Bihar: नए कानून मंत्री ने विवाद पर दी लालू को सफाई, भाजपा ने खोला मोर्चा, सियासी भविष्य पर अटकलें

Bihar News: माना जा रहा है कि कार्तिकेय कुमार ने खुद को लेकर पैदा हुए विवाद के संबंध में दोनों नेताओं के सामने अपनी सफाई पेश की है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2022-08-18 09:06 IST

कार्तिकेय कुमार (photo: social media ) 

Bihar News: बिहार के नए कानून मंत्री कार्तिकेय कुमार के मंत्री पद को लेकर अटकलों का दौर शुरू हो गया है। कार्तिकेय के अपहरण के केस में घिरने के बाद भाजपा ने आक्रामक रणनीति अपनाते हुए कानून मंत्री के साथ ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी हमले शुरू कर दिए हैं। राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव के बुधवार को पटना पहुंचने के बाद कार्तिकेय कुमार भी राबड़ी के आवास पर पहुंचे। उन्होंने राजद मुखिया से मुलाकात करके अपना पक्ष रखा है। इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी राबड़ी के आवास पर मौजूद थे।

माना जा रहा है कि कार्तिकेय कुमार ने खुद को लेकर पैदा हुए विवाद के संबंध में दोनों नेताओं के सामने अपनी सफाई पेश की है। मंत्री पद से उनकी छुट्टी किए जाने को लेकर भी कयास लगाए जा रहे हैं। इस बीच कार्तिकेय कुमार को गिरफ्तारी वारंट पर 1 सितंबर तक के लिए राहत मिल गई है। कार्तिकेय ने खुद मीडिया को इस बाबत जानकारी देते हुए बताया कि कोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका को मंजूर कर लिया है। उन्होंने खुद पर लगाए गए सारे आरोपों को पूरी तरह निराधार और बेबुनियाद बताया है।

खुलासे के बाद बैकफुट पर नीतीश

दरअसल कार्तिकेय कुमार को कानून मंत्री बनाए जाने के बाद ही अपहरण के मामले में उनके खिलाफ वारंट के खुलासे के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी बैकफुट पर दिख रहे हैं। नीतीश ने बुधवार को मीडिया से बातचीत के दौरान इस मामले की पहले कोई जानकारी न होने की बात कही।

कार्तिकेय कुमार को बाहुबली पूर्व विधायक अनंत सिंह का करीबी माना जाता है। अनंत सिंह के जेल में होने के कारण मौजूदा समय में उनका सारा कामकाज कार्तिकेय कुमार ही देखते हैं। बिहार की सियासत में अनंत सिंह की छवि किसी से छिपी हुई नहीं है और अब उनके करीबी कार्तिकेय कुमार भी विवादों में पूरी तरह घिर चुके हैं।

भाजपा ने राहत मिलने पर उठाए सवाल

दूसरी ओर भाजपा ने इस मामले को लेकर कार्तिकेय कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पार्टी ने कार्तिकेय कुमार को गिरफ्तारी में मिली राहत पर भी सवाल उठाए हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद का कहना है कि पटना हाईकोर्ट से कार्तिकेय कुमार को कोई राहत नहीं मिल सकी तो निचली अदालत ने उन्हें कैसे गिरफ्तारी से छूट दे दी। उन्होंने कहा कि यह गंभीर मामला है और हाईकोर्ट को इस मामले की जांच पड़ताल करनी चाहिए।

दूसरी और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने भी कार्तिकेय कुमार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि कार्तिकेय कुमार के खिलाफ दर्ज किया गया केस गंभीर मामला है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कार्तिकेय कुमार को अपने मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि कार्तिकेय कुमार के कानून मंत्री रहते लोगों को न्याय मिलने की कैसे उम्मीद की जा सकती है।

आरोपों में दम मिला तो होगी कार्रवाई

कार्तिकेय कुमार के विवादों में घिरने के बाद राष्ट्रीय जनता दल की ओर से भी स्पष्टीकरण जारी किया गया है। पार्टी के प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव का कहना है कि कार्तिकेय कुमार ने अपना पक्ष पूरी तरह स्पष्ट कर दिया है। उन्होंने कहा कि यदि कार्तिकेय कुमार के खिलाफ लगे आरोपों में दम मिला तो पार्टी की ओर से उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। हालांकि उन्होंने यह बात ही स्पष्ट नहीं की कि यह कार्रवाई क्या होगी।

कार्तिकेय ने भी वकीलों के दल बल के साथ मीडिया के सामने अपना पक्ष रखा है। उन्होंने न्याय प्रक्रिया में पूरा विश्वास जताते हुए कहा कि न्यायालय के आदेश पर पूरी तरह अमल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अपहरण के मामले में मुझे फंसाने की कोशिश की जा रही है जबकि मेरा इस मामले से कोई लेना-देना ही नहीं है। मीडिया से बातचीत के दौरान कार्तिकेय कुमार के वकीलों ने भी उन्हें पूरी तरह निर्दोष बताया।

कार्तिकेय के वकीलों ने दावा किया कि इस मामले में पुलिस ने अपनी जांच रिपोर्ट दाखिल कर दी है और इस जांच रिपोर्ट में भी कार्तिकेय को पूरी तरह निर्दोष बताया गया है। ऐसे में अब पुलिस की जिम्मेदारी है कि वह कोर्ट को इस बाबत सूचित करे ताकि इस मामले में कार्तिकेय बरी हो सकें।

भविष्य को लेकर लगाए जा रहे कयास

कानून मंत्री कार्तिकेय अपहरण के जिस मामले में फंसे हुए हैं, वह घटना 2014 की है। 2014 में बिल्डर राजू सिंह के अपहरण के मामले में कार्तिकेय कुमार के खिलाफ बिहटा थाने में केस दर्ज कराया गया था। उसी मामले को लेकर कार्तिकेय के खिलाफ मंगलवार को पेश होने का वारंट जारी किया गया था। हालांकि कार्तिकेय कुमार अदालत में पेश होने की जगह मंगलवार को मंत्री पद की शपथ ले रहे थे।

अब इस पूरे विवाद को लेकर सियासी माहौल गरमाने के बाद सबकी निगाहें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के फैसले पर टिकी हैं। नीतीश कुमार ने बुधवार को राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव के पटना आने के बाद उनसे मुलाकात की थी। माना जा रहा है कि इस मुलाकात के दौरान कार्तिकेय के मसले पर भी दोनों नेताओं के बीच चर्चा हुई है। वैसे सियासी हलकों में कार्तिकेय के मंत्री पद को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।

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