रियाओं की मॉनीटरिंग की जाएगी। मॉनीटरिंग में ड्रोन एण्ड क्लाउड सर्विस का प्रयोग भी किया जा रहा है।

यह भी पढ़ें. अरे ऐसा भी क्या! बाथरूम में लड़कियां सोचती हैं ये सब

भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग की निदेशक डॉ. रोशन जैकब ने मंगलवार को बताया कि स्वीकृत क्षेत्रों से इतर अवैध खनन को रोकने के लिए खनन क्षेत्रों का जीआईएस प्रणाली के तहत 26 जिलों में सेटेलाइट इमेजरीज का अध्ययन कराया गया, जिसके तहत जियोफेन्सिंग तथा नए 179 क्षेत्रों का चिन्हांकन किया गया।

यह भी पढ़ें. झुमका गिरा रे…. सुलझेगी कड़ी या बन जायेगी पहेली?

उन्होंने बताया कि प्रत्येक खनन में सीसीटीवी कैमरा निर्धारित मानक के अनुसार स्थापित कराये गये हैं, जिनको निदेशालय में स्थापित कमाण्ड सेन्टर में प्रयुक्त इन्टेलीजेन्स युक्त सॉफ्टवेयर से इन्टीग्रेटेड किये जाने की कार्यवाही की जा रही है।

डॉ. जैकब ने कहा...

यह भी पढ़ें. लड़की का प्यार! सुधरना है तो लड़के फालो करें ये फार्मूला

डॉ. जैकब के अनुसार निर्धारित मात्रा से अधिक खनिजों के परिवहन पर अंकुश लगाये जाने हेतु प्रत्येक खनन क्षेत्र में डिजिटल धर्मकांटा लगाया जा रहा है, जिसे निदेशालय में स्थापित कमाण्ड सेन्टर से इंटीग्रेशन किये जाने की कार्यवाही की जा रही है।

यह भी पढ़ें. बेस्ट फ्रेंड बनेगी गर्लफ्रेंड! आज ही आजमाइये ये टिप्स

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि प्रदेश के 22 जनपदों हमीरपुर, जालौन, सोनभद्र, कौशाम्बी, फतेहपुर, बांदा, गौतमबुद्ध नगर, कानपुर देहात, कानपुर नगर, कन्नौज, औरैया, संत कबीर नगर, गोरखपुर, अम्बेडकरनगर, बलरामपुर, बुलन्दशहर, फर्रुखाबाद, बहराईच, सहारनपुर, शामली और लखीमपुर खीरी में कार्य समाप्ति की ओर तथा शेष जनपदों में कार्यवाही प्रगति पर है।

यह भी पढ़ें. असल मर्द हो या नहीं! ये 10 तरीके देंगे आपके सारे सवालों के सही जवाब

उन्होंने बताया कि खनिज परिवहन करने वाले वाहनों का विभाग में पंजीयन अनिवार्य किया गया है, जिसके अन्तर्गत प्रदेश में अब तक लगभग 18000 वाहनों का पंजीकरण विभाग की वेबसाइट पर हो चुका है। खनिज परिवहन करने वाले वाहनों में व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम (वीटीएस) प्रणाली लागू की गयी है।

यह भी पढ़ें: लड़कियों को पसंद ये! बताती नहीं पर हमेशा ही खोजती हैं ये चीजें

जिन वाहनों में पूर्व में ही जीपीएस लगा हुआ है, वाहन स्वामी जीपीएस की ओरिजिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर (ओईएम) दर्ज करने के लिए विभागीय वेबसाइट पर व्यवस्था की गयी है।

यह भी पढ़ें. होंठों का ये राज! मर्द हो तो जरूर जान लो, किताबों में भी नहीं ये ज्ञान

खनन निदेशक ने बताया...

खनन निदेशक ने बताया कि परिवहन प्रपत्र की वैधता की जांच के लिए स्कैनिंग एप विकसित की गयी है जिसे जनपदों के समस्त अधिकारियों के एण्ड्रायड मोबाइल पर डाउनलोड कराये जाने की कार्यवाही की जा रही है।

यह भी पढ़ें. ओह तेरी! पत्नी कहेगी पति से, बिस्तर पर ‘ना बाबा ना’

उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों एवं भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग के जनपदीय अधिकारियों को इस सम्बन्ध में निर्देशित किया गया है।

प्रथम चरण में प्रदेश के नदी तल में उपलब्ध उपखनिज बालू-मोरम की खनन संक्रिया मानसून सत्र समाप्त होने के उपरान्त माह अक्टूबर से प्रारम्भ होनी थी, परन्तु जनपदों में परिहारधारकों द्वारा खनन स्थलों पर डिजिटल धर्मकांटा, सीसीटीवी कैमरे स्थापित किये जाने तथा उपखनिजों का परिवहन करने वाले शेष वाहनों के पंजीकरण की कार्यवाही पूर्ण हो जाने तक जनपदों में उपखनिज बालू-मोरम के खनन एवं परिवहन हेतु ई एमएम-11 जारी नहीं हो रहे हैं।

Harsh Pandey

Harsh Pandey

Next Story