Bihar Politics: लालू भी राजद की नैया पार नहीं लगा सके, तेजस्वी पर भारी पड़ा नीतीश कुमार का जादू

राजद ने इन दोनों सीटों को अपनी प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया था और तेजस्वी यादव ने 40 से अधिक नुक्कड़ सभाएं करके पार्टी प्रत्याशियों को जिताने की कोशिश की थी।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Divyanshu Rao
Update:2021-11-03 09:52 IST

लालू यादव की तस्वीर (फोटो:सोशल मीडिया)

Bihar Politics: बिहार में दो सीटों पर हुए उपचुनाव में राजद मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) भी पार्टी को जीत दिलाने में कामयाब नहीं हो सके। तारापुर और कुशेश्वरस्थान सीट पर चुनाव जीतने के लिए राजद ने प्रचार के आखिरी दिनों में लालू प्रसाद यादव को भी मैदान में उतारा था मगर लालू भी इन दोनों सीटों पर पार्टी प्रत्याशियों की नैया पार नहीं लगा सके। जदयू ने दोनों सीटों पर अपना कब्जा बनाए रखा।

राजद ने इन दोनों सीटों को अपनी प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया था और तेजस्वी यादव ने 40 से अधिक नुक्कड़ सभाएं करके पार्टी प्रत्याशियों को जिताने की कोशिश की थी। दूसरी ओर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दोनों चुनाव क्षेत्रों में मिलाकर सिर्फ पांच रैलियां कीं और अपने प्रत्याशियों को जिताने में कामयाब रहे।

इन चुनाव नतीजों से साफ हो गया है कि अभी बिहार में नीतीश कुमार का जादू बरकरार है। विपक्षी महागठबंधन से अलग होकर दोनों सीटों पर चुनाव लड़ने वाली कांग्रेस कोई खास प्रदर्शन नहीं कर सकी। कन्हैया कुमार और पप्पू यादव दोनों पार्टी प्रत्याशियों की स्थिति को मजबूत बनाने में विफल साबित हुए।

तारापुर सीट पर दिखी कड़ी जंग

वैसे तारापुर विधानसभा सीट पर जदयू और राजद प्रत्याशियों के बीच कड़ी जंग देखने को मिली। इस सीट पर पहले राजद प्रत्याशी अरुण कुमार साह जदयू प्रत्याशी राजीव कुमार सिंह से आगे चल रहे थे मगर आखिरकार जीत जदयू प्रत्याशी के हाथ ही लगी। उन्होंने राजद प्रत्याशी अरुण कुमार को 3821 मतों से हराया। कुशेश्वरस्थान विधानसभा सीट पर जदयू प्रत्याशी अमन हजारी ने राजद प्रत्याशी गणेश भारती पर आसानी से जीत हासिल की। हजारी ने इस क्षेत्र में भारती को 12698 मतों से हराया। इन दोनों सीटों पर जीत हासिल करके नीतीश कुमार ने बिहार में एक बार फिर अपनी ताकत दिखा दी है। जदयू विधायकों के निधन के कारण इन दोनों सीटों पर उपचुनाव हुए थे और पार्टी इन दोनों सीटों पर अपना कब्जा बनाए रखने में कामयाब रही।

नीतीश ने कीं सिर्फ पांच जनसभाएं

उपचुनाव में जीत हासिल करने के लिए तेजस्वी यादव ने पूरी ताकत लगा रखी थी जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सिर्फ दो दिन इन दोनों चुनाव क्षेत्रों में प्रचार करने के लिए गए। 25 अक्टूबर को उन्होंने दोनों चुनाव क्षेत्रों में 1-1 जनसभाओं को संबोधित किया जबकि दूसरे दिन 26 अक्टूबर को मुख्यमंत्री ने तारापुर में दो और कुशेश्वरस्थान में सिर्फ एक सभा की। इन पांच जनसभाओं के जरिए ही नीतीश कुमार जनता का समर्थन हासिल करने में कामयाब रहे।

