Patna में BPSC दफ्तर के बाहर छात्रों का प्रदर्शन, मांग- परीक्षा के पैटर्न और बदले नियम वापस ले आयोग
अभ्यर्थियों की मांग है कि बीपीएससी पीटी परीक्षा सिर्फ एक दिन और एक ही पाली में आयोजित होनी चाहिए। परसेंटाइल सिस्टम घातक है। इसमें वास्तविक अंकों का मूल्यांकन नहीं होगा।
BPSC Aspirants Protest : बिहार की राजधानी पटना में शुक्रवार (26 अगस्त) को बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) दफ्तर के सामने अभ्यर्थियों ने जमकर हंगामा किया। वे इस बार की पीटी परीक्षा के पैटर्न का विरोध कर रहे हैं। बिहार लोक सेवा आयोग के ऑफिस के बाहर 100 से अधिक छात्र जुटे।
उनका कहना है कि आयोग ने 67वीं पीटी परीक्षा को दो पाली और दो शिफ्ट में कराने का निर्णय लिया है। साथ ही, पीटी परीक्षा में परसेंटाइल सिस्टम लागू कर दिया गया है। इसलिए उनकी मांग है कि आयोग इसे जल्द वापस ले। एक शिफ्ट में एक ही दिन परीक्षा का आयोजन किया जाए।
पेपर लीक होने की वजह से रद्द हुई थी BPSC परीक्षा
आपको बता दें कि, पेपर लीक होने की वजह से 67वीं बीपीएससी परीक्षा रद हुई थी। हाल ही में पीटी परीक्षा की नई तिथि की घोषणा आयोग ने की है। अब पीटी की परीक्षा 20 और 22 सितंबर को होगी। इस बार परीक्षा में परसेंटाइल सिस्टम लागू किया गया है। साथ ही, दो पालियों में परीक्षा को कराने का निर्णय भी लिया गया है। इसी के विरोध में आज अभ्यर्थियों ने बीपीएससी ऑफिस के बाहर प्रदर्शन किया।
छात्रों ने विस्तार से बताई समस्या
इस मामले पर छात्र नेता दिलीप कुमार ने बताया, कि 'समस्त अभ्यर्थियों की ये मांग है कि बीपीएससी पीटी परीक्षा सिर्फ एक दिन और एक ही पाली में आयोजित होनी चाहिए। परसेंटाइल सिस्टम घातक है। इसमें अभ्यर्थियों के वास्तविक अंक पर मूल्यांकन नहीं होगा। बल्कि आभासी अंक पर मूल्यांकन किया जाएगा। दो दिन परीक्षा होने से समस्या यह है कि दोनों के प्रश्न पत्र का स्तर अलग-अलग होगा। उन्होंने आगे कहा, कि अभी तक यूपीएससी या किसी भी राज्य स्तरीय सिविल सेवा की पीटी परीक्षा सिर्फ एक ही पाली में होती आयी है। खेल के बीच में नियम नहीं बदले जाते। एक बार पीटी परीक्षा हो चुकी है, लेकिन पेपर लीक के कारण रद्द किया गया। अचानक से नियम बदल नहीं सकते। कोई भी नया नियम लागू करने से पहले उसे राज्य कैबिनेट से पारित कराना होता है। परीक्षा की तिथि भी यूपीएससी मुख्य परीक्षा के आसपास रखी गई है। इससे अभ्यर्थियों को काफी परेशानी होगी।'