Bihar Hooch Tragedy: जहरीली शराबकांड पर मुश्किल में सत्ताधारी महागठबंधन, वामदल के विधायक भी उतरे विरोध में

Bihar Hooch Tragedy: भाजपा विधायकों के साथ वामदलों के विधायकों ने भी जमकर हंगामा किया। इतना ही नहीं शराबकांड की जांच की मांग को लेकर वे विधानसभा के बाहर तख्तियां लेकर प्रदर्शन करते भी नजर आए।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update: 2022-12-19 09:14 GMT

Bihar legislature winter session (photo: social media )

Bihar Hooch Tragedy: सारण जहरीली शराब कांड को लेकर बिहार की राजनीति में इन दिनों उबाल आया हुआ है। सत्ताधारी महागठबंधन इस मुद्दे पर बैकफुट पर है। अब तक 70 लोगों की मौत इस शराबकांड में हो चुकी है। हालांकि, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और बीजेपी 100 लोगों का आंकड़ा गिना रही है। विपक्षी बीजेपी ने पहले दिन से सदन से लेकर सड़क तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। लेकिन सबसे अधिक सत्ताधारी गठबंधन को झटका तब लगा जब पीड़ितो को मुआवजे मिलने की मांग पर वामदल के विधायक भी सरकार के विरोध में उतर गए।

दरअसल, बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र का आज आखिरी दिन है। शराबकांड को लेकर ये पूरा सत्र हंगामेदार रहा। सत्र के आखिरी दिन सरकार को बाहर से समर्थन देने वाले वामदल भी बीजेपी की मांग का समर्थन करते दिखे। भाजपा विधायकों के साथ वामदलों के विधायकों ने भी जमकर हंगामा किया। इतना ही नहीं शराबकांड की जांच की मांग को लेकर वे विधानसभा के बाहर तख्तियां लेकर प्रदर्शन करते भी नजर आए।

नीतीश पर हमलावर हैं सुशील मोदी

कभी सीएम नीतीश कुमार के डिप्टी के तौर पर काम करने वाले बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी आज जहरीली शराब कांड को लेकर उनके विरूद्ध सबसे अधिक मुखर हैं। मोदी रोज प्रेस कांफ्रेंस कर सीएम नीतीश पर सवालों के गोले दाग रहे हैं। पीड़ितो को मुआवजा न देने पर अड़े बिहार सीएम को उन्होंने जिद्दी तक बता दिया। भाजपा सांसद ने कहा, 2018 में सीएम नीतीश कुमार ने कहा था कि अगर शराब मौत का कारण हुई तो मुआवजा दिया जाएगा। उन्होंने जहरीली शराब के पीड़ितों को 4 लाख रूपये का मुआवजा देने का वादा किया था। उन्होंन साल 2016 में गोपालगंज के खजूरबन्नी जहरीली कांड का जिक्र करते हुए कहा कि इस घटना के सभी मृतकों के आश्रितों को सरकार की ओर से मुआवजा दिया गया था। ऐसे में सारण शराब कांड के पीड़ितों को मुआवजे से क्यों वंचित किया जा रहा है।

आंकड़े छिपा रही है बिहार सरकार

पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने बिहार सरकार पर जहरीली शराब पीकर मरने वाले लोगों का आंकड़ा छिपाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा सारण शराब कांड में मरने वालों की संख्या 100 को पार कर चुकी है। जिसमें मरने वाले अधिकांश लोग दलित और पिछड़े तबके से आते हैं। लेकिन सरकार वास्तविक आंकड़े को छिपा रही है। उन्होंने एनसीआरबी के आंकड़ों का जिक्र करते हुए कहा कि साल 2016 में गोपालगंज शराब कांड में 19 लोगों की जान गई थी। लेकिन राज्य सरकार ने केंद्र को मात्र 6 लोगों के मौत की जानकारी दी।

नीतीश तेजस्वी को सौंप दें कुर्सी

बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से एक दिलचस्प डिमांड कर दी है। उन्होंने मौजूदा डिप्टी सीएम और लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंपने की मांग की है। मोदी का कहना है कि अगर तेजस्वी बिहार के सीएम बनते हैं तो जहरीली शराब से होने वाली मौतें रूक जाएंगी। उन्होंने आगे कहा कि बिहार में अवैध शराब के धंधे में ज्यादातर राजद के कार्यकर्ता और समर्थक ही शामिल हैं। ऐसे में अगर तेजस्वी मुख्यमंत्री बनते हैं तो शायद वो अपने कार्यकर्ताओं और समर्थकों को जहरीली शराब बेचने से रोक पाएं। जिससे बिहार में जहरीली शराब बिकनी बंद हो जाएगी।

बिहार को मिला नया डीजीपी

शराबकांड के बीच छिड़े राजनीतिक घमासान के बीच पिछले दिनों बिहार को नया डीजीपी मिला। 1990 बैच के IPS अधिकारी राजविंदर सिंह भट्टी को काफी सख्त मिजाज का अफसर माना जाता है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में शराब तस्करों के विरूद्ध कार्रवाई तेज होगी। जहरीली शराबकांड की जांच के लिए गठित पुलिस की एसआईटी टीम ने सारण में अखिलेश राय उर्फ अखिलेश कुमार यादव नाम के एक शराब तस्कर को गिरफ्तार किया है। उसके पास से दो लाख से अधिक कैश और अहम दस्तावेज बरामद हुए हैं।

बता दें कि बिहार में अप्रैल 2016 में शराबबंदी लागू की गई थी। हालांकि, इस पर शुरू से ही विवाद होता रहा है। सुप्रीम कोर्ट भी इस कानून को लेकर बिहार सरकार को फटकार लगा चुकी है।

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