Bihar Politics: बिहार में दही चूड़ा-भोज के जरिए सियासी समीकरण साधने की कोशिश, लालू यादव करेंगे बड़ा आयोजन, नीतीश की हिस्सेदारी पर निगाहें
Bihar Politics: विभिन्न राजनीतिक दलों की ओर से इस मौके पर अलग-अलग आयोजन की तैयारियां की गई हैं। लोकसभा चुनाव नजदीक होने के कारण कोई भी राजनीतिक दल इस मामले में पीछे नहीं रहना चाहता।
Bihar Politics: मकर संक्रांति का पर्व देश के विभिन्न हिस्सों में पूरे उत्साह के साथ मनाया जाता है मगर बिहार में इस पर्व के मौके पर सियासी समीकरण भी साधे जाते रहे हैं। इस बार भी ऐसा ही माहौल दिखेगा और दही-चूड़ा भोज के जरिए सियासत को साधने की कोशिश की जाएगी। विभिन्न राजनीतिक दलों की ओर से इस मौके पर अलग-अलग आयोजन की तैयारियां की गई हैं। लोकसभा चुनाव नजदीक होने के कारण कोई भी राजनीतिक दल इस मामले में पीछे नहीं रहना चाहता।
राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव की ओर से राबड़ी आवास पर दही-चूड़ा भोज के बड़े आयोजन की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। सबकी निगाहें इस बात पर लगी हुई हैं कि जदयू अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस आयोजन में हिस्सा लेने के लिए पहुंचते हैं या नहीं। इस बात का इंतजार इसलिए भी किया जा रहा है क्योकि लालू और नीतीश की लंबे समय से मुलाकात नहीं हो सकी है।
लालू की ओर से बड़े भोज का आयोजन
वैसे मकर संक्रांति के मौके पर सियासी समीकरण साधनों का सिलसिला लंबे समय से चलता रहा है। बिहार से लेकर दिल्ली तक इस मौके पर तमाम तरह के आयोजन होते रहे हैं। वैसे बिहार में दही-चूड़ा भोज की ज्यादा धूम दिखती रही है। हर साल की तरह राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव इस बार भी मकर संक्रांति के मौके पर बड़ा आयोजन करने जा रहे हैं। राजद की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर 14 जनवरी को दही-चूड़ा भोज का आयोजन किया जाएगा।
राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव खुद इस भोज की तैयारियों की देखरेख में जुटे हुए हैं। राजद सूत्रों का कहना है कि इस भोज के लिए 10 क्विंटल दही और पांच क्विंटल चूड़े की व्यवस्था की गई है। दही-चूड़ा भोज में हिस्सा लेने वाले लोगों के लिए तिलकुट आलू-गोभी व मटर की सब्जी और अन्य व्यंजनों की व्यवस्था भी की जाएगी। इस भोज में हिस्सा लेने के लिए सियासी दिग्गजों के साथ ही पार्टी कार्यकर्ताओं को भी न्योता दिया गया है।
नीतीश की हिस्सेदारी पर सबकी निगाहें
इस भोज में सबकी निगाहें इस बात पर लगी हुई हैं कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसमें हिस्सा लेते हैं या नहीं। उल्लेखनीय बात यह है कि नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव की लंबे समय से मुलाकात नहीं हुई है। इस महीने की शुरुआत में राबड़ी देवी के जन्मदिन के मौके पर बधाई देने के लिए भी नीतीश कुमार राबड़ी आवास पर नहीं पहुंचे थे। नीतीश कुमार ने पिछले महीने के आखिर में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की कमान संभाली थी मगर उसके बाद अभी तक लालू यादव से उनकी मुलाकात नहीं हुई है।
लालू भी नीतीश से मुलाकात करने के लिए लंबे अरसे से उनके आवास पर नहीं पहुंचे हैं। इस कारण बिहार के सियासी हल्कों में चर्चा है कि दही-चूड़ा भोज के जरिए दोनों नेताओं के बीच मुलाकात हो सकती है। इस मुलाकात पर सबकी निगाहें इसलिए भी लगी हुई हैं क्योंकि बीच-बीच में दोनों दलों के बीच खींचतान की खबरें भी आती रही हैं।
भाजपा और जदयू की ओर से भी आयोजन
भाजपा किसान मोर्चा की ओर से भी मकर संक्रांति के उपलक्ष्य में पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में बड़े भोज का आयोजन किया जा रहा है। 15 जनवरी को होने वाले इस आयोजन में बिहार प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सम्राट चौधरी और नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा समेत बिहार भाजपा के अन्य सभी प्रमुख नेता, कार्यकर्ता और अन्य लोग हिस्सा लेंगे। नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा की ओर से भी आज अपने आवास पर भोज का आयोजन किया जा रहा है।
जदयू के राष्ट्रीय महासचिव राजीव रंजन की ओर से शनिवार को मकर संक्रांति के सिलसिले में दही-चूड़ा भोज का आयोजन होगा। इसके अलावा अन्य राजनीतिक दलों और अन्य संगठनों की ओर से भी भोज के आयोजन किए जा रहे हैं। सियासी जानकारों को मानना है कि लोकसभा चुनाव नजदीक होने के कारण सियासी दिग्गज इन भोजों के जरिए सियासी समीकरण साधने की कोशिश में जुटे हुए हैं। आने वाले दिनों में इसका नतीजा दिखने की संभावना है।