पारस गुट के आगे कमजोर पड़े चिराग, लोजपा प्रदेश कार्यालय पर चाचा का कब्जा, चिराग के पोस्टर-बैनर फाड़े

Bihar Politics : लोजपा मे टूट के बाद दोनों गुटों के बीच शुरू हुई विरासत की जंग काफी तीखी हो चुकी है। चिराग पासवान को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटाने के बाद पारस गुट ने पटना स्थित प्रदेश कार्यालय पर भी कब्जा कर लिया है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Shivani
Update:2021-06-17 09:51 IST

पशुपति कुमार पारस vs चिराग पासवान फोटो सोशल मीडिया

Bihar Politics: लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) में प्रभुत्व स्थापित करने की सियासी जंग अब काफी तीखी हो गई है। पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) और उनके भतीजे चिराग पासवान (Chirag Paswan) के बीच शुरू हुआ सियासी संघर्ष अब सड़कों पर भी दिखाई देने लगा है। दोनों गुटों के बीच पार्टी कार्यालयों पर कब्जे की जंग शुरू हो गई है। पटना स्थित प्रदेश कार्यालय पर पारस समर्थकों ने कब्जा कर लिया है और कार्यालय में लगे चिराग पासवान के पोस्टर और बैनर फाड़ दिए गए हैं।

चिराग पासवान ने कल नई दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके अपने चाचा पशुपति पारस पर तीखा हमला बोला था। उनका कहना था कि पिता रामविलास पासवान के जीवनकाल से ही पार्टी को तोड़ने की साजिश रची जा रही थी। पारस समर्थकों की ओर से आज पटना में लोजपा का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने की तैयारी है। इसके बाद लोजपा संसदीय दल के नेता चुने गए पारस चिराग के आरोपों का जवाब भी देंगे।

चिराग समर्थकों पर भारी पड़ा पारस गुट

लोजपा मे टूट के बाद दोनों गुटों के बीच शुरू हुई विरासत की जंग काफी तीखी हो चुकी है। चिराग पासवान को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटाने के बाद पारस गुट ने पटना स्थित प्रदेश कार्यालय पर भी कब्जा कर लिया है।
पारस पूर्व सांसद सूरजभान सिंह और सांसद चंदन सिंह के साथ बुधवार को पटना पहुंचे थे और उनके स्वागत के लिए एयरपोर्ट पर समर्थकों का भारी हुजूम मौजूद था। चिराग समर्थकों ने उन्हें काला झंडा दिखाने की कोशिश की मगर पारस समर्थकों की संख्या ज्यादा होने के कारण कुछ देर बाद चिराग समर्थक वहां से खिसक लिए।

अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठे पशुपति पारस

बाद में पारस अपने समर्थकों के भारी हुजूम के साथ प्रदेश कार्यालय पहुंचे और यहां भी चिराग समर्थकों का विरोध किसी काम नहीं आया। पारस समर्थकों ने चिराग के पोस्टर बैनर फाड़ते हुए प्रदेश कार्यालय पर कब्जा जमा लिया।
संसदीय दल का नेता चुने जाने पर पारस को बधाई देने वाला बड़ा बैनर भी लोजपा के प्रदेश कार्यालय के गेट पर लगा दिया गया। इस दौरान पारस के साथ सूरजभान सिंह और सांसद चंदन सिंह भी मौजूद थे। बागी गुट के नेताओं ने पारस को पार्टी अध्यक्ष की कुर्सी पर भी बिठा दिया।

पारस गुट ने तैयार की आगे की रणनीति

बाद में पारस ने अपने आवास पर करीबी लोगों के साथ बैठक करके आगे की रणनीति तैयार की। पारस ने कहा कि चिराग पासवान की ओर से लगाए गए आरोपों में कोई दम नहीं है और उन्होंने पार्टी को काफी कमजोर बना दिया है। पारस के मुताबिक चिराग की ओर से लगाए गए सारे आरोपों का वे गुरुवार को जवाब देंगे।

उन्होंने दावा किया की चिराग पासवान पार्टी में पूरी तरह अलग-थलग पड़ गए हैं और पार्टी से जुड़े 99 फ़ीसदी लोगों का समर्थन उन्हें हासिल है। पारस ने कहा कि वे अपने बड़े भाई रामविलास पासवान के सपनों को पूरा करने की कोशिश में जुटे रहेंगे और पार्टी को मजबूत बनाने के लिए हर वर्ग के लोगों को पार्टी के साथ जोड़ा जाएगा।

आज चुना जाएगा पार्टी का नया अध्यक्ष

पारस गुट की ओर से पूर्व सांसद सूरजभान के आवास पर गुरुवार को राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक बुलाई गई है। पारस गुट से जुड़े सूत्रों के अनुसार राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में पार्टी के नए अध्यक्ष का चुनाव किया जाएगा।
पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्रवण कुमार के मुताबिक बैठक में राष्ट्रीय कार्यसमिति व प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्यों के साथ ही पदाधिकारियों को भी आमंत्रित किया गया है। पार्टी की जिला इकाइयों के अध्यक्ष और विभिन्न प्रकोष्ठों के अध्यक्ष भी इस महत्वपूर्ण बैठक में हिस्सा लेंगे।

पारस को नेता बनाने पर चिराग को आपत्ति

दूसरी ओर चिराग पासवान ने भी पारस गुट के खिलाफ अपनी रणनीति पर अमल करना शुरू कर दिया है। चिराग ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को चिट्ठी लिखकर पारस को संसदीय दल का नेता मनोनीत किए जाने पर गहरी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि स्पीकर का यह कदम पार्टी के संविधान के पूरी तरह खिलाफ है। उन्होंने कहा कि पार्टी के संविधान के अनुच्छेद 26 के मुताबिक केंद्रीय संसदीय बोर्ड को ही लोकसभा में पार्टी का नेता नामित करने का अधिकार है।

चिराग ने लोकसभा स्पीकर से अनुरोध किया है कि वे अपने फैसले पर पुनर्विचार करें। इससे पहले चिराग ने पार्टी के पांचों सांसदों को बर्खास्त करने के फैसले की भी स्पीकर को जानकारी दी थी।
जानकारों के अनुसार पार्टी में शुरू हुई इस जंग को लेकर चिराग कानून के जानकारों से भी सलाह मशवरा कर रहे हैं। पार्टी में शुरू हुई इस जंग का मामला अब चुनाव आयोग और कोर्ट में पहुंचने की संभावना जताई जा रही है।
Tags:    

Similar News