Bihar: परशुराम जयंती पर तेजस्वी ने खेला सियासी दांव, ब्राह्मण समाज से गलती सुधारने का मांगा मौका

पटना में आयोजित परशुराम जयंती कार्यक्रम में शामिल हुए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने अपने पिता के शासनकाल में हुई गलतियों को मानते हुए कहा, गलती हर किसी से होती है लेकिन उसे सुधारने का मौका मिलना चाहिए।

Written By :  Krishna Chaudhary
Published By :  Deepak Kumar
Update:2022-05-03 20:36 IST

परशुराम जयंती समारोह में शामिल हुए विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव। (Social Media)

Bihar: बोचहां विधानसभा उपचुनाव (Bochahan assembly by-election) और विधान परिषद के चुनाव में मिली सफलता से मुख्य विपक्षी दल राजद गदगद है। 2020 की सत्ता की लड़ाई में मामूली अंतर से पीछे रहने वाली आरजेडी को एकबार फिर बिहार की सत्ता पर अपना दावा मजबूत होता नजर आ रहा है। इसके पीछे की वजह है बोचहां विधानसभा उपचुनाव और विधान परिषद के चुनाव में सवर्ण समाज का राजद को खुलकर समर्थन। मंगलवार को राजधानी पटना में आयोजित परशुराम जयंती कार्यक्रम (Parshuram Jayanti Celebrations) में शामिल हुए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Leader of Opposition Tejashwi Yadav) ने अपने पिता की गलती सुधारने का ऐलान करके बड़ा सियासी दांव खेला है।

सवर्ण समाज से मांगा समर्थन

मंगलवार को पटना के बापू सभागार में भूमिहार-ब्राह्मण एकता मंच द्वारा आयोजित परशुराम जयंती कार्यक्रम में शामिल हुए नेता प्रतिपक्ष और लालू यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव (Leader of Opposition Tejashwi Yadav) ने सवर्ण समाज को रिझाने की पुरजोर कोशिश की। तेजस्वी ने अपने पिता के शासनकाल में हुई गलतियों को मानते हुए कहा, गलती हर किसी से होती है लेकिन उसे सुधारने का मौका मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम आपके साथ हाथ बढ़ाने आए हैं। आपका यकीन जीतने आए हैं। मेरे पर भरोसा कीजिए, कभी आपका .यकीन नहीं तोड़ूंगा। यदि हम सब साथ मिल जाएं तो हमें कोई हराने वाला नहीं होगा। हम सब मिलकर एक नया बिहार बनाएंगे।

दरअसल बिहार में एमवाई (मुस्लिम – यादव) की पार्टी मानी जानी वाली राजद इस तमगे से अपना पीछा छुड़ाने की काफी कोशिश कर रही है। बिहार की मौजूदा सियासी परिस्थिति में सवर्ण समाज के अंदर एनडीए को लेकर बढ़ती नाराजगी को देखते हुए राजद को लगता है कि ये इस तमगे से पीछा छुड़ाने का सबसे बेहतरीन मौका है। यही वजह है कि राजद ने हाल के विधान परिषद चुनावों में सवर्ण विशेषकर भूमिहारों पर दांव खेला। अगर राजद सवर्ण वोटों में सेंध लगाने मे कामयाब हो जाती है तो ये बीजेपी के लिए बड़ा झटका होगा। जो इन दिनों बिहार में ईबीसी औऱ दलित वर्गों के बीच अपना जनाधार बढ़ाने में जुटी हुई है।

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