वैसे उनकी पार्टी के अन्य नेता जरूर इन दोनों चुनाव क्षेत्रों में डेरा डाले रहे। कुशेश्वरस्थान में मिली जीत में जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा की महत्वपूर्ण भूमिका मानी जा रही है क्योंकि वे लगातार इस इलाके में डेरा डाले रहे।

दूसरी ओर तारापुर में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह और शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने पार्टी को जीत दिलाने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी। इन नेताओं ने 15 अक्टूबर से ही तारापुर में डेरा डाल रखा था।

केंद्रीय इस्पात मंत्री और जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने भी दोनों क्षेत्रों का लगातार दौरा करके पार्टी की चुनावी संभावनाओं को मजबूत बनाया। पार्टी नेताओं की सक्रियता से कार्यकर्ताओं में नया उत्साह जगा और आखिरकार पार्टी जीत हासिल करने में कामयाब रही।

तेजस्वी ने कर डालीं 40 सभाएं

राजद दोनों सीटों पर हो रहे हो चुनाव में जीत हासिल करके बड़ा सियासी संदेश देना चाहता था मगर उसे कामयाबी नहीं मिली। जीत हासिल करने के लिए पार्टी की ओर से प्रचार के आखिरी दिनों में लालू प्रसाद यादव को भी मैदान में उतारा गया मगर लालू का जादू भी बेअसर साबित हुआ। लालू ने कई साल बाद दोनों चुनाव क्षेत्रों में एक-एक जनसभाएं करके पार्टी प्रत्याशियों को जिताने की अपील की थी। चारा घोटाले में बंद होने के कारण लालू यादव पिछले विधानसभा चुनाव में भी पार्टी प्रत्याशियों का प्रचार नहीं कर सके थे।

तेजस्वी यादव की तस्वीर (फोटो:सोशल मीडिया)

पार्टी नेता तेजस्वी यादव ने तो दोनों चुनाव क्षेत्रों में 40 से अधिक जनसभाओं को संबोधित किया। उन्होंने दोनों चुनाव क्षेत्रों में 3-3 बिताए और इस दौरान दोनों सीटों पर 20-20 चुनावी सभाएं करके मतदाताओं का विश्वास हासिल करने की कोशिश की। इसके साथ ही उन्होंने रोड शो भी किए।

मतगणना के दिन भी तेजस्वी यादव ने दरभंगा में डेरा डाल रखा जबकि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह को तारापुर विधानसभा सीट की मॉनिटरिंग के लिए मुंगेर भेजा गया था। पार्टी की ओर से की गई इन तमाम कोशिशों के बावजूद राजद को जीत हासिल नहीं हुई।

नतीजों से निकला बड़ा सियासी संदेश

बिहार के चुनावी नतीजों से साफ हो गया है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का जादू अभी भी बरकरार है। राजद की ओर से की गई कड़ी घेरेबंदी के बावजूद वे दोनों सीटें बचाने में कामयाब रहे। दोनों सीटों के चुनावी नतीजों के बाद नीतीश कुमार एक बार फिर ताकतवर बनकर उभरे हैं जबकि तेजस्वी के लिए संदेश बिल्कुल साफ है कि उन्हें अभी और मेहनत करनी होगी।

इस बार के चुनाव में कांग्रेस ने विपक्षी महागठबंधन से बाहर निकलकर अपने दम पर चुनाव लड़ा था मगर पार्टी दोनों विधानसभा सीटों पर कोई खास प्रदर्शन नहीं कर सकी। बिहार प्रदेश कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास ने महागठबंधन तोड़ते हुए 2024 के लोकसभा चुनाव में सभी 40 सीटों पर पार्टी के अपने दम पर चुनाव लड़ने की घोषणा की थी मगर इन नतीजों से साफ हो गया है कि कांग्रेस को बिहार में मजबूती से पांव जमाने के लिए अभी काफी मेहनत करनी होगी।

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