×

हिल रही है इमरान खान की कुर्सी, जानिए क्यों ये मौलाना करना चाहता है तख्तापलट

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की कुर्सी डगमगा रही है। वह एक के बाद एक संकट में घिरते जा रहे हैं। पाकिस्तान की विपक्षी पार्टियां अर्थव्यवस्था, विदेश नीति और विकास के मुद्दों को लेकर इमरान को घेर रही हैं।

Dharmendra kumar
Published on: 31 Oct 2019 6:01 PM IST
हिल रही है इमरान खान की कुर्सी, जानिए क्यों ये मौलाना करना चाहता है तख्तापलट
X

नई दिल्ली: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की कुर्सी डगमगा रही है। वह एक के बाद एक संकट में घिरते जा रहे हैं। पाकिस्तान की विपक्षी पार्टियां अर्थव्यवस्था, विदेश नीति और विकास के मुद्दों को लेकर इमरान को घेर रही हैं।

पाकिस्तान की कथित सबसे बड़ी धार्मिक पार्टी के मुखिया एक मौलाना ने पीएम इमरान के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। वह पाकिस्तान में तख्तापलट के लिए मुहिम चला रहे हैं। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि वह 1 लाख समर्थकों के साथ आजादी मार्च निकाल रहे हैं।

यह भी पढ़ें...सऊदी के क्राउन प्रिंस सलमान के साथ रिलेशन में है ये एक्ट्रेस! पिता ने बताई ये कहानी

इमरान के खिलाफ हल्ला बोलने वाले मौलाना का नाम फजल-उर-रहमान है। आइए जानते हैं कि ये कैसे पाकिस्तानी नेताओं के लिए खतरा साबित होते रहे हैं।

मौलाना फजल-उर-रहमान

तालिबानी समर्थक हैं मौलाना

धार्मिक पार्टी और सुन्नी कट्टरपंथी दल जमीअत उलेमा-ए-इस्लाम के मुखिया मौलाना फजल-उर-रहमान के पिता खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री थे। मौलाना रहमान पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में नेता प्रतिपक्ष रह चुके हैं।

यह भी पढ़ें...चोरी हो गया दिल्ली का ये फुटओवर ब्रिज, है गजब कहानी

मौलाना रहमान पाकिस्तान की संसद में विदेश नीति पर स्टैंडिंग कमेटी और कश्मीर कमेटी के मुखिया रह चुके हैं। रहमान को तालिबान समर्थक कहा जाता है। हालांकि अब वह खुद के उदारवादी होने का दावा कर रहे हैं।

मौलाना रहमान रसूखदार नेता हैं। नवाज शरीफ सरकार ने मौलाना को केंद्रीय मंत्री का दर्जा दिया था। यही नहीं पिछले साल राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष ने मौलाना को उम्मीदवार बनाया था।

यह भी पढ़ें...चीन का सगा लेकिन मुस्लिमों से दगा, आखिर ऐसा क्यों कर रहा पाकिस्तान

मौलाना रहमान के धार्मिक कार्ड को सबसे मजबूत माना जाता है। अमेरिका ने जब तालिबान के खिलाफ अभियान चलाया था तब मौलान ने इसे इस्लाम विरोधी बताकर जेहाद ऐलान किया था।

1988 में जब बेनजीर भुट्टो पाकिस्तान की प्रधानमंत्री बनी थीं तो उस समय मौलान ने कहा था कि एक औरत की हुक्मरानी मंजूर नहीं, लेकिन बाद मौलान ने उनका विरोध बंद कर दिया।

यह भी पढ़ें...‘विवादित’ है EU का कश्मीर दौरा! जानिए भारत ने इसे क्यों रखा अनौपचारिक

मुशर्रफ को हटाने के लिए बनाया था प्लान

मुशर्रफ को कुर्सी से हटाने के लिए मौलाना रहमान ने ने अमेरिकी राजदूत के साथ सीक्रेट डिनर पर डील की थी। एक अमेरिकी मीडिया में इसका खुलासा हुआ था। 9/11 के हमले के बाद पाकिस्तान ने तालिबान के खिलाफ अमेरिका का साथ दिया था और तब मौलाना ने मुशर्रफ के फैसला के विरोध किया था।

यह भी पढ़ें...ये हैं भारत में रेप के सबसे बड़े अपराधी! फांसी के लिए जारी हो सकता है ब्लैक वारंट

लोग कहते हैं मौलाना डीजल

मौलाना रहमान पर आरोप है कि उन्होंने 1990 के दौरान सरकार को ब्लैकमेल कर डीजल के गैरकानूनी परमिट लिये थे। इसी वजह से उन्हें डीजल घोटाले से जोड़कर मौलाना डीजल कहा जाता है। मौलाना पर भ्रष्टाचार और भड़काऊ व अपमानजनक बयानबाजी के कई आरोप लगते रहे हैं। इमरान खान ने चुनाव में भ्रष्टाचार को अपना मुद्दा बनाया था और मौलाना अपने क्षेत्र में चुनाव हार गए थे।

यह भी पढ़ें...पाकिस्तान में मौत की ट्रेन: 73 जलकर खाक, 30 से अधिक घायल

मौलाना का नया प्लान

मौलाना रहमान ने नवाज शरीफ और पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की पार्टी के समर्थन का दावा किया है। उन्होंने कहा कि इमरान खान सरकार को गिराने तक वह चुप बैठने वाले नहीं है। उन्होंने इसके लिए बड़ी रणनीति तैयार की है। उनका विरोध प्रदर्शन लाहौर से इस्लामाबाद तक पहुंच गया है।

यह भी पढ़ें...रन फॉर यूनिटी: बोले अमित शाह, सरदार पटेल के इस सपने को BJP ने पूरा किया

मौलाना ने आरोप लगाया है कि इमरान खान चुनाव में धांधली से जीते और सेना के इशारे पर प्रधानमंत्री बना दिए गए। तो वहीं एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सेना की एक ब्रिगेड इमरान खान का तख्तापलट करने के लिए मौलाना का इस्तेमाल कर रही है। माहिर मौलाना का राजनीतिक अनुभव और महत्वाकांक्षा किसी से छुपी नहीं है। उनकी पैठ वाम, दक्षिण और तकरीबन सभी पार्टियों में है।



Dharmendra kumar

Dharmendra kumar

Next Story