Bengal Violence: NHRC की रिपोर्ट पर भड़कीं ममता बनर्जी, PM से किए ये सवाल

Bengal Violence: एनएचआरसी ने कलकत्ता हाईकोर्ट में अपनी रिपोर्ट सौंप दी है, जिस पर ममता बनर्जी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।

Newstrack :  Network
Published By :  Shreya
Update: 2021-07-15 12:37 GMT

बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (फाइल फोटो साभार- सोशल मीडिया)

NHRC Report On Bengal Violence: पश्चिम बंगाल में बीते महीने हुए विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में काफी ज्यादा हिंसा (Post Poll Violence in Bengal) देखने को मिली। अब इस हिंसा पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने कलकत्ता उच्च न्यायालय (Calcutta High Court) को गुरुवार को अपनी रिपोर्ट सौंपी है। जिसमें आयोग की टीम ने ममता बनर्जी सरकार (Mamata Banerjee Government) के बारे में सख्त टिप्पणी है।

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग हाईकोर्ट को सौंपी रिपोर्ट में कहा है कि बंगाल में स्थितियां बताती हैं कि यहां पर कानून का राज नहीं बल्कि शासक का कानून है। इसके साथ ही रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि राज्य में हिंसक घटनाओं में पीड़ितों की दुर्दशा राज्य सरकार की भयावह उदासीनता को दर्शाता है। वहीं दूसरी ओर आयोग द्वारा पेश की गई इस रिपोर्ट को सत्ताधारी पार्टी टीएमसी की मुखिया और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) ने खारिज कर दिया है। 

ममता बनर्जी - पीएम नरेंद्र मोदी (फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

ममता बनर्जी ने पीएम से किए सवाल

इसके साथ ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस रिपोर्ट के बाद यूपी का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरा और उन पर सवाल दागे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री अच्छी तरह जानते हैं कि यूपी में कानून का राज नहीं है, ऐसे में उत्तर प्रदेश में कितने आयोग भेजे जा चुके हैं? मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी के हाथरस से लेकर उन्नाव तक की कई घटनाएं हो चुकी हैं। यहां तक वहां पर पत्रकार को भी नहीं बख्शा गया, लेकिन उन्होंने बंगाल को बदनाम किया है। उन्होंने कहा कि ज्यादातर हिंसा चुनाव से पहले हुई है।

यही नहीं ममता बनर्जी ने कमेटी की रिपोर्ट का जवाब देते हुए कहा कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) को न्यायपालिका का सम्मान करना चाहिए और उसे चुनाव के बाद हुई हिंसा से संबंधित रिपोर्ट को लीक नहीं करना चाहिए था, जो सिर्फ हाईकोर्ट को सौंपे जाने के लिए थी। बता दें कि आयोग ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा है कि यह सत्ताधारी पार्टी के समर्थकों द्वारा मुख्य विपक्षी दल के समर्थकों के खिलाफ की गई प्रतिशोधात्मक हिंसा थी। जिससे हजारों के जीवन और आजीविका में बाधा उत्पन्न हुई। 

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने हाईकोर्ट को सौंपी अपनी रिपोर्ट में हत्या और बलात्कार जैसे गंभीर अपराधों की जांच सीबीआई से कराने की अनुशंसा भी की है। 

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