Bihar Politics: उपेंद्र कुशवाहा का जदयू से इस्तीफा, नई पार्टी RLJD बनाने का ऐलान, नीतीश कुमार पर बोला बड़ा हमला

Bihar Politics: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले उपेंद्र कुशवाहा ने आज जदयू से इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया। उन्होंने एमएलसी पद से भी इस्तीफा दे दिया है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2023-02-20 15:57 IST

नई पार्टी RLJD बनाने का ऐलान, नीतीश कुमार पर बोला बड़ा हमला: Photo- Social Media

Bihar Politics: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले उपेंद्र कुशवाहा ने आज जदयू से इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया। जदयू की सदस्यता से इस्तीफा देने के साथ ही उपेंद्र कुशवाहा ने एमएलसी पद से भी इस्तीफा दे दिया है। कुशवाहा ने राष्ट्रीय लोक जनता दल नाम से एक नई सियासी पार्टी बनाने का ऐलान किया है। कुशवाहा ने दो साल पहले जदयू की सदस्यता ग्रहण करने के साथ अपनी पार्टी रालोसपा का जदयू में विलय कर दिया था।

कुशवाहा ने नीतीश कुमार पर बोला हमला 

कुशवाहा ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने बहुत अच्छा काम किया, लेकिन यह बात आम तौर पर कही जाती है कि अंत भला तो सब भला। नीतीश कुमार ने अंत काफी बुरा किया। नीतीश कुमार आज जिस रास्ते पर चल रहे हैं, वह बहुत बुरा है। नीतीश पर तीखा हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि नीतीश की अपनी पार्टी के लोगों को बढ़ाने में कोई दिलचस्पी नहीं है। वे तो पड़ोसी के घर में अपना उत्तराधिकारी खोज रहे हैं।

लंबे समय से चल रहा था नीतीश से टकराव

जदयू के भीतर उपेंद्र कुशवाहा और नीतीश कुमार के बीच लंबे समय से टकराव चल रहा था। कुशवाहा ने पिछले दिनों जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष पद को झुनझुना बताते हुए नीतीश कुमार पर बड़ा हमला बोला था। बाद में नीतीश कुमार ने उपेंद्र कुशवाहा को जवाब देते हुए कहा था कि वे पार्टी छोड़कर जहां जाना चाहें, वहां जा सकते हैं। नीतीश कुमार के बयान का जवाब देते हुए कुशवाहा ने कहा था कि अपनी हिस्सेदारी छोड़कर कैसे चला जाऊं।

बाद में उपेंद्र कुशवाहा ने आगे की राह तय करने के लिए 19 और 20 फरवरी को बैठक बुलाई थी। आज उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जदयू से अपना रास्ता अलग करने का ऐलान कर दिया। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने जदयू से इस्तीफा देने के साथ ही राष्ट्रीय लोक जनता दल नाम से नई पार्टी का भी ऐलान किया।

गलत रास्ते पर चल पड़े हैं नीतीश कुमार

कुशवाहा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान नीतीश कुमार को घेरते हुए कहा कि नीतीश कुमार जिस रास्ते पर चल पड़े हैं,वह रास्ता काफी खराब है। नीतीश कुमार जिस रास्ते पर चल रहे हैं,वह बिहार की जनता और पार्टी के लिए ही नहीं बल्कि नीतीश कुमार के लिए भी काफी खराब है। कुशवाहा ने कहा कि जदयू के लोगों में काफी बेचैनी दिख रही है। इसलिए मैंने साथियों से चर्चा के लिए उन्हें पटना बुलाया है।

उन्होंने कहा कि बिहार के लोगों ने लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार को काफी ताकत दी। लालू यादव ने शुरुआती दिनों को छोड़कर इस ताकत का इस्तेमाल अपने पारिवारिक हितों को साधने में किया। उन्होंने बिहार के लोगों पर परिवारवाद की राजनीति लादने की कोशिश की। लालू के इस रवैए के कारण बिहार आगे चलकर दिक्कतों में ही फंसता चला गया।

सबकुछ दांव पर लगाकर नीतीश का साथ दिया

लालू यादव के बाद बिहार के लोगों को नीतीश कुमार से काफी उम्मीदें थीं और इसीलिए बिहार के लोगों ने नीतीश कुमार पर भरोसा जताया। 2005 के बाद बिहार में कर्पूरी ठाकुर की विरासत नीतीश कुमार के हाथों में आ गई और उन्होंने शुरुआती दिनों में बेहतर तरीके से बिहार में राज भी किया। उन्होंने बिहार को बदहाल स्थिति से बाहर निकालने के लिए काफी मेहनत की मगर मौजूदा समय में नीतीश कुमार एक बार फिर गलत रास्ते पर चल पड़े हैं।

कुशवाहा ने कहा कि 2020 के विधानसभा चुनाव के बाद मैंने जदयू में शामिल होने का फैसला किया था। मैंने अपनी पार्टी का विलय भी जदयू में कर दिया था। मैंने अपना सबकुछ दांव पर लगाकर नीतीश का साथ देने का फैसला किया था मगर नीतीश का रास्ता सही नहीं निकला।

पड़ोसी के घर उत्तराधिकारी की तलाश

उन्होंने कहा कि जदयू में उनके आने के बाद सबकुछ ठीक-ठाक चल रहा था मगर नीतीश कुमार ने गठबंधन बदलने का फैसला किया। मैंने नीतीश कुमार के इस फैसले को भी स्वीकार कर लिया था मगर इसी बीच राजद के लोग डील की बात करने लगे। बाद में नीतीश कुमार ने खुद ही कह दिया कि 2025 का विधानसभा चुनाव तेजस्वी यादव की अगुवाई में लड़ा जाएगा। उन्होंने आगे चलकर नेतृत्व का दायित्व तेजस्वी यादव को सौंप दिया।

कुशवाहा ने कहा कि नीतीश कुमार के उत्तराधिकारी की तलाश पड़ोसी के घर में जाकर पूरी हुई है। इसी कारण राजद के लोगों ने तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनाने के लिए अब नीतीश पर दबाव बढ़ा दिया है। उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात में मेरे लिए जदयू में काम करना मुश्किल हो गया था और इसीलिए मैंने पार्टी से इस्तीफा देने का फैसला किया है।

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