बाढ़ से मची तबाही: चारों तरफ पानी ही पानी, 26 दिनों से ऐसे जीने को मजबूर पीड़ित

बारिश और बाढ़ से देश के कई इलाकों में तबाही मची हुई है। बाढ़ ने लोगों की परेशानियां बढ़ाकर रख दी है। बारिश और बाढ़ से अगर किसी राज्य में सबसे ज्यादा तबाही मची है तो वह राज्य है बिहार।

Update: 2020-08-21 14:15 GMT
बाढ़ से मची तबाही: चारों तरफ पानी ही पानी, 26 दिनों से ऐसे जीने को मजबूर पीड़ित

सारण: बारिश और बाढ़ से देश के कई इलाकों में तबाही मची हुई है। बाढ़ ने लोगों की परेशानियां बढ़ाकर रख दी है। बारिश और बाढ़ से अगर किसी राज्य में सबसे ज्यादा तबाही मची है तो वह राज्य है बिहार। बिहार के अभी कई ऐसे जिले हैं जो अभी भी बाढ़ के पानी में डूबे हुए हैं। इन्ही जिलों में से एक है सारण जिला जहां 26 दिनों से बाढ़ का कहर जारी है।

सारण जिले के तरैया प्रखण्ड में 26 दिनों से बाढ़ ने तबाही मचाई हुई है। इस प्रखंड का सानी खराटी गांव बाढ़ के पानी में डूब हुआ है। चारों तरफ से पानी से घिर हुए गांव के लोग सड़क के पूल पर जीवन व्यतीत करने को मजबूर हैं। कई बाढ़ पीड़ितों ने बताया कि खाने-पीने का सामान, कपड़ा समेत सबकुछ पानी में बह गया है। उनका कहना है कि इसके बावजूद सरकार से हमें कोई मदद नहीं मिल रही है।

सरकार की तरफ से कहा जा रहा है कि बाढ़ का पानी घट गया है, लेकिन चारों तरफ से पानी से घिरे बाढ़ पीड़ितों की तस्वीरें सरकार के दावों की पोल खोल रही हैं। बांध पर झुग्गी-झोपड़ी बनाकर बाढ़ पीड़ित अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं। पीड़ितों ने मवेशियों को भी बांध पर ही रखा हुआ है।

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पीड़ित बाढ़ के पानी में नहाने और उसी पानी से खाना भी बनाने को मजबूर हैं। ग्रामीण कहते हैं कि बाढ़ ने सब कुछ बर्बाद कर दिया है और सरकार से कोई सहायता नहीं मिली है। उनका कहना है कि बाढ़ में उनका सबकुछ बर्बाद हो गया है। बाढ़ के पानी जहरीले सांपों का भी खतरा रहता है।

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सारण जिले के तरैया प्रखण्ड कई गांव बाढ़ के पानी में डूबे हुए हैं। पिपरा, बगही, लौवा, सानी खराटी, चैनपुर दलित टोला, पोखड़ेरा, चकिया, सिरमी, शीतलपटी, अंधरबाड़ी, डुमरी, माधोपुर छोटा, माधोपुर बड़ा, शीतलपुर, मुकुन्दपुर, उसरी, नवरत्नपुर, राजधानी, चंचलिया, भलुआ, संग्रामपुर, रसीदपुर, पचरौर, टिकमपुर, आकुचक, भटगाई, परौना, नारायणपुर आदि गांव के ग्रामीणों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

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गांव की सड़कें पानी में डूब गई हैं। इसकी वजह से 26 दिनों गावों में आवागमन ठप है। इन सबके बावजूद सरकार के अधिकारी और जनप्रतिनिधियों ने इन बाढ़ पीड़ितों की कोई मदद नहीं की है। तो वहीं सारण के जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन का कहना है कि अब बाढ़ का पानी घट रहा है।

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