नीतीश कुमार का बड़ा ऐलान: तेजस्वी के नेतृत्व में लड़ा जाएगा 2025 का चुनाव, खुद को PM की उम्मीदवारी से अलग किया

Bihar Politics: नीतीश कुमार का बड़ा ऐलान: बिहार का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में 2025 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर बड़ा ऐलान किया है। चुनाव डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के नेतृत्व में लड़ा जायेगा।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update: 2022-12-13 10:22 GMT

Bihar Politics: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Bihar CM Nitish Kumar) ने राज्य में 2025 में होने वाले विधानसभा चुनाव (2025 assembly elections) को लेकर बड़ा ऐलान किया है। जदयू नेता ने राज्य में 2025 का विधानसभा चुनाव डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के नेतृत्व में लड़े जाने की घोषणा की है। 2024 के लोकसभा चुनावों के संबंध में भी नीतीश कुमार ने अपना रुख साफ कर दिया है। नीतीश ने कहा कि अगले लोकसभा चुनाव के दौरान वे प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नहीं होंगे।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले दिनों एनडीए छोड़कर बिहार में राजद (RJD) के साथ मिलकर सरकार बनाई थी। नीतीश कुमार के इस कदम के बाद भाजपा ने उनके खिलाफ हमलावर रुख अपना रखा है। दूसरी ओर नीतीश कुमार भी लगातार भाजपा को जवाब देने की कोशिश में जुटे हुए हैं।

नीतीश कुमार की घोषणा से बिहार की सियासत गर्माने के आसार 

नीतीश कुमार की घोषणा से बिहार की सियासत एक बार फिर गरमाने के आसार हैं। नीतीश के बयान से साफ हो गया है कि अब अगले चुनाव के बाद महागठबंधन को बहुमत मिलने की स्थिति में भी वे मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे।

नीतीश ने दिया था भाजपा को बड़ा झटका

राजधानी पटना में मंगलवार को महागठबंधन विधानमंडल दल की बैठक के बाद नीतीश कुमार की तेजस्वी के अगुवाई में अगला चुनाव लड़ने की घोषणा को सियासी नजरिए से काफी अहम माना जा रहा है। नीतीश ने इससे पहले भी तेजस्वी को आगे बढ़ाने की बात कही थी। बिहार में पिछला विधानसभा चुनाव 2020 में हुआ था और उस चुनाव के दौरान नीतीश कुमार ने भाजपा के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा था।

हालांकि 2020 के विधानसभा चुनाव में जदयू को भाजपा से काफी कम सीटें मिली थीं मगर इसके बावजूद भाजपा ने अपना वादा निभाते हुए नीतीश को मुख्यमंत्री बनाया था। इसके बावजूद नीतीश ने बाद में भाजपा के साथ गठबंधन तोड़ते हुए राजद से हाथ मिला लिया। भाजपा और नीतीश दोनों ने तभी से एक-दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है।

पीएम की उम्मीदवारी से खुद को अलग किया

नीतीश कुमार ने मंगलवार को फिर कहा कि हम सब मिलकर भाजपा को सत्ता से हटाने की कोशिश में जुटे हुए हैं। इसी दौरान उन्होंने बिहार में 2025 में होने वाले विधानसभा चुनाव में महागठबंधन के तेजस्वी की अगुवाई में उतरने की महत्वपूर्ण घोषणा भी की। 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के दौरान नीतीश कुमार को भी अभी तक प्रधानमंत्री पद का दावेदार माना जाता रहा है मगर नीतीश ने स्पष्ट तौर पर कहा कि वे पीएम पद के उम्मीदवार नहीं हैं। वैसे पीएम उम्मीदवार न होने की बात नीतीश पहले भी कह चुके हैं।

हालांकि नीतीश कुमार ने खुद को प्रधानमंत्री पद की दावेदारी से अलग बताया है मगर राजधानी पटना और बिहार के अन्य इलाकों में लगे पोस्टरों में नीतीश की प्रधानमंत्री पद के लिए दावेदारी बताई जा रही है। जदयू के कई नेता भी समय-समय पर नीतीश कुमार को पीएम मैटीरियल बताते रहे हैं। ऐसे में 2024 के लोकसभा चुनावों तक सियासी तस्वीर बदलने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

तेजस्वी के बारे में नीतीश का बड़ा बयान

नीतीश कुमार ने इससे पहले सोमवार को भी तेजस्वी को लेकर बड़ी बात कही थी। एक डेंटल कॉलेज के उद्घाटन के दौरान मुख्यमंत्री ने बिहार में किए गए विकास कार्यों का जिक्र करते हुए कहा कि हमने राज्य के लिए काफी काम किया है और अब आगे तेजस्वी यादव राज्य के विकास के काम करते रहेंगे।

नालंदा के भागनबिगहा में 410 करोड़ की लागत से बनने वाले डेंटल कॉलेज का उद्घाटन करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि नालंदा के लोगों को भविष्य में विकास के कार्यों को लेकर किसी भी प्रकार की चिंता करने की जरूरत नहीं है। जैसे मैंने क्षेत्र का विकास किया है, वैसे ही आगे तेजस्वी यादव करते रहेंगे।

नीतीश कुमार के सोमवार को दिए गए इस बयान का गहरा सियासी मतलब निकाला जा रहा था। माना जा रहा था कि नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया है। इसी कड़ी में अब आज नीतीश कुमार ने एक और बड़ा बयान देते हुए अगला विधानसभा चुनाव तेजस्वी यादव की अगुवाई में लड़े जाने की बड़ी घोषणा कर डाली। ऐसे में स्पष्ट है कि अब नीतीश 2025 के चुनाव के बाद बिहार की सियासत में सक्रिय नहीं रहेंगे।

शराबबंदी पर बयानों को लेकर नाराजगी

महागठबंधन विधान मंडल की बैठक के दौरान नीतीश कुमार ने शराबबंदी को लेकर दिए जा रहे बयानों पर भी नाराजगी जताई। उन्होंने अजीत शर्मा और अन्य विधायकों को इस बाबत नसीहत भी दी। उन्होंने कहा कि शराबबंदी को सबकी सहमति से ही राज्य में लागू किया गया था। इसलिए शराबबंदी को लेकर अनाप-शनाप बयान देने का कोई मतलब नहीं है। शराबबंदी पर उल्टा सीधा बयान देने से बेहतर यह होगा कि इसे किस तरह प्रभावी ढंग से लागू किया जाए, इस बाबत सुझाव दिए जाएं।

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