खतरे में नेपाल के PM ओली की कुर्सी, बुलाई आपात बैठक, भारत के खिलाफ...

भारत के साथ विवाद के बीच अब सत्तारूढ़ नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी में सियासी घमासान काफी बढ़ गया है। वहीं अपनी कुर्सी बचाने की प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की कोशिशें कामयाब होती नहीं दिख रही हैं।

Shreya
Published on: 1 July 2020 5:27 AM GMT
खतरे में नेपाल के PM ओली की कुर्सी, बुलाई आपात बैठक, भारत के खिलाफ...
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काठमांडू: भारत के साथ विवाद के बीच अब सत्तारूढ़ नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी में सियासी घमासान काफी बढ़ गया है। वहीं अपनी कुर्सी बचाने की प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की कोशिशें कामयाब होती नहीं दिख रही हैं। उनकी कुर्सी पर लगातार खतरा मंडरा रहा है। बता दें कि केपी शर्मा ओली के विरोधी अब उनका इस्तीफा लेने पर अड़ गए हैं। इस बीच अपनी कुर्सी बचाने के लिए बुधवार सुबह केपी ओली ने अपने करीबी मंत्रियों के साथ बड़ी बैठक बुलाई। ये आपात बैठक उनके आवास पर हो रही है, जिसमें आगे की रणनीति पर मंथन होना है।

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पूर्व प्रधानमंत्री ने की थी इस्तीफे की मांग

जानकारी के मुताबिक, इस बैठक में विरोधी गुट और माओवादी गुट को थोड़ी देरी से बुलाया गया है। दरअसल, बीते दिनों पार्टी की स्थायी समिति की बैठक में सह अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड और पार्टी के अन्य नेताओं ने ओली पर विफलता का बड़ा आरोप लगाते हुए उनसे इस्तीफा देने की मांग की थी। जिसके बाद से वहां राजनीतिक संकट गहरा गया था।

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PM के इस्तीफा ना देने पर ये देंगे सामूहिक इस्तीफा

अब इस बीच खबर है कि केपी शर्मा ओली अगर अपने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा नहीं देते हैं तो माओवादी गुट के कुछ मंत्रियों द्वारा सामूहिक इस्तीफा दिया जा सकता है। अभी केपी शर्मा ओली के पास पार्टी की स्थायी समिति में बहुमत नहीं है, ऐसे में प्रधानमंत्री संसदीय दल में अपने पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश में हैं।

चीनी राजदूत ने भी किए हाथ खड़े

जानकारी के मुताबिक, केपी शर्मा ओली ने मंगलवार रात प्रधानमंत्री आवास में चीनी राजदूत से भी मुलाकात की थी। लेकिन वहां से भी ओली को कुछ हासिल नहीं हुआ। उन्होंने अपने हाथ खड़े कर दिए और कहा कि अब इकलौता विकल्प इस्तीफा ही बचा है। ऐसे में अब ऐसा कहा जा रहा है कि अगर केपी ओली प्रधानमंत्री पद से अपना इस्तीफा देते हैं तो पार्टी में अध्यक्ष पद बचने की संभावना है।

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इस वजह से बढ़ीं प्रधानमंत्री की दिक्कतें

दरअसल भारत के साथ सीमा विवाद और संसद में नए नक्शे की मंजूरी के बावजूद ओली की दिक्कतें और बढ़ गई हैं। नेपाल की सियासत पर करीबी नजर रखने वाले जानकारों का कहना है कि देश की विभिन्न समस्याओं से लोगों का ध्यान हटाने के लिए ही ओली ने राष्ट्रवाद का कार्ड खेला है। हालांकि राष्ट्रवाद का यह कार्ड भी अब उनके लिए मददगार नहीं साबित हो रहा है।

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भारत से रिश्ते खराब करने के लगे आरोप

पार्टी की स्थायी समिति की बैठक में प्रचंड ने ओली पर करारा हमला बोलते हुए उनसे इस्तीफा देने की मांग की। केपी ओली के पार्टी के नेता ही उनका विरोध कर रहे हैं और उन पर भारत के साथ रिश्ते खराब करने का आरोप भी लगा रहे हैं। बता दें कि प्रधानमंत्री ने भारत के विरोध के बाद भी संसद में नेपाल का नया नक्शा जारी किया, जिसमें उन्होंने भारत के हिस्से के तीन क्षेत्रों को शामिल किया है।

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