Mission 2024: टीएमसी क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन के पक्ष में, कांग्रेस को बिग बॉस न बनने की नसीहत
Mission 2024: शुक्रवार को टीएमसी नेताओं की दिल्ली में हुई महत्वपूर्ण बैठक के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि पार्टी भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों के साथ दूरी बनाए रखते हुए अपने रास्ते पर चलेगी।
Mission 2024: मिशन 2024 से पहले विपक्ष की एकजुटता की कलाई धीरे-धीरे खुलने लगी है। संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण के दौरान ममता बनर्जी की अगुवाई वाली तृणमूल कांग्रेस ने कांग्रेस को तीखे तेवर दिखाए हैं। शुक्रवार को टीएमसी नेताओं की दिल्ली में हुई महत्वपूर्ण बैठक के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि पार्टी भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों के साथ दूरी बनाए रखते हुए अपने रास्ते पर चलेगी। टीएमसी ने कांग्रेस को विपक्ष का बिग बॉस न बनने की भी चेतावनी दी है। टीएमसी के वरिष्ठ नेता और सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने स्पष्ट कर दिया गया है कि मिशन 2024 के लिए पार्टी ताकतवर क्षेत्रीय दलों के साथ रणनीति बनाएगी।
टीएमसी सांसद के इस बयान से साफ हो गया है कि भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ एकजुट होकर लड़ाई लड़ने का विपक्षी दलों का सपना धीरे-धीरे चूर होता जा रहा है। विपक्षी दलों का यह रवैया 2024 की सियासी जंग में भाजपा के लिए बड़ा फायदेमंद साबित हो सकता है। सियासी जानकारों का मानना है कि विपक्षी दलों के इस तेवर से अगले साल के लोकसभा चुनाव में भाजपा को सत्ता से बेदखल करने का सपना पूरा होना काफी मुश्किल लग रहा है।
भाजपा और कांग्रेस दोनों से दूरी रखने का फैसला
टीएमसी नेताओं की शुक्रवार को हुई महत्वपूर्ण बैठक के दौरान संसद के बजट सत्र और मिशन 2024 को लेकर गहन मंथन किया गया। बैठक के बाद बंदोपाध्याय ने कहां की हम अभी कोई तीसरा मोर्चा बनाने की बात नहीं कर रहे हैं। वैसे पार्टी भाजपा के खिलाफ रणनीति बनाने के लिए विभिन्न प्रदेशों में शक्तिशाली क्षेत्रीय दलों के साथ व्यापक चर्चा करेगी। बंदोपाध्याय ने स्पष्ट रूप से कहा कि पार्टी ने अपने रास्ते पर चलने का फैसला किया है। हम भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों के साथ सम्मान दूरी रखेंगे। उन्होंने कांग्रेस को चेतावनी भरे अंदाज में कहा कि कांग्रेस को विपक्ष में खुद को बिग बॉस नहीं मानना चाहिए।
उन्होंने बताया कि बीजेपी के खिलाफ मजबूत रणनीति बनाने के लिए ममता बनर्जी जल्द ही क्षेत्रीय दलों के साथ चर्चा शुरू करेंगी। हमारा मकसद भाजपा को सत्ता से बेदखल करना है और इस काम में ममता बनर्जी प्रमुख भूमिका निभाएंगी।
अपने दम पर ताकत दिखाएगी टीएमसी
टीएमसी नेता का बयान विपक्ष की रणनीति को लेकर बड़ा संकेत माना जा रहा है। इससे साफ हो गया है कि विपक्षी दल कांग्रेस की अगुवाई में एकजुट होने के लिए तत्पर नहीं है। ऐसे में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के 2024 में पीएम पद का चेहरा बनने की संभावनाओं पर भी ग्रहण लगता दिख रहा है। बंदोपाध्याय ने कहा कि पंचायत चुनाव के साथ ही अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के दौरान टीएमसी पश्चिम बंगाल में भाजपा को अपनी ताकत दिखाएगी।
बजट सत्र के दौरान टीएमसी ने अलग रणनीति बनाकर कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है। पार्टी ने अडानी मुद्दे की जांच के लिए विपक्षी नेताओं की ओर से किए गए मार्च में भी हिस्सा नहीं लिया था। पार्टी ने प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक को सौंपे जाने वाले पत्र पर भी हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया था। टीएमसी ने संसद में भी अलग रणनीति बनाने और अपने एजेंडे पर काम करने का ऐलान किया है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पहले ही वामदलों के साथ ही कांग्रेस पर भी हमला कर चुकी हैं। उनका आरोप है कि पश्चिम बंगाल में वाम दल, कांग्रेस और भाजपा तीनों मिली हुई है और उनका मकसद टीएमसी को कमजोर बनाना है।
अखिलेश भी ममता की राह पर
टीएमसी के अलावा समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव भी गैर कांग्रेसी-गैर भाजपाई मोर्चा बनाने के पक्षधर हैं। वे भी कांग्रेस से दूरी बनाकर चलने की वकालत कर रहे हैं। समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में हिस्सा लेने के लिए अखिलेश यादव शुक्रवार को ही कोलकाता पहुंच गए। कोलकाता पहुंचने के बाद उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की। जानकारों का मानना है कि इस बैठक के दौरान आगामी लोकसभा चुनावों में बनाई जाने वाली रणनीति पर भी चर्चा हुई है। अखिलेश और ममता दोनों नेता कांग्रेस के साथ किसी भी प्रकार का समझौता किए जाने के खिलाफ हैं। अपनी कोलकाता यात्रा के दौरान अखिलेश यादव ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वे भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों से समान दूरी बनाए रखने के पक्षधर हैं। उन्होंने कहा कि बंगाल में ममता दीदी पूरी मजबूती के साथ भाजपा के खिलाफ लड़ाई लड़ने में कामयाब रही हैं। उन्होंने पश्चिम बंगाल के लोगों को ममता बनर्जी को समर्थन देने पर शुक्रिया भी अदा किया।